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अफवाहों की वजह से भट्ठे के मजदूर नहीं लगवा रहे थे टीका, स्वास्थ्यकर्मियों ने समझाकर किया राजी

कुशीनगर में कोरोना की तीसरी लहर (ओमीक्रोन वेरिएंट) को देखते हुए सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को डोर टू डोर टीकाकरण के लिए भेज रही है. ताकि कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां पूरी हो सकें.

भट्ठे के मजदूर नहीं लगवा रहे थे टीका
भट्ठे के मजदूर नहीं लगवा रहे थे टीका
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Published : Dec 14, 2021, 6:35 PM IST

कुशीनगरः कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को डोर टू डोर टीकाकरण के लिए भेज रही है, ताकि कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां पूरी हो सके. कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने सभी लोगों को मुफ्त टीकाकरण योजना चलाई. ताकि सभी लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया जा सके.

शुरुआती समय में टीकाकरण को लेकर उपजे अफवाहों का असर पिछड़े इलाके के अशिक्षित लोगों में साफ देखा जा रहा है. सरकार इन अफवाहों और लोगों के मन में उपजे भ्रम को दूर करने के लिए गांव-गांव जाकर जागरुकता रैली, टेलीविजन और प्रसार माध्यमों में विज्ञापन से लोगों के भ्रम को दूर करने का काम कर रही है. इसके साथ ही टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.

स्वास्थ्यकर्मियों ने समझाकर किया राजी

लिहाजा आज देश में एक अरब से अधिक लोगों ने कोरोना रोधी टीके लगवा लिए हैं. लेकीन अशिक्षा और अफवाहों के बीच जीवन बिता रहे लोग अभी भी कोरोना रोधी टिका लगवाने से भाग रहे हैं.

कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां
कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां

कुशीनगर जिले में चल रहे डोर टू डोर टीकाकरण अभियान के तहत मोतीचक (मथौली) ब्लॉक के स्वास्थ्यकर्मियों की टीम गांव-गांव जाकर लोगों का सर्वे कर टीकाकरण करा रही है. इसी अभियान के तहत खैरटवा स्थित ईंट-भट्ठे पर काम कर रहे मजदूरों की टीकारण की स्थिति जानने पहुंची. स्वास्थ्य टीम को आता देख बिहार से आये मजदूर भागकर खेतों में छिपने लगे हैं. कुछ कहने लगे कि हमारा टीका लग गया है. टीकाकरण होने का प्रमाणपत्र जब स्वास्थ्यकर्मियों ने दिखाने को कहा तो वे बहाने बनाने लगे. काफी देर स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने प्रयास किया पर सफल न हो सके, तो उन्होंने अपने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी और चले गए.

कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां
कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां

कुछ ही देर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीचक (मथौली) के वैक्सीन इंचार्ज राकेश मद्देशिया टीम के साथ कुछ स्थानी लोगों को लेकर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने टीका न लगवाने की वजह जानने की कोशिश की. बिहार प्रान्त के लखीसराय जिले से आये मजदूर संतोष सिंह ने बताया कि हमने सुना है कि बिहार में कई लोग कोरोनारोधी टीका लगवाए और मर गए. इसी वजह से हम नहीं लगवा रहे हैं. इन्हीं के साथ रहने वाले एक अन्य मजदूर ने बताया कि हम ठेकेदार द्वारा बिहार से ईंट पथाई के लिए यहां लाये गए हैं. हमने अब तक कोरोना के टीका का कोई भी डोज नहीं लिया है. हमलोगों ने सुना है कि जो भी टिका लगवाता है, वो मर जाता है. अब हमें सर जी लोगों ने बताया कि वो सिर्फ अफवाह थी. टीकारण हमें खतरनाक बीमारी से बचाएगा. अब हम भी टीका लगवा लेंगे.

कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां
कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां

इसे भी पढ़ें- अदार पूनावाला का एलान, अगले 6 महीनों में लॉन्च होगी 3 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन

मोतीचक मथौली के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर सुनील कुमार ने बताया कि हमारी 30 टीम पूरे ब्लॉक में डोर टू डोर जाकर लोगों को टीका लगाने का काम कर रही है, ताकि हम शत प्रतिशत टीकाकरण को पूरा कर सके. इस अभियान के तहत महुअवा सतभरिया गांव में तीन गर्भवती महिलाएं टीका नहीं लगवा रही थीं. उनको समझा बुझाकर राजी किया गया. वहीं खैरटवा स्थित इस भठ्ठे पर काम करने वाले बिहार के मजदूरों ने भी टीका नहीं लगवाया है. पुरुषों से बात कर उन्हें टीकाकरण के लिए राजी किया गया है, पर कुछ महिलाएं खेतों में जाकर छुप जा रही हैं. उन्हें भी समझा कर टीका लगवाने का प्रयास किया जा रहा है.

कुशीनगरः कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को डोर टू डोर टीकाकरण के लिए भेज रही है, ताकि कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां पूरी हो सके. कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने सभी लोगों को मुफ्त टीकाकरण योजना चलाई. ताकि सभी लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया जा सके.

शुरुआती समय में टीकाकरण को लेकर उपजे अफवाहों का असर पिछड़े इलाके के अशिक्षित लोगों में साफ देखा जा रहा है. सरकार इन अफवाहों और लोगों के मन में उपजे भ्रम को दूर करने के लिए गांव-गांव जाकर जागरुकता रैली, टेलीविजन और प्रसार माध्यमों में विज्ञापन से लोगों के भ्रम को दूर करने का काम कर रही है. इसके साथ ही टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.

स्वास्थ्यकर्मियों ने समझाकर किया राजी

लिहाजा आज देश में एक अरब से अधिक लोगों ने कोरोना रोधी टीके लगवा लिए हैं. लेकीन अशिक्षा और अफवाहों के बीच जीवन बिता रहे लोग अभी भी कोरोना रोधी टिका लगवाने से भाग रहे हैं.

कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां
कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां

कुशीनगर जिले में चल रहे डोर टू डोर टीकाकरण अभियान के तहत मोतीचक (मथौली) ब्लॉक के स्वास्थ्यकर्मियों की टीम गांव-गांव जाकर लोगों का सर्वे कर टीकाकरण करा रही है. इसी अभियान के तहत खैरटवा स्थित ईंट-भट्ठे पर काम कर रहे मजदूरों की टीकारण की स्थिति जानने पहुंची. स्वास्थ्य टीम को आता देख बिहार से आये मजदूर भागकर खेतों में छिपने लगे हैं. कुछ कहने लगे कि हमारा टीका लग गया है. टीकाकरण होने का प्रमाणपत्र जब स्वास्थ्यकर्मियों ने दिखाने को कहा तो वे बहाने बनाने लगे. काफी देर स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने प्रयास किया पर सफल न हो सके, तो उन्होंने अपने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी और चले गए.

कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां
कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां

कुछ ही देर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीचक (मथौली) के वैक्सीन इंचार्ज राकेश मद्देशिया टीम के साथ कुछ स्थानी लोगों को लेकर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने टीका न लगवाने की वजह जानने की कोशिश की. बिहार प्रान्त के लखीसराय जिले से आये मजदूर संतोष सिंह ने बताया कि हमने सुना है कि बिहार में कई लोग कोरोनारोधी टीका लगवाए और मर गए. इसी वजह से हम नहीं लगवा रहे हैं. इन्हीं के साथ रहने वाले एक अन्य मजदूर ने बताया कि हम ठेकेदार द्वारा बिहार से ईंट पथाई के लिए यहां लाये गए हैं. हमने अब तक कोरोना के टीका का कोई भी डोज नहीं लिया है. हमलोगों ने सुना है कि जो भी टिका लगवाता है, वो मर जाता है. अब हमें सर जी लोगों ने बताया कि वो सिर्फ अफवाह थी. टीकारण हमें खतरनाक बीमारी से बचाएगा. अब हम भी टीका लगवा लेंगे.

कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां
कोरोना के तीसरी लहर के पहले बचाव की तैयारियां

इसे भी पढ़ें- अदार पूनावाला का एलान, अगले 6 महीनों में लॉन्च होगी 3 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन

मोतीचक मथौली के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर सुनील कुमार ने बताया कि हमारी 30 टीम पूरे ब्लॉक में डोर टू डोर जाकर लोगों को टीका लगाने का काम कर रही है, ताकि हम शत प्रतिशत टीकाकरण को पूरा कर सके. इस अभियान के तहत महुअवा सतभरिया गांव में तीन गर्भवती महिलाएं टीका नहीं लगवा रही थीं. उनको समझा बुझाकर राजी किया गया. वहीं खैरटवा स्थित इस भठ्ठे पर काम करने वाले बिहार के मजदूरों ने भी टीका नहीं लगवाया है. पुरुषों से बात कर उन्हें टीकाकरण के लिए राजी किया गया है, पर कुछ महिलाएं खेतों में जाकर छुप जा रही हैं. उन्हें भी समझा कर टीका लगवाने का प्रयास किया जा रहा है.
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