कानपुर: उत्तर प्रदेश सरकार की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण का रविवार को कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए निधन हो गया. बुखार की शिकायत पर उन्होंने अपना कोविड-19 कराया था. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. आज सुबह उनके निधन की खबर आई तो पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई. उनका पार्थिव शरीर लखनऊ से कानपुर उनके आवास पहुंचा. उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को भैरव घाट ले जाया गया. जहां जिले के प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस के आला अधिकारियों, विधायकों और राज्यमंत्री, भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं ने उनको पुष्प और श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गार्ड ऑफ ऑनर के बाद कमल रानी वरूण का भैरव घाट के विद्युत शवदाह केंद्र में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया.
भैरव घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
कमल रानी वरुण का पार्थिव शरीर राजधानी लखनऊ से सबसे पहले उनके कानपुर स्थित आवास कानपुर के बर्रा- 4 पहुंचा, जहां मौजूद परिजनों ने दूर से ही पुष्प अर्पित कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की. इसके बाद उनका शव कानपुर के भैरव घाट पहुंचा. यहां पर विद्युत शवदाह में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया. भैरव घाट पर उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जिले के भाजपा नेता, क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री नीलिमा कटियार मौजूद रहीं. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद रहे. सभी ने कैबिनेट मंत्री को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
बता दें कि कमल रानी वरुण उत्तर प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थी. वह जमीन से जुड़ी हुई नेता थीं. गरीबों और महिलाओं की लड़ाई में आगे रहने वाली कमल रानी वरुण का राजनैतिक सफर पार्षद से शुरू हुआ. उसके बाद वह दो बार सांसद बनी और फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्य बनने के बाद वह उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी.