कानपुर: शहर में कुछ ऐसे मामले नोटबंदी के समय सामने आए थे, जिन्होंने सभी को चौंका दिया था. अब, लाखों रुपये के नकली नोट खपाए जाने का मामला घाटमपुर थाना क्षेत्र में सामने आने पर पुलिस के होश उड़ गए हैं. आनन-फानन ही पुलिस ने एक्सिस कॉलेज में एमबीए के छात्र व कानपुर देहात निवासी 22 वर्षीय अर्पित सचान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
मगर, सबसे रोचक बात यह है कि अर्पित ने नकली नोट बाजार में चलाए जाने के मामले में कुपवाड़ा में तैनात फौजी नवराज सिंह (करबिगवां निवासी) का नाम बताया है. अर्पित ने पुलिसवालों को बताया है, कि नवराज के कहने पर वह और कई अन्य युवा इस काम में शामिल थे. अब, पुलिस नवराज सिंह पर लगे आरोपों की जांच कर रही है. इसकी पुष्टि डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने की है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि फौजी पर जो आरोप हैं उस सिलसिले में वह सैन्य अफसरों से संपर्क कर रहे हैं. वहीं, घाटमपुर के साथ ही पूरे कानपुर और पुलिस महकमे में यह मामला बेहद चर्चा में है.
ऐसे शुरू हुआ था खेल: घाटमपुर थाने में तैनात पुलिस के एक आला अफसर ने बताया कि सितंबर में दो लड़के पतारा में 100-100 रुपये के नोट की फोटोकापी करते हुए गिरफ्तार किए गए थे. यह लड़के बर्रा में किराए पर रहते थे और पतारा में आकर नकली नोटों को बाजार में खपा देते थे. उन लड़कों ने पुलिस को फतेहपुर निवासी अंशू का नाम बताया था और यह कहा था कि अंशू के कहने पर वह सालों से यह काम कर रहे हैं. इसके बाद अंशू ने जब कोर्ट में सरेंडर किया तो उसने पुलिस को अर्पित सचान का नाम बताया. पुलिस ने जब अर्पित को गिरफ्तार किया तो अर्पित ने पूरे खेल का सरताज फौजी नवराज को बता दिया. अर्पित ने कहा, जब फौजी छुट्टियों में घर आता था तो वह हजारों रुपये के नकली नोट बाजार में खपा देता था.
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