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अवैध निर्माण के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन

यूपी के कानपुर जिले में कमिश्नर ने अवैध निर्माण के खिलाफ तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस टीम में एसडीएम सदर और सीडीए के अपर सचिव भी शामिल हैं. यह टीम भू माफिया द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले मामले में जांच के लिए गठित की गई.

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अवैध निर्माणों के खिलाफ तीन सदस्यीय टीम का गठन
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Published : Feb 23, 2021, 3:04 PM IST

कानपुर: जिले में भू माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है. श्याम नगर इलाके में पीएसी बाउंड्री से लगे आराजी संख्या 470 के लगभग 22 बीघा पर हाउसिंग सोसायटी तेजी से प्लॉटिंग कर रही हैं. पार्षद राजीव सेतिया ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की थी. कमिश्नर डॉ. राज शेखर ने सोमवार को एक टीम गठित की, जिसकी अध्यक्षता एडीएम आपूर्ति करेंगे. टीम में एसडीएम सदर और सीडीए के अपर सचिव भी शामिल हैं. यह टीम भू माफिया द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले मामले में जांच के लिए गठित की गई.

जांच में क्या हुआ
मंगलवार को कमिश्नर ने जांच प्रगति की समीक्षा की. समिति द्वारा जांच में यह पता चला कि जो जमीन सरकारी बताई जा रही है, वह दस्तावेजों में केडीए के नाम से दर्ज नहीं है. विकास प्राधिकरण उसका मुकदमा भी हार चुका है, फिर भी विकास प्राधिकरण ने निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किया है. साथ ही लेआउट दिखाने के लिए भी कहा गया है. अगर कोई व्यक्ति निजी जमीन पर भी निर्माण करता है तो उसे केडीए से लेआउट पास कराना पड़ता है. जांच में कुछ जमीन पर स्टे होने की बात सामने आई है. समिति इस बिंदु पर भी जांच कर रही है. साथ ही अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है.

कानपुर: जिले में भू माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है. श्याम नगर इलाके में पीएसी बाउंड्री से लगे आराजी संख्या 470 के लगभग 22 बीघा पर हाउसिंग सोसायटी तेजी से प्लॉटिंग कर रही हैं. पार्षद राजीव सेतिया ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की थी. कमिश्नर डॉ. राज शेखर ने सोमवार को एक टीम गठित की, जिसकी अध्यक्षता एडीएम आपूर्ति करेंगे. टीम में एसडीएम सदर और सीडीए के अपर सचिव भी शामिल हैं. यह टीम भू माफिया द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले मामले में जांच के लिए गठित की गई.

जांच में क्या हुआ
मंगलवार को कमिश्नर ने जांच प्रगति की समीक्षा की. समिति द्वारा जांच में यह पता चला कि जो जमीन सरकारी बताई जा रही है, वह दस्तावेजों में केडीए के नाम से दर्ज नहीं है. विकास प्राधिकरण उसका मुकदमा भी हार चुका है, फिर भी विकास प्राधिकरण ने निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किया है. साथ ही लेआउट दिखाने के लिए भी कहा गया है. अगर कोई व्यक्ति निजी जमीन पर भी निर्माण करता है तो उसे केडीए से लेआउट पास कराना पड़ता है. जांच में कुछ जमीन पर स्टे होने की बात सामने आई है. समिति इस बिंदु पर भी जांच कर रही है. साथ ही अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है.

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