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पर्दे के पीछे का मास्टरमाइंड पूर्व उपायुक्त उद्योग, कार्रवाई भूमाफिया पर - raids on land mafia in Kanpur

कानपुर में दो भूमाफियाओं के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी की. दोनों को उद्योग निदेशालय में तैनात उपायुक्त उद्योग ने सस्ते दामों ने जमीन बेच दी थी.

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कानपुर
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Published : Sep 1, 2022, 4:31 PM IST

कानपुर: शहर में लगातार सक्रिय आयकर विभाग की छापेमारी जारी है. बुधवार की सुबह आयकर की टीम ने जब भूमाफिया देशराज और राजू चौहान के घरों में छापा मारा तो बड़ा खुलासा हुआ. छापे में कई अवैध रूप से खरीदी गई सम्पत्तियों के पेपर आयकर अधिकारियों के हाथ लगे. इनमें से एक जमीन जिसको पूर्व में कानपुर के उद्योग निदेशालय में तैनात रहे उपायुक्त उद्योग राजेश यादव ने भूमाफियों को कौड़ियों के दाम में दे दी थी. ऐसे ही शहर में तमाम लोगों को बहुत ही सस्ते दामों पर जमीनें बेची गई थी. भूमाफिया देशराज और राजू चौहान को भी 24 बीघा जमीन बेची गई थी. इसकी भनक जब आयकर विभाग के अफसरों को लगी तो अफसरों ने छापा (land mafia in kanpur ) मारा. हालांकि अभी आयकर विभाग इन दोनों भूमाफियों की संम्पतियों की जांच में(investigation of properties of land mafia) जुटा हुआ है.

उपायुक्त उद्योग राजेश यादव उद्योग निदेशालय में तैनात रहा है. पिछले 6 महीनों से गायब है. शासन स्तर से इसकी जांच चल रहीं है. माना यह जा रहा है कि उपायुक्त राजेश यादव ने शहर में रहते हुए तमाम लोगों को सस्ते दामों पर जमीन बेची है और अपने पद का दुरुपयोग करके कई फ्रॉड किये हैं. बड़े स्तर पर कुछ माह पहले उपायुक्त उद्योग राजेश यादव के यहां सीबीआई का छापा भी पड़ा था.

यह भी पढ़ें:आयकर विभाग ने कानपुर के कत्था कारोबारी के ठिकानों पर मारा छापा, 65 लाख बरामद

नहीं पता कहां है राजेश यादव:एक बार फिर जब उपायुक्त राजेश यादव का नाम सुर्खियों में आया तो उनका पक्ष जानने के लिए कई बार उनके बारे में पता किया गया लेकिन, किसी को भी उनकी जानकारी नहीं है. इसी बीच जब मौजूदा पद पर आसीन उपायुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला से बात की तो उन्हें भी राजेश यादव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

यह भी पढ़ें:झांसी-कानपुर में आयकर विभाग की छापेमारी, मचा हड़कंप

कानपुर: शहर में लगातार सक्रिय आयकर विभाग की छापेमारी जारी है. बुधवार की सुबह आयकर की टीम ने जब भूमाफिया देशराज और राजू चौहान के घरों में छापा मारा तो बड़ा खुलासा हुआ. छापे में कई अवैध रूप से खरीदी गई सम्पत्तियों के पेपर आयकर अधिकारियों के हाथ लगे. इनमें से एक जमीन जिसको पूर्व में कानपुर के उद्योग निदेशालय में तैनात रहे उपायुक्त उद्योग राजेश यादव ने भूमाफियों को कौड़ियों के दाम में दे दी थी. ऐसे ही शहर में तमाम लोगों को बहुत ही सस्ते दामों पर जमीनें बेची गई थी. भूमाफिया देशराज और राजू चौहान को भी 24 बीघा जमीन बेची गई थी. इसकी भनक जब आयकर विभाग के अफसरों को लगी तो अफसरों ने छापा (land mafia in kanpur ) मारा. हालांकि अभी आयकर विभाग इन दोनों भूमाफियों की संम्पतियों की जांच में(investigation of properties of land mafia) जुटा हुआ है.

उपायुक्त उद्योग राजेश यादव उद्योग निदेशालय में तैनात रहा है. पिछले 6 महीनों से गायब है. शासन स्तर से इसकी जांच चल रहीं है. माना यह जा रहा है कि उपायुक्त राजेश यादव ने शहर में रहते हुए तमाम लोगों को सस्ते दामों पर जमीन बेची है और अपने पद का दुरुपयोग करके कई फ्रॉड किये हैं. बड़े स्तर पर कुछ माह पहले उपायुक्त उद्योग राजेश यादव के यहां सीबीआई का छापा भी पड़ा था.

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नहीं पता कहां है राजेश यादव:एक बार फिर जब उपायुक्त राजेश यादव का नाम सुर्खियों में आया तो उनका पक्ष जानने के लिए कई बार उनके बारे में पता किया गया लेकिन, किसी को भी उनकी जानकारी नहीं है. इसी बीच जब मौजूदा पद पर आसीन उपायुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला से बात की तो उन्हें भी राजेश यादव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

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