कानपुर : किशोरी से रेप के आरोपी की बिना जमानत रिहाई हो गई. पीड़िता के पिता की शिकायत पर मामले की जांच शुरू हुई तो बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो गया. पता चला कि कोर्ट के आदेश से छेड़छाड़ कर आरोपी को जमानत दिलाई गई. पूरे खेल में न्यायायल के पेशकार, अभियुक्त के पैरोकार और आरोपी के अधिवक्ता की मिलीभगत सामने आई. पेशकार को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है. कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जून में दर्ज हुआ था मुकदमा : कोतवाली प्रभारी चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि मामला गुजैनी थाना क्षेत्र का है. यहां की एक किशोरी के साथ रेप हुआ था. मामले में पीड़िता के पिता ने छह जून 2023 को नरेंद्र सचान के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. आरोपी ने विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगा रखी थी. 24 जुलाई को आरोपी के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया गया. इस आदेश को ई-कोर्ट में भी अपलोड कर दिया गया. जमानत निरस्त होने के बाद आरोपी के पैरोकार ने पीड़िता के पिता से कहा कि 31 जुलाई के बाद आरोपी जेल से बाहर आ जाएगा. हुआ भी ऐसा ही.
पीड़िता के पिता ने की शिकायत : पीड़िता के पिता ने बताया कि फर्जीवाड़े की आशंका होने पर मामले की शिकायत की गई. जांच में इस खेल में संबंधित न्यायायल के तत्कालीन पेशकार, अभियुक्त के पैरोकार व आरोपी के अधिवक्ता शामिल पाए गए. यह भी पता चला कि आरोपियों ने न्यायालय के आदेश में कूटरचना की. जमानत निरस्त वाले आदेश को जमानत स्वीकृत के आदेश में बदल दिया. इसी के आधार पर आरोपी को जमानत मिल गई. कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पेशकार को बुलाया गया था, लेकिन वह समय से नहीं आया. उसे निलंबित भी कर दिया गया है.
कोर्ट से लेकर सीपी आफिस तक चर्चा : एक ओर जहां पॉक्सो कोर्ट में कोई मामला दर्ज होता है, तो वहां नियमानुसार आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है, लेकिन, जिस तरह से इस मामले में आरोपी की बिना जमानत रिहाई हो गई, उसकी चर्चा कोर्ट से लेकर पुलिस आयुक्त कार्यालय तक हो रही है. अफसर आरोपी पर सख्त कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
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