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चमड़ा इंडस्ट्री को चार-चांद लगायेगा कानपुर में बनने वाला मेगा लेदर क्लस्टर - कानपुर की ख़बर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कानपुर में देश का पहला मेगा लेदर क्लस्टर बनने जा रहा है. दम तोड़ रही लेदर इंडस्ट्री को इस फैसले से संजीवनी मिलने जा रही है.

चमड़ा इंडस्ट्री को चार-चांद लगायेगा कानपुर में बनने वाला मेगा लेदर क्लस्टर
चमड़ा इंडस्ट्री को चार-चांद लगायेगा कानपुर में बनने वाला मेगा लेदर क्लस्टर
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Published : Feb 20, 2021, 4:28 PM IST

कानपुरः सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कानपुर में देश का पहला मेगा लेदर क्लस्टर बनने जा रहा है. दम तोड़ रही लेदर इंडस्ट्री के लिए ये संजीवनी मिलने जैसी है. अब एक बार फिर से कानपुर का चमड़ा उद्योग पूरे विश्व में अपनी खोई हुई पहचान दोबारा हासिल करेगा. एक बार फिर से कानपुर का चमड़ा पूरे विश्व में अपना डंका बजायेगा. जिसके लिए बकायदा कानपुर के रमईपुर में 235 एकड़ जमीन अधिग्रहित करके डीपीआर रिपोर्ट भी तैयार कर ली गयी है.

मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा इंडस्ट्री को लगेगा चार-चांद
मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा इंडस्ट्री को लगेगा चार-चांद

करोड़ों रुपये खर्च कर बनेगा मेगा लेदर क्लस्टर

451 करोड़ रुपये की लागत वाले मेगा लेदर क्लस्टर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट काफी हद तक तय कर ली गयी है. इसके साथ ही दम तोड़ रहे चमड़ा उद्योग को नई ऊंचाई पर पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गयी है. जिसमें 235 एकड़ में चमड़ा उद्योग को शुरू करने की तैयारी हो चुकी है. मेगा लेदर क्लस्टर से एक ओर जहां बड़े व्यापक पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा. तो वहीं इस प्रोजेक्ट में करीब 13 हजार करोड़ का सालाना टर्न ओवर की संभावना जतायी जा रही है.

कारोबारियों के पलायन पर लगेगा ब्रेक

पिछले कुछ दिनों से लगातार चमड़ा उद्योग का व्यापार गर्त में जा रहा था. जिसकी वजह कई चमड़ा उद्योग व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश से पलायन करके पश्चिम बंगाल की ओर अपना रूख कर लिया था. उम्मीद जताई जा रही है कि पलायन कर चुके चमड़ा कारोबारी एक ओर जहां घर वापसी करेंगे. वहीं दूसरे राज्यों के चमड़ा उद्योग के कारोबारी मेगा क्लस्टर में उत्साह दिखाते हुए इकाई लगाने के लिए आवेदन किये हैं.

चमड़े की गुणवत्ता में कानपुर की बादशाहत

आपको बता दें कि चमड़े की गुणवत्ता के मामले में कानपुर पश्चिम बंगाल के साथ-साथ कई राज्यों की तुलना में उत्तम किस्म का निर्माता है. लेकिन संसाधन के अभाव में कानपुर के चमड़ा उद्योग का ग्राफ घट रहा है. वहीं दम तोड़ते कानपुर के चमड़ा उद्योग के लिए चमड़ा उद्योग क्लस्टर संजीवनी साबित होगा. तय समय में अंतरराष्ट्रीय बायर्स की डिमांड को समयबद्ध तरीके से निर्यात करके खोई हुई पहचान को दोबारा से हासिल कर लेगा.

लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

कानपुर में लेदर क्लस्टर बनने से 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, जबकि डेढ़ लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इस लेदर क्लस्टर से डेढ़ सौ से अधिक टेनरी इंकाइयां काम करेंगी. चमड़े से बने जूते पर जैकेट और दूसरे उत्पाद तैयार करके उनको डोमेस्टिक और विश्व स्तरीय मार्केट पर बेचा जायेगा.

अंतर्राष्ट्रीय आर्डर में होगा इजाफा

आपको बदा दें कि लगातार इंडस्ट्री बंद रहने की वजह से कानपुर निर्यात के आर्डर समय पर नहीं दे पा रहा था. जिसकी वजह से बायर कानपुर से माल मंगाने से कतरा रहा था. इस कमजोरी का लॉक डाउन के समय में बांग्लादेश और पाकिस्तान ने भारत के आर्डर पर सेंधमारी की. वहीं अब जब एक बार फिर से लेदर इंडस्ट्री अपनी रौ में लौटेगी, तो निर्यात के आंकड़ों में कानपुर चमकेगा और समय से बायर्स को डिलीवरी भी कर पायेगा.

कानपुरः सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कानपुर में देश का पहला मेगा लेदर क्लस्टर बनने जा रहा है. दम तोड़ रही लेदर इंडस्ट्री के लिए ये संजीवनी मिलने जैसी है. अब एक बार फिर से कानपुर का चमड़ा उद्योग पूरे विश्व में अपनी खोई हुई पहचान दोबारा हासिल करेगा. एक बार फिर से कानपुर का चमड़ा पूरे विश्व में अपना डंका बजायेगा. जिसके लिए बकायदा कानपुर के रमईपुर में 235 एकड़ जमीन अधिग्रहित करके डीपीआर रिपोर्ट भी तैयार कर ली गयी है.

मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा इंडस्ट्री को लगेगा चार-चांद
मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा इंडस्ट्री को लगेगा चार-चांद

करोड़ों रुपये खर्च कर बनेगा मेगा लेदर क्लस्टर

451 करोड़ रुपये की लागत वाले मेगा लेदर क्लस्टर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट काफी हद तक तय कर ली गयी है. इसके साथ ही दम तोड़ रहे चमड़ा उद्योग को नई ऊंचाई पर पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गयी है. जिसमें 235 एकड़ में चमड़ा उद्योग को शुरू करने की तैयारी हो चुकी है. मेगा लेदर क्लस्टर से एक ओर जहां बड़े व्यापक पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा. तो वहीं इस प्रोजेक्ट में करीब 13 हजार करोड़ का सालाना टर्न ओवर की संभावना जतायी जा रही है.

कारोबारियों के पलायन पर लगेगा ब्रेक

पिछले कुछ दिनों से लगातार चमड़ा उद्योग का व्यापार गर्त में जा रहा था. जिसकी वजह कई चमड़ा उद्योग व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश से पलायन करके पश्चिम बंगाल की ओर अपना रूख कर लिया था. उम्मीद जताई जा रही है कि पलायन कर चुके चमड़ा कारोबारी एक ओर जहां घर वापसी करेंगे. वहीं दूसरे राज्यों के चमड़ा उद्योग के कारोबारी मेगा क्लस्टर में उत्साह दिखाते हुए इकाई लगाने के लिए आवेदन किये हैं.

चमड़े की गुणवत्ता में कानपुर की बादशाहत

आपको बता दें कि चमड़े की गुणवत्ता के मामले में कानपुर पश्चिम बंगाल के साथ-साथ कई राज्यों की तुलना में उत्तम किस्म का निर्माता है. लेकिन संसाधन के अभाव में कानपुर के चमड़ा उद्योग का ग्राफ घट रहा है. वहीं दम तोड़ते कानपुर के चमड़ा उद्योग के लिए चमड़ा उद्योग क्लस्टर संजीवनी साबित होगा. तय समय में अंतरराष्ट्रीय बायर्स की डिमांड को समयबद्ध तरीके से निर्यात करके खोई हुई पहचान को दोबारा से हासिल कर लेगा.

लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

कानपुर में लेदर क्लस्टर बनने से 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, जबकि डेढ़ लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इस लेदर क्लस्टर से डेढ़ सौ से अधिक टेनरी इंकाइयां काम करेंगी. चमड़े से बने जूते पर जैकेट और दूसरे उत्पाद तैयार करके उनको डोमेस्टिक और विश्व स्तरीय मार्केट पर बेचा जायेगा.

अंतर्राष्ट्रीय आर्डर में होगा इजाफा

आपको बदा दें कि लगातार इंडस्ट्री बंद रहने की वजह से कानपुर निर्यात के आर्डर समय पर नहीं दे पा रहा था. जिसकी वजह से बायर कानपुर से माल मंगाने से कतरा रहा था. इस कमजोरी का लॉक डाउन के समय में बांग्लादेश और पाकिस्तान ने भारत के आर्डर पर सेंधमारी की. वहीं अब जब एक बार फिर से लेदर इंडस्ट्री अपनी रौ में लौटेगी, तो निर्यात के आंकड़ों में कानपुर चमकेगा और समय से बायर्स को डिलीवरी भी कर पायेगा.

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