कानपुर: जिले के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट हॉस्पिटल में बने कोविड सेंटर मे मरीजों को रेमडेसिवीर दी जा रही हैं. इसके बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. जिन मरीजों में यह दवा दी जा रही है उसमें सीवियर केस को छोड़ सभी में इसके परिणाम सकारात्मक आ रहे हैं. इसके बाद हॉस्पिटल प्रशासन ने अब 600 और इंजेक्शन की मांग की है. वहीं इससे पहले हॉस्पिटल को 1053 रेमडेसिवीर दिए जा चुके हैं. यह जानकारी मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्या डॉ. रिचा गिरी ने दी.
उन्होंने बताया कि मंगलवार को अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में रेमडेसिवीर की उपलब्धता के साथ उसके परिणामों पर चर्चा की. इसी के साथ उन्होंने रेमडेसिवीर की कमी न होने के निर्देश दिए.
माइल्ड से लेकर मोडरेट मरीजों में प्रभावी
डॉ. रिचा गिरी ने बताया कि रेमडेसिविर एक हाई एंटीबॉडी ड्रग है. यह माइल्ड से लेकर मॉडरेट मरीजों में काफी प्रभावी है. इसको देने से पहले मरीज का एचआरसीटी करा लेते हैं. उसके बाद ही उन्हें यह रेमडेसिवीर दी जाती है. वहीं सीवियर केस को छोड़ बाकी में इसके बहुत अच्छे परिणाम आ रहे हैं.
किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारी वालों के लिए घातक
उप प्राचार्या डॉ. रिचा गिरी ने बताया कि हम किसी भी मरीज को रेमडेसिवीर देने से पहले उसकी किडनी और लिवर फक्शन की जांच करा लेते हैं. यदि उसको दोनों से जुड़ी कोई भी बीमारी होती है तो उसे हम रेमडेसिवीर नहीं देते हैं.
डीएम के पास आए कोटे से की 600 इंजेक्शन की मांग
उप प्राचार्या डॉ. रिचा गिरी ने बताया कि शासन की ओर से हमें 1053 इंजेक्शन दिए गए थे. 10 से 20 फीसदी मरीज जो सीरियस थे, उनको छोड़ सभी में इसका रिजल्ट प्रभावी आया है. उन्होंने कहा कि शासन ने हमें 16 लाख रुपये दिए थे जिसकी दवा ले ली गयी है. अब डीएम के पास आए 5 करोड़ रुपये में से 600 रेमडेसिवीर इंजेक्शन की मांग की गई है.