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पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ हुआ होलिका दहन, कुशीनगर में शनिवार को भस्म से खेली जाएगी होली

कुशीनगर: जिले में होलिका दहन विधिवत रीति रिवाजों के साथ किया गया. यहां रंग गुलाल की होली से पहले लोग होलिका भस्म लगाने को शुभ मानते हैं. देर रात 10:16 बजे होलिका दहन किया गया.

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रीति रिवाजों के साथ हुआ होलिका दहन
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Published : Mar 18, 2022, 5:14 PM IST

कुशीनगर: जिले में होलिका दहन शुक्रवार को विधिवत रीति रिवाजों के साथ किया गया. यहां रंग गुलाल की होली से पहले लोग होलिका भस्म लगाने को शुभ मानते हैं. देर रात 10:16 बजे होलिका दहन किया गया.

हिंदू शास्त्रों में भद्राकाल में कोई भी शुभ काम किए जाने के कारण इस बार देर रात 12:57 बजे के बाद होलिका दहन किया गया. कुछ ज्योतिष विद्वानों ने होलिका दहन रात 09:06 बजे से लेकर 10:16 बजे के बीच भी किए जाने की बात कही थी क्योंकि इस समय भद्रा की पूंछ था. भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है. जिले के गाँवो व अधिकांश जगहों पर शाम से ही बच्चें होलिका दहन के लिए सुखी लकड़ी, कंडे, पत्ते इत्यादि का इंतजाम करने में जुट गए. भद्रकाल के खत्म होने के बाद सभी ने नाचते-गाते होलिका दहन किया. होलिका दहन के पूर्व ग्रामीणों ने गए फाग, बजाए ढोल, मंजीरे और दहन के साथ पूरी रात हुढ़दग किया.

रीति रिवाजों के साथ हुआ होलिका दहन

जिले में ग्रामीणों ने होलिका में चावल, धूप, फूल, गाय के गोबर के कंडे अर्पित किए. सभी ने होलिका की परिक्रमा करते हुए आशीर्वाद लिया. फिर घर उपयोग किये उपटन के अवशेष होलिका में डाला गया. 5 से 7 बच्चो ने हाथों में पत्ते की मशाल लेकर 5 बार होली की परिक्रमा कर होलिका दहन किया.

होलिका के भस्म से मनेगी होली, ये है मान्यता

होलिका की भस्म के लिए एक मान्यता है इसे घर में लाने से नकारात्मक और अशुभ शक्तियों का प्रभाव खत्म होता है. इसलिए लोग इसे घर में लाकर रखते हैं. वहीं, कुछ लोग इसे ताबीज में भरकर धारण करते हैं जिससे नकारात्मक शक्तियों और तंत्र-मंत्र के प्रभाव से बच सकें. मान्यता है कि होली की भस्म शुभ होती है और इसमें देवताओं की कृपा होती है. भस्म को माथे पर लगाने से भाग्य अच्छा होता है और बुद्धि बढ़ती है. एक मान्यता यह भी है कि भस्म में शरीर के अंदर स्थित दूषित द्रव्य सोख लेने की क्षमता होती है. इस कारण भस्म लेपन करने से कई तरह के चर्म रोग नहीं होते हैं.

रंगों का असर और साइड इफेक्ट

होली सुरक्षित तरीके से खेलें. यदि किसी की आंखों में गुलाल चला जाता है तो तुरंत ठंडे पानी से धो लें. यदि दिक्कत ज्यादा हो तो इमरजेंसी सेवाओं के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर तुरंत इलाज कराएं. डॉ. रुपेश कुशवाहा ने होली की शुभकामनाएं देते हुए होली पर हर्बल और अच्छी किस्म के रंगों के साथ होली खेलने की सलाह दी. रंग लगाते हुए ध्यान रखे कि किसी के कान और आंख में गुलाल न डाले. परेशानी होने पर प्राथमिक उपचार कराएं. मौसम के बदलाव के कारण पेट और सांस के मरीज ज्यादा आ रहे हैं. इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

यह भी पढ़ें:Happy Holi 2022: भाई बुरा न मानो होली है ! जोगीरा सा रा रा रा..


भगवा उत्सव कार्यक्रम के तहत होली मनाई गई

लखनऊ के इंजीनियरिंग कॉलेज में भगवाउत्सव कार्यक्रम के तहत होली मनाई गई. सभी नुक्कड़,चौराहों और कॉलोनियों में लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. भगवा उत्सव में स्थानीय डॉ. नीरज बोरा भी मौजूद रहे.

इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर लोगों के बीच जाकर स्थानीय विधायक डॉक्टर नीरज ने गुलाल और रंग लगाकर एक-दूसरे को मुबारकबाद दी. लोगों ने एक दूसरे को गुजिया और मिठाईयां भी खिलाई.

विधायक डॉ. नीरज बोरा से जब होली मनाते हुए उस दौरान बात की गई तो उन्होंने बताया कि होली लोगों के लिए एक सबसे अच्छे पर्व में से एक है. इसको लोगों मे लंबा इंतजार रहता है. वही आज लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है और सभी लोग धूमधाम से होली मना रहे हैं.


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कुशीनगर: जिले में होलिका दहन शुक्रवार को विधिवत रीति रिवाजों के साथ किया गया. यहां रंग गुलाल की होली से पहले लोग होलिका भस्म लगाने को शुभ मानते हैं. देर रात 10:16 बजे होलिका दहन किया गया.

हिंदू शास्त्रों में भद्राकाल में कोई भी शुभ काम किए जाने के कारण इस बार देर रात 12:57 बजे के बाद होलिका दहन किया गया. कुछ ज्योतिष विद्वानों ने होलिका दहन रात 09:06 बजे से लेकर 10:16 बजे के बीच भी किए जाने की बात कही थी क्योंकि इस समय भद्रा की पूंछ था. भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है. जिले के गाँवो व अधिकांश जगहों पर शाम से ही बच्चें होलिका दहन के लिए सुखी लकड़ी, कंडे, पत्ते इत्यादि का इंतजाम करने में जुट गए. भद्रकाल के खत्म होने के बाद सभी ने नाचते-गाते होलिका दहन किया. होलिका दहन के पूर्व ग्रामीणों ने गए फाग, बजाए ढोल, मंजीरे और दहन के साथ पूरी रात हुढ़दग किया.

रीति रिवाजों के साथ हुआ होलिका दहन

जिले में ग्रामीणों ने होलिका में चावल, धूप, फूल, गाय के गोबर के कंडे अर्पित किए. सभी ने होलिका की परिक्रमा करते हुए आशीर्वाद लिया. फिर घर उपयोग किये उपटन के अवशेष होलिका में डाला गया. 5 से 7 बच्चो ने हाथों में पत्ते की मशाल लेकर 5 बार होली की परिक्रमा कर होलिका दहन किया.

होलिका के भस्म से मनेगी होली, ये है मान्यता

होलिका की भस्म के लिए एक मान्यता है इसे घर में लाने से नकारात्मक और अशुभ शक्तियों का प्रभाव खत्म होता है. इसलिए लोग इसे घर में लाकर रखते हैं. वहीं, कुछ लोग इसे ताबीज में भरकर धारण करते हैं जिससे नकारात्मक शक्तियों और तंत्र-मंत्र के प्रभाव से बच सकें. मान्यता है कि होली की भस्म शुभ होती है और इसमें देवताओं की कृपा होती है. भस्म को माथे पर लगाने से भाग्य अच्छा होता है और बुद्धि बढ़ती है. एक मान्यता यह भी है कि भस्म में शरीर के अंदर स्थित दूषित द्रव्य सोख लेने की क्षमता होती है. इस कारण भस्म लेपन करने से कई तरह के चर्म रोग नहीं होते हैं.

रंगों का असर और साइड इफेक्ट

होली सुरक्षित तरीके से खेलें. यदि किसी की आंखों में गुलाल चला जाता है तो तुरंत ठंडे पानी से धो लें. यदि दिक्कत ज्यादा हो तो इमरजेंसी सेवाओं के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर तुरंत इलाज कराएं. डॉ. रुपेश कुशवाहा ने होली की शुभकामनाएं देते हुए होली पर हर्बल और अच्छी किस्म के रंगों के साथ होली खेलने की सलाह दी. रंग लगाते हुए ध्यान रखे कि किसी के कान और आंख में गुलाल न डाले. परेशानी होने पर प्राथमिक उपचार कराएं. मौसम के बदलाव के कारण पेट और सांस के मरीज ज्यादा आ रहे हैं. इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

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भगवा उत्सव कार्यक्रम के तहत होली मनाई गई

लखनऊ के इंजीनियरिंग कॉलेज में भगवाउत्सव कार्यक्रम के तहत होली मनाई गई. सभी नुक्कड़,चौराहों और कॉलोनियों में लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. भगवा उत्सव में स्थानीय डॉ. नीरज बोरा भी मौजूद रहे.

इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर लोगों के बीच जाकर स्थानीय विधायक डॉक्टर नीरज ने गुलाल और रंग लगाकर एक-दूसरे को मुबारकबाद दी. लोगों ने एक दूसरे को गुजिया और मिठाईयां भी खिलाई.

विधायक डॉ. नीरज बोरा से जब होली मनाते हुए उस दौरान बात की गई तो उन्होंने बताया कि होली लोगों के लिए एक सबसे अच्छे पर्व में से एक है. इसको लोगों मे लंबा इंतजार रहता है. वही आज लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है और सभी लोग धूमधाम से होली मना रहे हैं.


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