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एक बार नहीं, स्पीड ब्रीडिंग से साल में कई बार उगेंगी चना और अरहर की फसलें

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Published : Jul 29, 2022, 6:35 PM IST

चना और अरहर की फसलों का उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान प्रयासरत है. इसको लेकर कानपुर स्थित दलहन संस्थान में एक विशेष प्लांट लगेगा और इस पर शोध किया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार ने भी मंजूरी दे दी है.

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चना और अरहर की फसलें

कानपुर: अरहर और चना की खेती करने वाले किसान अभी एक साल में एक बार ही फसल उगाते हैं. ऐसे में उन्हें फसलों की एक निश्चित पैदावार ही मिलती है. किसानों की पैदावार बढ़े और वो समृद्ध बन सकें, इसके लिए भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आइआइपीआर) के वैज्ञानिक एक खास शोध करने जा रहे हैं. इसके चलते वो चना और अरहर की फसलों को एक साल में कई बार उगाने की कवायद करेंगे. इस संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से संस्थान को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

स्पीड ब्रीडिंग के लिए लगेगा विशेष प्लांट: आइआइपीआर के निदेशक डॉ. बंशा सिंह ने बताया कि संस्थान में पहली बार एक फसल को एक साल में कई बार उगाने और तैयार करने के लिए एक विशेष स्पीड ब्रीडिंग प्लांट लगेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने पांच करोड़ रुपये का बजट रखा है. आने वाले दिनों में यह कवायद शुरू हो जाएगी. संस्थान के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक आर्टिफिशिल तापमान, जलवायु के साथ अन्य घटकों को तैयार करेंगे. इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि आखिर फसलों में कौन-कौन से रोग लगते हैं. उसके क्या कारण हैं? और कैसे समाधान किया जा सकता है?

जानकारी देते हुए आइआइपीआर के निदेशक डॉ. बंशा सिंह
दूसरे चरण में अन्य फसलों पर होगा प्रयोग: आइआइपीआर के वैज्ञानिक पहले चरण में जहां अरहर और चना पर प्रयोग करेंगे तो वहीं दूसरे चरण में राजमा, उरद, मूंग समेत अन्य फसलों को तैयार करने की कार्ययोजना बनाएंगे. दरअसल संस्थान में दलहनी फसलों की तमाम प्रजातियां पिछले कई सालों से तैयार की जा रही हैं. अब वैज्ञानिकों का मकसद है कि एक फसल को उसकी तय अवधि से पहले ही तैयार किया जाए.

यह भी पढ़ें- गन्ना उत्पादकता में फिर अव्वल आया शामली, भुगतान में देरी के बावजूद भी किसान क्यों उगाते हैं गन्ना?

आंकड़ों को देखें-

फसलों का उत्पादन (मिलियन टन में)
फसलों का नामवर्ष 2020-21वर्ष 2021-22
चिकपी11.9113.98
पिजनपी 04.32 04.35
मूंगबीन 03.09 02.85
उरदबीन 02.23 02.76
लेनटिल 01.49 01.44
खरीफ की फसलें 01.63 01.74
रबी की फसलें 08.62 08.25

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कानपुर: अरहर और चना की खेती करने वाले किसान अभी एक साल में एक बार ही फसल उगाते हैं. ऐसे में उन्हें फसलों की एक निश्चित पैदावार ही मिलती है. किसानों की पैदावार बढ़े और वो समृद्ध बन सकें, इसके लिए भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आइआइपीआर) के वैज्ञानिक एक खास शोध करने जा रहे हैं. इसके चलते वो चना और अरहर की फसलों को एक साल में कई बार उगाने की कवायद करेंगे. इस संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से संस्थान को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

स्पीड ब्रीडिंग के लिए लगेगा विशेष प्लांट: आइआइपीआर के निदेशक डॉ. बंशा सिंह ने बताया कि संस्थान में पहली बार एक फसल को एक साल में कई बार उगाने और तैयार करने के लिए एक विशेष स्पीड ब्रीडिंग प्लांट लगेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने पांच करोड़ रुपये का बजट रखा है. आने वाले दिनों में यह कवायद शुरू हो जाएगी. संस्थान के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक आर्टिफिशिल तापमान, जलवायु के साथ अन्य घटकों को तैयार करेंगे. इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि आखिर फसलों में कौन-कौन से रोग लगते हैं. उसके क्या कारण हैं? और कैसे समाधान किया जा सकता है?

जानकारी देते हुए आइआइपीआर के निदेशक डॉ. बंशा सिंह
दूसरे चरण में अन्य फसलों पर होगा प्रयोग: आइआइपीआर के वैज्ञानिक पहले चरण में जहां अरहर और चना पर प्रयोग करेंगे तो वहीं दूसरे चरण में राजमा, उरद, मूंग समेत अन्य फसलों को तैयार करने की कार्ययोजना बनाएंगे. दरअसल संस्थान में दलहनी फसलों की तमाम प्रजातियां पिछले कई सालों से तैयार की जा रही हैं. अब वैज्ञानिकों का मकसद है कि एक फसल को उसकी तय अवधि से पहले ही तैयार किया जाए.

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आंकड़ों को देखें-

फसलों का उत्पादन (मिलियन टन में)
फसलों का नामवर्ष 2020-21वर्ष 2021-22
चिकपी11.9113.98
पिजनपी 04.32 04.35
मूंगबीन 03.09 02.85
उरदबीन 02.23 02.76
लेनटिल 01.49 01.44
खरीफ की फसलें 01.63 01.74
रबी की फसलें 08.62 08.25

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