कानपुर: शहर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी व चाचा इश्तियाक सोलंकी को एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई. सपा विधायक इरफान सोलंकी के अधिवक्ता का दावा है कि एक ही मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने दो बार एफआईआर दर्ज कर दी थी. इस तथ्य को आधार मानकर सपा विधायक को जमानत कोर्ट ने दी.
जबकि दूसरी ओर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों का कहना है कि सपा विधायक को एक जनसुनवाई के मामले में जमानत का फैसला सुनाया गया. लेकिन अब पुलिस सपा विधायक के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेगी. साथ ही इनके खिलाफ जरूरी साक्ष्य भी मुहैया कराएगी. हालांकि, इस मामले की चर्चा पूरे शहर में जोरों पर है. सपा विधायक के समर्थक जहां बेहद खुश हैं, वहीं पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने अब पुन: अपील के दस्तावेज तैयार करना शुरू कर दिए हैं.
सपा विधायक को जेल में ही रहना होगा: संयुक्त पुलिस आयुक्त आनन्द प्रकाश तिवारी ने बताया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान व चाचा को भले एक मामले में जमानत के आदेश हो गए हों. मगर सपा विधायक व अन्य को जेल में ही रहना होगा. उन्होंने कहा, सपा विधायक व उक्त सभी रिश्तेदारों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. जिनमें न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई जारी है. इसलिए फिलहाल सपा विधायक को कहीं से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.
महिला ने लगाया था प्लॉट कब्जाने का आरोप: बता दें कि सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी व उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ जाजमऊ निवासी नसीम ने प्लॉट पर आगजनी कर उसे कब्जाने का आरोप लगाया था. इसके बाद जाजमऊ थाना में सपा विधायक इरफ़ान व उनके भाई रिजवान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से सपा विधायक व उनके परिचितों व सहयोगियों के खिलाफ कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए.
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