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निकाय चुनाव में वार्ड का परिसीमन बदला तो बदल ली सीट

निकाय चुनाव में वार्ड का परिसमीन बदलते ही कई प्रत्याशियों ने सीट ही बदल ली. ऐसा उन्होंने खुद को निकाय चुनाव की रेस में बनाए रखने के लिए किया. चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रत्याशियों के बारे में.

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Published : Apr 26, 2023, 7:59 PM IST

कानपुर: भाजपा ने इस नगर निकाय चुनाव में जीत के लिए जो समीकरण बनाए, उसमें कई पार्षद प्रत्याशियों के तो वार्ड ही बदल गए. अब पार्षद प्रत्याशियों को भी चुनावी मैदान में उतरना था, इसलिए उन्होंने भी दूसरे वार्ड से चुनावी ताल ठोक दी. हालांकि नए वार्ड में उनके सामने कई चुनौतियां हैं. चलिए जानते हैं ऐसे ही तीन प्रत्याशियों के बारे में जिन्होंने परिसीमन बदलने पर अपना वार्ड छोड़कर दूसरे वार्ड से ताल ठोक दी है.

1.भाजपा से राघवेंद्र मिश्रा पिछले कार्यकाल में कानपुर के वार्ड 91 से पार्षद थे. वार्ड 91 की सीट पिछड़ा वर्ग में बदली तो राघवेंद्र मिश्रा ने बगल के वार्ड 69 से आवेदन कर दिया और भाजपा ने उन्हें टिकट भी दे दिया.

2. वार्ड-4 ग्वालटोली से अभी तक पार्षद रहीं लक्ष्मी कोरी ने जब देखा, कि उन्हें उसी वार्ड से टिकट नहीं मिल सकता और सीट जनरल हो गई तो लक्ष्मी कोरी ने बगल के वार्ड-10 बेनाझाबर से अपना नामांकन करा लिया.

3.वार्ड-18 उस्मानपुर से पार्षद रहीं रचना त्रिपाठी की सीट जब अनुसूचित जाति महिला हो गई तो रचना ने अपने पति अवधेश त्रिपाठी के वार्ड-92 किदवई नगर से नामांकन करा दिया और चुनावी मैदान में उतर गईं.

देखिए, जो आरक्षण की तस्वीर सामने आई वह फैसला पार्टी का था. सामाजिक, संगठनात्मक समीकरणों को देखते हुए सभी 110 वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों को सिंबल दिया गया है. हम पूरे जोश के साथ यह दावा कर रहे हैं, कि भाजपा जीतेगी.

प्रकाश शर्मा-चुनाव संयोजक,भाजपा

ये भी पढ़ेंः मुरादाबाद में सिरफिरे पड़ोसी ने कुत्ते को पीट-पीटकर मार डाला, रिपोर्ट दर्ज

कानपुर: भाजपा ने इस नगर निकाय चुनाव में जीत के लिए जो समीकरण बनाए, उसमें कई पार्षद प्रत्याशियों के तो वार्ड ही बदल गए. अब पार्षद प्रत्याशियों को भी चुनावी मैदान में उतरना था, इसलिए उन्होंने भी दूसरे वार्ड से चुनावी ताल ठोक दी. हालांकि नए वार्ड में उनके सामने कई चुनौतियां हैं. चलिए जानते हैं ऐसे ही तीन प्रत्याशियों के बारे में जिन्होंने परिसीमन बदलने पर अपना वार्ड छोड़कर दूसरे वार्ड से ताल ठोक दी है.

1.भाजपा से राघवेंद्र मिश्रा पिछले कार्यकाल में कानपुर के वार्ड 91 से पार्षद थे. वार्ड 91 की सीट पिछड़ा वर्ग में बदली तो राघवेंद्र मिश्रा ने बगल के वार्ड 69 से आवेदन कर दिया और भाजपा ने उन्हें टिकट भी दे दिया.

2. वार्ड-4 ग्वालटोली से अभी तक पार्षद रहीं लक्ष्मी कोरी ने जब देखा, कि उन्हें उसी वार्ड से टिकट नहीं मिल सकता और सीट जनरल हो गई तो लक्ष्मी कोरी ने बगल के वार्ड-10 बेनाझाबर से अपना नामांकन करा लिया.

3.वार्ड-18 उस्मानपुर से पार्षद रहीं रचना त्रिपाठी की सीट जब अनुसूचित जाति महिला हो गई तो रचना ने अपने पति अवधेश त्रिपाठी के वार्ड-92 किदवई नगर से नामांकन करा दिया और चुनावी मैदान में उतर गईं.

देखिए, जो आरक्षण की तस्वीर सामने आई वह फैसला पार्टी का था. सामाजिक, संगठनात्मक समीकरणों को देखते हुए सभी 110 वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों को सिंबल दिया गया है. हम पूरे जोश के साथ यह दावा कर रहे हैं, कि भाजपा जीतेगी.

प्रकाश शर्मा-चुनाव संयोजक,भाजपा

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