कानपुर: देश और दुनिया में शहर की पहचान एक औद्योगिक नगरी के रूप में है. इस औद्योगिक नगरी में तमाम औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं. इनमें कई बिस्कुट इकाइयां भी शामिल हैं. अब इन इकाइयों के लिए महंगा माल और जीएसटी की मार बड़ी चुनौती बन गए हैं. उद्यमियों का कहना है कि इन दो वजहों ने बिस्कुट उद्यम की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं.
बिस्कुट इकाइयों से जुड़े उद्यमी बताते हैं कि पिछले पांच सालों में 30 फीसदी तक कच्चा माल महंगा हो चुका है. इसके अलावा 18 फीसदी जीएसटी ने भी परेशानी बढ़ा दी है. बाजार में टिके रहने के लिए उद्योगों को संघर्ष करना पड़ रहा है. 33 वर्षों से बिस्कुट इकाई का संचालन कर रहे उद्यमी राम जसनानी ने कहा कि अगर सरकार साथ दे तो इस इंडस्ट्री के उत्पाद विदेश तक अपनी पहचान बना सकते हैं.वहीं, उद्यमी शैलेंद्र सेठी ने बताया कि उनकी इकाई में बनने वाला बिस्कुट देश के तमाम शहरों में जाता है मगर अब अपने इस कारोबार में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने बताया कि एक दौर ऐसा था, जब पूरे उत्तर भारत में कानपुर के बिस्कुट उद्योग की अपनी एक अलग पहचान थी. हालांकि समय के साथ दिक्कतें बढ़ीं और इस समय इस इंडस्ट्री पर संकट है. मौजूदा समय में शहर के अंदर 20 से अधिक बिस्कुट इकाइयां संचालित हैं और लगभग सालाना 10 हजार करोड़ का कारोबार होता है. ऐसे में अगर सरकार इस इंडस्ट्री की समस्याओं को दूर कर देगी तो यहां के उद्यमियों को बहुत राहत मिल जाएगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप