ETV Bharat / state

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस: सेमिनार में वक्ताओं ने बताया कैसे दूर करें तनाव

यूपी के कानपुर जिले के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मनोरोग विभाग ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में कोरोना विजेताओं को भी सम्मानित किया गया.

etv bharat
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सेमिनार का आयोजन.
author img

By

Published : Oct 10, 2020, 10:30 PM IST

कानपुर: परीक्षा से पहले की पढ़ाई और सालभर की पढ़ाई में अंतर होता है, यह तनाव का कमाल है. इसलिए तनाव को निगेटिव न लेकर पॉजिटिव लेना सीख लें तो तनाव गायब हो जाएगा. यह बातें एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर कहीं. वे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मनोरोग विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. सेमिनार में कोरोना विजेताओं को भी सम्मानित किया गया. मेडिसिन विभाग के सभागार में मेडिकल कॉलेज के सभी सीनियर फैकल्टी और डॉक्टर्स मौजूद रहे.

तनाव को परेशानी नहीं, अपने लिए मौका समझें

सेमिनार के मुख्य अतिथि एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि तनाव अंदर और बाहर दोनों रूप में हो सकता है. पहले जब मैंने पुलिस में सेवा देनी शुरू की तो किसी मर्डर, लूट की खबर मिलते ही हार्ट बीट बढ़ जाती थी. यह महसूस होता था कि यह क्राइम हमने किया है. यह जो एक्सपीरियंस है इसमें स्ट्रेस बढ़ जाता था, लेकिन अब सूचना मिलने के बाद यह कुछ कर दिखाने का मौका जैसा लगता है. पहले वाली रिएक्शन नहीं होती है. इससे एक किक या थ्रिल मिलता है. यदि हम तनाव को अपने लिए मुश्किल मान लें तो जिदगी भर अलग-अलग मामलों में तनाव हैं. ऐसे तो पूरी जिदगी हम कभी भी रिलैक्स नहीं हो पाएंगे. फिर जो प्रकृति ने हमें बचाव के लिए दिया वो नुकसान का काम करेगा. अगर हम इसको समझ जाएं तो स्ट्रेस को निगेटिव से पॉजिटिव में बदल सकते हैं. आपको स्ट्रेस में मजा आने लगेगा और आप उसका उपयोग कर पाएंगे.

विवेकानंद ने मेंटल हेल्थ को अलग तरह से किया व्यक्त

कार्यक्रम में मौजूद मुख्य वक्ता स्वामी आत्म श्रद्धानंद ने मेंटल हेल्थ को लेकर बताया कि 1895 में स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में व्याख्यान दिया था. इसी दौरान हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में उनके व्याख्यान के बाद सर विलियम जेम्स ने बताया कि उनकी दिशा ही बदल गई. उन्होंने बताया कि विवेकानंद ने मेंटल हेल्थ की जगह ह्यूमन पर्सनालिटी और उसके व्यवहार पर बात की. स्वामी विवेकानंद ने जहां विश्व में धर्म, ज्ञान और दर्शन को अलग समझा जाता था, वहीं भारत में इसके मिश्रित रूप से विश्व को अवगत कराया.

हैप्पीनेस आते ही खत्म हो जाएंगी समस्याएं

स्वामी ने आगे कहा कि क्या मेडिसिन से समस्या हमेशा के लिए खत्म की जा सकती है या काउंसलिंग से उनका निवारण हो सकता है. नहीं, बल्कि किसी भी समस्या का मुख्य कारण है हैप्पीनेस की कमी. जब हम अपने जीवन में हैप्पीनेस ले आएंगे तो हमारे जीवन में समस्याएं खुद ही खत्म हो जाएंगी.

कोरोना से भयभीत न होकर बरते सावधानी

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल ने मेंटल हेल्थ को लेकर बताया कि लोगों में इस वक़्त अजीब सी फीलिंग देखने को मिल रही है. लोगों में कोरोना के डर से आए मानसिक तनाव को साफ देखा जा रहा है. इसलिए लोगों को चाहिए कि कोरोना से डरने की जगह कोरोना के प्रति जो सावधानियां बताई गई हैं, उनका पालन करें. क्योंकि जो सावधानियों का पालन कर रहा है वह सुरक्षित है और अन्य को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

कानपुर: परीक्षा से पहले की पढ़ाई और सालभर की पढ़ाई में अंतर होता है, यह तनाव का कमाल है. इसलिए तनाव को निगेटिव न लेकर पॉजिटिव लेना सीख लें तो तनाव गायब हो जाएगा. यह बातें एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर कहीं. वे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मनोरोग विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. सेमिनार में कोरोना विजेताओं को भी सम्मानित किया गया. मेडिसिन विभाग के सभागार में मेडिकल कॉलेज के सभी सीनियर फैकल्टी और डॉक्टर्स मौजूद रहे.

तनाव को परेशानी नहीं, अपने लिए मौका समझें

सेमिनार के मुख्य अतिथि एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि तनाव अंदर और बाहर दोनों रूप में हो सकता है. पहले जब मैंने पुलिस में सेवा देनी शुरू की तो किसी मर्डर, लूट की खबर मिलते ही हार्ट बीट बढ़ जाती थी. यह महसूस होता था कि यह क्राइम हमने किया है. यह जो एक्सपीरियंस है इसमें स्ट्रेस बढ़ जाता था, लेकिन अब सूचना मिलने के बाद यह कुछ कर दिखाने का मौका जैसा लगता है. पहले वाली रिएक्शन नहीं होती है. इससे एक किक या थ्रिल मिलता है. यदि हम तनाव को अपने लिए मुश्किल मान लें तो जिदगी भर अलग-अलग मामलों में तनाव हैं. ऐसे तो पूरी जिदगी हम कभी भी रिलैक्स नहीं हो पाएंगे. फिर जो प्रकृति ने हमें बचाव के लिए दिया वो नुकसान का काम करेगा. अगर हम इसको समझ जाएं तो स्ट्रेस को निगेटिव से पॉजिटिव में बदल सकते हैं. आपको स्ट्रेस में मजा आने लगेगा और आप उसका उपयोग कर पाएंगे.

विवेकानंद ने मेंटल हेल्थ को अलग तरह से किया व्यक्त

कार्यक्रम में मौजूद मुख्य वक्ता स्वामी आत्म श्रद्धानंद ने मेंटल हेल्थ को लेकर बताया कि 1895 में स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में व्याख्यान दिया था. इसी दौरान हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में उनके व्याख्यान के बाद सर विलियम जेम्स ने बताया कि उनकी दिशा ही बदल गई. उन्होंने बताया कि विवेकानंद ने मेंटल हेल्थ की जगह ह्यूमन पर्सनालिटी और उसके व्यवहार पर बात की. स्वामी विवेकानंद ने जहां विश्व में धर्म, ज्ञान और दर्शन को अलग समझा जाता था, वहीं भारत में इसके मिश्रित रूप से विश्व को अवगत कराया.

हैप्पीनेस आते ही खत्म हो जाएंगी समस्याएं

स्वामी ने आगे कहा कि क्या मेडिसिन से समस्या हमेशा के लिए खत्म की जा सकती है या काउंसलिंग से उनका निवारण हो सकता है. नहीं, बल्कि किसी भी समस्या का मुख्य कारण है हैप्पीनेस की कमी. जब हम अपने जीवन में हैप्पीनेस ले आएंगे तो हमारे जीवन में समस्याएं खुद ही खत्म हो जाएंगी.

कोरोना से भयभीत न होकर बरते सावधानी

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल ने मेंटल हेल्थ को लेकर बताया कि लोगों में इस वक़्त अजीब सी फीलिंग देखने को मिल रही है. लोगों में कोरोना के डर से आए मानसिक तनाव को साफ देखा जा रहा है. इसलिए लोगों को चाहिए कि कोरोना से डरने की जगह कोरोना के प्रति जो सावधानियां बताई गई हैं, उनका पालन करें. क्योंकि जो सावधानियों का पालन कर रहा है वह सुरक्षित है और अन्य को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.