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अब 'लौकी' में मिलेगा बैंगन का स्वाद - कानपुर की ताजा खबर

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग में 10 सालों से अधिक समय तक शोध के बाद बैंगन की नई प्रजाति तैयार. जल्द ही शहर व आसपास के किसानों को इस बैंगन के बीज उपलब्ध कराएंगे.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसपी सचान.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसपी सचान.
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Published : Apr 13, 2022, 4:36 PM IST

कानपुर: अब आपको 'लौकी' में बैगन का स्वाद मिलेगा. यह बात जरूर चौंकाने वाली लग रही होगी, लेकिन हकीकत है. जी हां, कानपुर के कृषि वैज्ञानिक ने 10 साल शोध के बाद बैंगन की नई प्रजाति तैयार की है, जो लौकी की तरह ही दिखता है. इसके साथ ही इस नई प्रजाति के बैंगन में कई और विशेषताएं हैं. दरअसल चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) के सब्जी विज्ञान विभाग में इस प्रजाति को 10 साल से अधिक समय तक शोध करने के बाद कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसपी सचान ने तैयार किया है.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसपी सचान.

डॉ. सचान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस बैंगन को तैयार करने के लिए उन्होंने बैंगनी और सफेद रंग वाले बैंगन के बीजों को आपस में मिलाया. इसके बाद लौकी जैसा लंबा दिखने वाला बैंगन तैयार हो गया. इस प्रजाति को हरित बुंदेला नाम दिया गया है. डॉ. एसपी सचान ने बताया कि हरित बुंदेला प्रजाति में सबसे खास बात है कि इसके एक तिहाई हिस्से में बीज नहीं होते.

इसे भी पढ़ें-हे भगवान! गंगा में उभरी रेत ही रेत..कहीं ये जलसंकट की दस्तक तो नहीं

इसके अलावा इसमें विटामिन ए, बी, सी समेत कई अन्य विटामिंस मौजूद होते हैं. इसके पौधे की लंबाई चार से छह फीट की होती है, ऐसे में किसान पौधों के नीचे छांव ले सकता है और बैठकर खाना तक खा सकता है. उन्होंने बताया कि अब इसके बीज सीएसए में तैयार कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हरित बुंदेला के बीज शहर व आसपास के किसानों को मुहैया कराया जाएगा. जल्द ही लोग लौकी की तरह दिखने वाले बैंगन की सब्जी का स्वाद ले सकेंगे.

कानपुर: अब आपको 'लौकी' में बैगन का स्वाद मिलेगा. यह बात जरूर चौंकाने वाली लग रही होगी, लेकिन हकीकत है. जी हां, कानपुर के कृषि वैज्ञानिक ने 10 साल शोध के बाद बैंगन की नई प्रजाति तैयार की है, जो लौकी की तरह ही दिखता है. इसके साथ ही इस नई प्रजाति के बैंगन में कई और विशेषताएं हैं. दरअसल चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) के सब्जी विज्ञान विभाग में इस प्रजाति को 10 साल से अधिक समय तक शोध करने के बाद कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसपी सचान ने तैयार किया है.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसपी सचान.

डॉ. सचान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस बैंगन को तैयार करने के लिए उन्होंने बैंगनी और सफेद रंग वाले बैंगन के बीजों को आपस में मिलाया. इसके बाद लौकी जैसा लंबा दिखने वाला बैंगन तैयार हो गया. इस प्रजाति को हरित बुंदेला नाम दिया गया है. डॉ. एसपी सचान ने बताया कि हरित बुंदेला प्रजाति में सबसे खास बात है कि इसके एक तिहाई हिस्से में बीज नहीं होते.

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इसके अलावा इसमें विटामिन ए, बी, सी समेत कई अन्य विटामिंस मौजूद होते हैं. इसके पौधे की लंबाई चार से छह फीट की होती है, ऐसे में किसान पौधों के नीचे छांव ले सकता है और बैठकर खाना तक खा सकता है. उन्होंने बताया कि अब इसके बीज सीएसए में तैयार कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हरित बुंदेला के बीज शहर व आसपास के किसानों को मुहैया कराया जाएगा. जल्द ही लोग लौकी की तरह दिखने वाले बैंगन की सब्जी का स्वाद ले सकेंगे.

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