कानपुर: एटीएम मशीन से छेड़छाड़ करके उसमें डिवाइस फिट कर दूसरे के खातों से पैसा निकालने वाले एक अन्तर्राज्यीय गिरोह का खुलासा पुलिस ने किया है. पुलिस ने एटीएम मशीन हैक करने वाले 3 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इस गैंग के सदस्य उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार-झारखंड के साथ अन्य राज्यों में जाकर इस तरह की घटना को बड़े ही शातिराना अंदाज में अंजाम देते थे. डीआईजी ने बताया कि पकडे़ गए शातिरों ने एक साल में पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हैक करके लोगों को चूना लगा चुके है.
हाथों में बंधी रस्सी और पुलिस के घेरे में खड़े जीतेन्द्र, बजरंग सिंह और मुजुबदीन बहुत बड़े शातिर अपराधी हैं. इसका खुलासा कानपुर डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने किया है. उनके मुताबिक तीनों शातिर एटीएम मशीन में छेड़छाड़ करके मेन डेस्क को मदरबोर्ड से कनेक्ट करके अपना सॉफ्टवेयर को उससे जोड़ देते हैं. उसके बाद पिछले एटीएम मशीन को हैक कर ग्राहकों के पासवर्ड को हासिल कर लेते थे. उसके बाद बड़ी आसानी से लोगों की खून पसीने की कमाई को चूना लगा कर ऐश कर रहे थे.
जो शातिर पकडे गए हैं उन्होंने पूछताछ में बताया कि एक एटीएम से कई बार लाखों का ट्रांजेक्शन कर लेते हैं. यह गैंग कई महीनों से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ बिहार-झारखण्ड में घूम-घूमकर एटीएम मशीन को हैक कर फ्रॉड कर रहे थे. जब इन घटनाओं की शिकायत मिलनी शुरू हुई, तब इनको सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से ट्रेस किया गया.
डीआईजी का कहना है कि इस गैंग के लोग बिहार से सॉफ्टवेयर खरीदते हैं, जिसकी कीमत लाखों में होती है. इस गैंग के सदस्य एक साल के भीतर पांच करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन कर चुके हैं. उन पैसों से इन्होंने कई गाड़ियां खरीदी है और बाहर जाकर कुछ और ऐसी ही घटना को अंजाम देना चाहते थे.
डीआईजी का कहना है कि अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क करके इस गिरोह के बारे में उनको जानकारी दी जाएगी. साथ ही बिहार पुलिस को इस तरह का सॉफ्टवेयर बेचने के बारे में भी इत्तला दे दी गई है. बहरहाल कानपुर पुलिस इस गैंग के तार तलाशने में जुटी हुई है.