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पत्नी की हत्या के दोषी पति को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

कौशांबी को कोर्ट ने हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. चलिए जानते हैं पूरे मामले के बारे में.

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न्यायालय ने हत्या के दोषी पति को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, लगाया 20 हजार जुर्माना
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Published : Jan 9, 2023, 6:27 PM IST

कौशांबीः जिले की जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने हत्या के एक मामले में आरोपी पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना मंझनपुर थाना क्षेत्र के कादिराबाद की है. वहां सैनी थाना क्षेत्र के भानीपुर गांव के रहने राजकुमार ने मंझनपुर पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि उसने अपनी बहन सविता देवी की शादी 2001 में कादिराबाद गांव के ही रहने वाले कालका से हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार की थी. शादी के कुछ साल बाद कालका का भाभी के साथ अवैध सबंध बन गया. अवैध संबंध की जानकारी जब उसकी बहन को हुई तो उसने विरोध करना शुरू किया. विरोध करने पर कालका अपनी पत्नी सविता को आये दिन पीटता था.

बहन के साथ मारपीट करने की जानकारी मिलने पर शिकायतकर्ता राजकुमार 22 जून 2016 को अपनी बहन को बुलाने गया लेकिन कालका ने उसे नही भेजा. आरोप है कि 23 जून 2016 की रात कालका ने सविता को गला दबाकर मार डाला. इस मामले में पुलिस ने मृतका के भाई की तहरीर पर आरोपी पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

विवेचना के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. मामला अपर सत्र न्यायाधीश देवेश चंद्र गुप्ता की न्यायालय में पेश हुआ. इस दौरान शासकीय अधिवक्ता प्रेम प्रकाश चौधरी ने गवाहों के बयान न्यायालय में दाखिल करवाए. गवाहों के बयान और पत्रावली के अवलोकन के बाद सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश देवेश चंद्र गुप्ता ने आरोपी कालका को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया. अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को एक साल अतरिक्त सजा भुगतने का फैसला सुनाया.

ये भी पढ़ेंः महराजगंज में आठवीं के छात्र ने गले पर चाकू रख छात्रा की मांग में भरा सिंदूर

कौशांबीः जिले की जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने हत्या के एक मामले में आरोपी पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना मंझनपुर थाना क्षेत्र के कादिराबाद की है. वहां सैनी थाना क्षेत्र के भानीपुर गांव के रहने राजकुमार ने मंझनपुर पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि उसने अपनी बहन सविता देवी की शादी 2001 में कादिराबाद गांव के ही रहने वाले कालका से हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार की थी. शादी के कुछ साल बाद कालका का भाभी के साथ अवैध सबंध बन गया. अवैध संबंध की जानकारी जब उसकी बहन को हुई तो उसने विरोध करना शुरू किया. विरोध करने पर कालका अपनी पत्नी सविता को आये दिन पीटता था.

बहन के साथ मारपीट करने की जानकारी मिलने पर शिकायतकर्ता राजकुमार 22 जून 2016 को अपनी बहन को बुलाने गया लेकिन कालका ने उसे नही भेजा. आरोप है कि 23 जून 2016 की रात कालका ने सविता को गला दबाकर मार डाला. इस मामले में पुलिस ने मृतका के भाई की तहरीर पर आरोपी पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

विवेचना के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. मामला अपर सत्र न्यायाधीश देवेश चंद्र गुप्ता की न्यायालय में पेश हुआ. इस दौरान शासकीय अधिवक्ता प्रेम प्रकाश चौधरी ने गवाहों के बयान न्यायालय में दाखिल करवाए. गवाहों के बयान और पत्रावली के अवलोकन के बाद सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश देवेश चंद्र गुप्ता ने आरोपी कालका को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया. अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को एक साल अतरिक्त सजा भुगतने का फैसला सुनाया.

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