कानपुर: जिले में पुलिस ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी हैं. पुलिसवालों ने प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह काम करना शुरू कर दिया है. जिसका हर्जाना एक गरीब परिवार भुगत रहा है. नाबालिग बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दस दिनों से परिजन पुलिस के चक्कर काट रहे हैं. वहीं दारोगा ने लापता बेटी को ढूंढने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की है. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि उन्होंने रुपये देने पर असमर्थता जताई तो दरोगा ने कहा कि रुपये नहीं थे तो एफआईआर क्यों दर्ज करवाई.
जानिए पूरा मामला:
- मामला नौबस्ता थाना क्षेत्र के दलहन पुर का है.
- लोडर ड्राइवर की नाबालिग बेटी को पिता के दोस्त बहला फुसला कर ले गए.
- इसके बाद लड़की के पिता ने फोन पर उनसे बात की.
- इस दैरान उन्होंने कहा कि बेटी को जहां पहुंचाना था पहुंचा दिया है.
- पिता की शिकायत पर नौबास्ता थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.
- फिर भी पुलिस ने तफ्तीश शुरू नहीं की.
- इसके बाद पीड़ित ने विवेचना कर रहे दरोगा से सम्पर्क किया.
- जिस पर दारोगा ने खर्चे के नाम पर 20 हजार रुपये मांगे.
- लड़की के पिता ने गरीबी का हवाला देकर रुपये दे पाने में असमर्थता जताई .
- दरोगा ने कहा कि गरीब हो तो मुकदमा क्यों लिखवाया.
- इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की.
- पुलिस अभी भी किसी तरह से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
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