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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 14 साल की सजा, कुशीनगर की जिला अदालत ने दिया आदेश

नाबालिग से दुष्कर्म (rape of minor) के बाद जान से मारने की धमकी देने के आरोपी को जिला न्यायालय (District Courts) कुशीनगर ने 14 साल के कारावास के साथ 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अपर एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय (पॉक्सो) एक्ट कोर्ट नंबर 1/ पीठासीन अधिकारी बाल श्रम न्यायालय ने सजा सुनाई है.

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Published : Oct 28, 2022, 9:59 AM IST

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कुशीनगर : नाबालिग से दुष्कर्म के बाद जान से मारने की धमकी देने के आरोपी को जिला न्यायालय कुशीनगर ने 14 साल के कारावास के साथ 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अपर एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय (पॉक्सो) एक्ट कोर्ट नंबर 1/ पीठासीन अधिकारी बाल श्रम न्यायालय ने सजा सुनाई है.

अभियोजन के मुताबिक घटना 6 जून 2014 को अभियुक्त शफीक निवासी अंध्या टोला हतवाटोला थाना कसया ने 10 वर्षीय नाबालिक को अपहृत कर अपने घर ले जा कर दुष्कर्म किया. इसके बाद घटना की जानकारी किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी दी. इस मामले में कसया थाने पर धारा 376 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 3/4लैंगिक अपराधों में बालकों के संरक्षण में मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की गई.

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फूल बदन ने बताया कि दोषी अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा का प्रावधान करने की मांग की गई. क्योंकि मामला नाबालिग के साथ अत्यंत ही निकृष्ट स्तर का अपराध करने को लेकर था. इसको देखते हुए अपर एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय (पॉक्सो) एक्ट कोर्ट नंबर 1/ पीठासीन अधिकारी बाल श्रम न्यायालय के न्यायाधीश अमित कुमार त्रिपाठी ने दोषी को 14 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ ही 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड न देने की स्थिति में तीन माह की सजा बढ़ाई जाएगी. धमकी देने की धारा 506 में एक वर्ष की सजा तथा दो हजार रुपये का अर्थदंड प्रावधान किया गया. अन्यथा की स्थिति में एक माह की अतिरिक्त की सजा भुगतनी होगी.

यह भी पढ़ें: दुनिया में बज रहा अपराध के खिलाफ योगी सरकार के मॉडल का डंका, ट्विटर पर कर रहा टॉप ट्रेंड

कुशीनगर : नाबालिग से दुष्कर्म के बाद जान से मारने की धमकी देने के आरोपी को जिला न्यायालय कुशीनगर ने 14 साल के कारावास के साथ 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अपर एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय (पॉक्सो) एक्ट कोर्ट नंबर 1/ पीठासीन अधिकारी बाल श्रम न्यायालय ने सजा सुनाई है.

अभियोजन के मुताबिक घटना 6 जून 2014 को अभियुक्त शफीक निवासी अंध्या टोला हतवाटोला थाना कसया ने 10 वर्षीय नाबालिक को अपहृत कर अपने घर ले जा कर दुष्कर्म किया. इसके बाद घटना की जानकारी किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी दी. इस मामले में कसया थाने पर धारा 376 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 3/4लैंगिक अपराधों में बालकों के संरक्षण में मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की गई.

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फूल बदन ने बताया कि दोषी अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा का प्रावधान करने की मांग की गई. क्योंकि मामला नाबालिग के साथ अत्यंत ही निकृष्ट स्तर का अपराध करने को लेकर था. इसको देखते हुए अपर एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय (पॉक्सो) एक्ट कोर्ट नंबर 1/ पीठासीन अधिकारी बाल श्रम न्यायालय के न्यायाधीश अमित कुमार त्रिपाठी ने दोषी को 14 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ ही 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड न देने की स्थिति में तीन माह की सजा बढ़ाई जाएगी. धमकी देने की धारा 506 में एक वर्ष की सजा तथा दो हजार रुपये का अर्थदंड प्रावधान किया गया. अन्यथा की स्थिति में एक माह की अतिरिक्त की सजा भुगतनी होगी.

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