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Kanpur Violence: कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर चित्रकूट जेल से रिहा

कानपुर की नई सड़क हिंसा का मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी को चित्रकूट जेल से कर दिया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत वह एक साल से अधिक समय से जेल में बंद था.

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Published : Jul 28, 2023, 8:50 PM IST


कानपुर: कानपुर की नई सड़क हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी जेल से रिहा हो गया है. वह पिछले कई माह से चित्रकूट की जेल में बंद था. हालांकि कानपुर में हुए उपद्रव मामले में उसे जमानत मिल गई थी. लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में पाबंद होने के चलते वह जेल में था. रासुका की मियाद बुधवार को खत्म होने के बाद जेल प्रशासन ने गुरुवार को उसे रिहा कर दिया. हयात को जमानत मिलने की पुष्टि उसके अधिवक्ता मो.सलीम ने की है.

बता दें कि एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलान हयात जफर हाशमी ने भाजपा की एक प्रवक्ता की टिप्पणी के विरोध में शहर के परेड चौराहा के समीप नई सड़क पर 3 जून को बाजार बंदी की घोषणा की थी. इसके बाद हयात ने बाजार बंदी की घोषणा वापस ले ले ली. वहीं, अचानक जुमे की नमाज के बाद कई लोग मस्जिदों से बाहर आए और जबरन बाजार बंद कराने लगे. मस्जिद से निकली भीड़ ने क्षेत्र की एक हिंदू बस्ती चंद्रेश्वर हाता में जमकर तोड़फोड़ की. साथ ही भीड़ द्वारा यहां खुलेआम पत्थरबाजी, बमबाजी करते हुए फायरिंग भी की गई थी.

पुलिस की जांच में सामने आया था कि बाजार बंदी की घोषणा वापस लेने के बाद हयात ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया था. इस दौरान पुलिस को व्हाट्सएप चैट में कई साक्ष्य भी मिले थे. इसके बाद 5 जून को पुलिस ने लखनऊ के एक कार्यालय से हयात समेत 3 अन्य आरोपियों मो. जावेद, राहिल खान व सुफियान को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बमबाजी, पत्थरबाजी और फायरिंग करने के आरोप में 50 से अधिक लोगों को को चिन्हित कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस मामले में कई आरोपी अभी जेल में बंद हैं. इसके साथ ही कई आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. वहीं गुरुवार को इस मामले में हयात को 13 माह 22 दिनों बाद जेल से रिहा किया गया.


कानपुर: कानपुर की नई सड़क हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी जेल से रिहा हो गया है. वह पिछले कई माह से चित्रकूट की जेल में बंद था. हालांकि कानपुर में हुए उपद्रव मामले में उसे जमानत मिल गई थी. लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में पाबंद होने के चलते वह जेल में था. रासुका की मियाद बुधवार को खत्म होने के बाद जेल प्रशासन ने गुरुवार को उसे रिहा कर दिया. हयात को जमानत मिलने की पुष्टि उसके अधिवक्ता मो.सलीम ने की है.

बता दें कि एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलान हयात जफर हाशमी ने भाजपा की एक प्रवक्ता की टिप्पणी के विरोध में शहर के परेड चौराहा के समीप नई सड़क पर 3 जून को बाजार बंदी की घोषणा की थी. इसके बाद हयात ने बाजार बंदी की घोषणा वापस ले ले ली. वहीं, अचानक जुमे की नमाज के बाद कई लोग मस्जिदों से बाहर आए और जबरन बाजार बंद कराने लगे. मस्जिद से निकली भीड़ ने क्षेत्र की एक हिंदू बस्ती चंद्रेश्वर हाता में जमकर तोड़फोड़ की. साथ ही भीड़ द्वारा यहां खुलेआम पत्थरबाजी, बमबाजी करते हुए फायरिंग भी की गई थी.

पुलिस की जांच में सामने आया था कि बाजार बंदी की घोषणा वापस लेने के बाद हयात ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया था. इस दौरान पुलिस को व्हाट्सएप चैट में कई साक्ष्य भी मिले थे. इसके बाद 5 जून को पुलिस ने लखनऊ के एक कार्यालय से हयात समेत 3 अन्य आरोपियों मो. जावेद, राहिल खान व सुफियान को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बमबाजी, पत्थरबाजी और फायरिंग करने के आरोप में 50 से अधिक लोगों को को चिन्हित कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस मामले में कई आरोपी अभी जेल में बंद हैं. इसके साथ ही कई आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. वहीं गुरुवार को इस मामले में हयात को 13 माह 22 दिनों बाद जेल से रिहा किया गया.

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