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कानपुर: लापता बेटी के लिए पिता लगा रहा गुहार, दारोगा मांग रहा 20 हजार! - दारोगा मांग रहा 20 हजार

यूपी के कानपुर में नाबालिग बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद भी दस दिनों से परिजन पुलिस के चक्कर काट रहे हैं. जबकि दारोगा ने लापता बेटी को ढूंढने के 20 हजार रुपये की मांग की है.

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Published : Nov 27, 2019, 10:01 AM IST

कानपुर: जिले में पुलिस ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी हैं. पुलिसवालों ने प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह काम करना शुरू कर दिया है. जिसका हर्जाना एक गरीब परिवार भुगत रहा है. नाबालिग बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दस दिनों से परिजन पुलिस के चक्कर काट रहे हैं. वहीं दारोगा ने लापता बेटी को ढूंढने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की है. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि उन्होंने रुपये देने पर असमर्थता जताई तो दरोगा ने कहा कि रुपये नहीं थे तो एफआईआर क्यों दर्ज करवाई.

लापता बेटी की तलाश के लिए दारोगा ने मांगे 20 हजार रुपये.

जानिए पूरा मामला:

  • मामला नौबस्ता थाना क्षेत्र के दलहन पुर का है.
  • लोडर ड्राइवर की नाबालिग बेटी को पिता के दोस्त बहला फुसला कर ले गए.
  • इसके बाद लड़की के पिता ने फोन पर उनसे बात की.
  • इस दैरान उन्होंने कहा कि बेटी को जहां पहुंचाना था पहुंचा दिया है.
  • पिता की शिकायत पर नौबास्ता थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.
  • फिर भी पुलिस ने तफ्तीश शुरू नहीं की.
  • इसके बाद पीड़ित ने विवेचना कर रहे दरोगा से सम्पर्क किया.
  • जिस पर दारोगा ने खर्चे के नाम पर 20 हजार रुपये मांगे.
  • लड़की के पिता ने गरीबी का हवाला देकर रुपये दे पाने में असमर्थता जताई .
  • दरोगा ने कहा कि गरीब हो तो मुकदमा क्यों लिखवाया.
  • इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की.
  • पुलिस अभी भी किसी तरह से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

इसे भी पढ़ें-मेरठ: दस दिनों से लापता है नाबालिग, परिजनों ने SSP ऑफिस पर किया हंगामा

कानपुर: जिले में पुलिस ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी हैं. पुलिसवालों ने प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह काम करना शुरू कर दिया है. जिसका हर्जाना एक गरीब परिवार भुगत रहा है. नाबालिग बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दस दिनों से परिजन पुलिस के चक्कर काट रहे हैं. वहीं दारोगा ने लापता बेटी को ढूंढने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की है. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि उन्होंने रुपये देने पर असमर्थता जताई तो दरोगा ने कहा कि रुपये नहीं थे तो एफआईआर क्यों दर्ज करवाई.

लापता बेटी की तलाश के लिए दारोगा ने मांगे 20 हजार रुपये.

जानिए पूरा मामला:

  • मामला नौबस्ता थाना क्षेत्र के दलहन पुर का है.
  • लोडर ड्राइवर की नाबालिग बेटी को पिता के दोस्त बहला फुसला कर ले गए.
  • इसके बाद लड़की के पिता ने फोन पर उनसे बात की.
  • इस दैरान उन्होंने कहा कि बेटी को जहां पहुंचाना था पहुंचा दिया है.
  • पिता की शिकायत पर नौबास्ता थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.
  • फिर भी पुलिस ने तफ्तीश शुरू नहीं की.
  • इसके बाद पीड़ित ने विवेचना कर रहे दरोगा से सम्पर्क किया.
  • जिस पर दारोगा ने खर्चे के नाम पर 20 हजार रुपये मांगे.
  • लड़की के पिता ने गरीबी का हवाला देकर रुपये दे पाने में असमर्थता जताई .
  • दरोगा ने कहा कि गरीब हो तो मुकदमा क्यों लिखवाया.
  • इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की.
  • पुलिस अभी भी किसी तरह से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

इसे भी पढ़ें-मेरठ: दस दिनों से लापता है नाबालिग, परिजनों ने SSP ऑफिस पर किया हंगामा

Intro:कानपुर :- पुलिस ने पाक की संवेदनहीनता की सारी हदें कानपुर में , पुलिस वालों की चल रही प्राइवेट लिमिटेड कंपनी .

कानपुर में पुलिस ने संवेदनहीनता ने सारी हदें पार कर दी हैं। यहां पुलिसवालों ने प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह काम करना शुरू कर दिया है। जिसका हर्जाना एक गरीब परिवार भुगत रहा है। नाबालिग बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दस दिनों से परिजन पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। वहीं दरोगा बेटी को बरामद कराने के लिए बीस हजार रुपए की मांग कर रहा है। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि उन्होंने रुपए दे पाने में असमर्थता जतायी तो दरोगा ने कहा कि रुपए नही थे तो एफआईआर क्यों दर्ज करवायी


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मामला नौबस्ता थाना क्षेत्र के दलहन पुर का है। जहां रहने वाले लोड़र ड्राइवर की नाबालिग बेटी को पिता के दोस्त बहला फुसला कर ले गए। जिसके बाद लड़की के पिता ने फोन पर उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि बेटी को जहां पहुंचान था पहुंचा दिया। पिता की शिकायत पर नौबास्ता थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। फिर भी पुलिस ने तफ्तीश शुरू नही की तो पीडित ने विवेचना कर रहे दरोगा सतीश चन्द्र यादव से सम्पर्क किया। जिस पर दरोगा ने खर्चे के नाम पर बीस हजार रुपए मांगे। लड़की के पिता ने गरीबी का हवाला दे रुपए दे पाने में असमर्थता जतायी तो दरोगा ने कहा कि गरीब तो मुकदमा क्यों लिखवाया। जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी नौबस्ता पुलिस के कान में जूं नही रेंगी। पुलिस अभी भी किसी तरह से कोई कार्रवाई नही कर रही है।

BYTE-अपह्रत बेटी का पिता

BYTE-आलोक सिंह,सीओ गोविन्द नगर




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