कानपुरः दिल्ली से बिहार जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्पेशल ट्रेन की पैंट्री कार में एक करोड़ 40 लाख रुपये मिले हैं. जिसकी डिलीवरी कानपुर में ही होनी थी. लावारिस मिले ये रुपये फिलहाल जीआरपी के माल खाने में ही जमा है. कर्मचारी किसी रेल अधिकारी का समान समझकर 19 घंटे तक बैग को एक विभाग से दूसरे विभाग भेजते रहे. इसके बाद शक होने के बाद जब बैग को खोला गया, तो सब अवाक हो गये.
रेलवे को कैसे मिली जानकारी
बैग की जानकारी सबसे पहले कमर्शियल कंट्रोल रूम पर आयी थी. फोन करने वाले ने खुद को रेलवे का एक बड़ा अधिकारी बताया था. उसने फोन पर कहा कि ट्रेन की पैंट्री कार में एक बैग है, उसे उतरवा लेना है. जैसे ही ट्रेन देर रात कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची, तो फोन सुनने वाले कर्मचारी ने ट्रेन के पैंट्री कार में पहुंचकर बैग उतरवा लिया. इसके बाद दूसरा फोन कंट्रोल रूम नंबर पर आया. फोन करने वाले ने बैग की डिलीवरी कैंट में कैंटीन साइड में खड़े शख्स को करने को कहा. लेकिन फोन करने वाले ने बैग किसे देना है, उसका नाम पता नहीं बताया है. इस पर कंट्रोल रूम से बात कर रहे कर्मचारी ने बिना परिचय बैग देने से इनकार कर दिया. उसके बाद तीसरा फोन सहायक आयुक्त के कंट्रोल रूम पर किया. फोन करने वाले ने रेलवे का बड़ा अधिकारी बताकर बैग मंगवाने की बात कही, तो वहीं से कर्मचारियों ने बैग मंगवा लिया. लगातार एक विभाग से दूसरे विभाग तक बैग ऐसे ही घूमता रहा. शक होने पर कर्मचारियों ने आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारियों को जानकारी दी. जिसके 19 घंटे बाद जब बैग खोला गया, तो वहां मौजूद सभी के होश उड़ गये.
ट्रेन के पैंट्री कार में कैसे पहुंचा बैग
दिल्ली से ट्रेन छूटने के ठीक 15 मिनट पहले दो युवक ट्रेन के पैंट्री कार में पहुंचे थे. वहीं वेंडर राम को रेलवे अधिकारी का समान होने की बात कहकर बैग रख दिया था. एक युवक ने कहा था कि सामान कानपुर सेंट्रल पर या फिर प्रयागराज पर उतार लिया जायेगा.