कानपुर: एसएसपी दिनेश कुमार पी ने अपहरणकर्ताओं को पीड़ित परिवार से 30 लाख की फिरौती दिलवाने और इस मामले में लापरवाही करने वाले बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय को निलंबित कर दिया है. अब उनकी जगह बर्रा थाने की कमान और अपहरण का पूरा मामला हरमीत सिंह संभालेंगे. ईटीवी भारत ने बुधवार को पीड़ित परिवार से बातचीत की थी, जिसके बाद अब मामले में एसएसपी का एक्शन देखने को मिला है.
क्या है पूरा मामला ?
जनपद के बर्रा थाना पुलिस को गच्चा देकर शातिर अपहरणकर्ता फिरौती के 30 लाख रुपये लेकर फरार हो गए. इतना ही नहीं, उन्होंने अपहृत युवक संजीत यादव को भी नहीं छोड़ा. 22 जून से अपहरण हुए लैब पैथोलॉजी में काम करने वाला संजीत यादव को छोड़ने के लिए अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को रकम के साथ गुजैनी फ्लाईओवर के ऊपर बुलाया था.
पीड़ित परिवार ने किसी तरह से 30 लाख की रकम जुटाई. वहीं जब रकम लेकर अपहृत युवक के परिजन गुजैनी फ्लाईओवर पर पहुंचे तो उनके पीछे-पीछे अपहरणकर्ताओं को दबोचने के लिए पुलिस भी लगी हुई थी, लेकिन अपहरणकर्ता पुलिस के प्लान से आगे निकले. वे फ्लाईओवर के नीचे खड़े रहे और परिजनों को फोन कर रकम को नीचे फेंकने के लिए कहा. इस पर परिजनों ने पूरी रकम फ्लाईओवर से नीचे फेंक दी.
पुलिस अपरहणकर्ताओं तक पहुंचती, उससे पहले ही वे रकम लेकर फरार हो गए. परिजनों ने एसएसपी दिनेश कुमार के यहां गुहार लगाई थी, जिसके बाद एसएसपी एक्शन में आए और बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया है.
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बता दें कि बर्रा थाना क्षेत्र में अपहृत युवक संजीत यादव के परिजनों ने ईटीवी भारत से अपनी दर्द भरी दास्तां बयां की थी. इस दौरान युवक के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. संजीत की बहन रुचि ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय उसे और परिवार को शुरू से ही गुमराह करते रहे और हमारी फरियाद भी नहीं सुनी. इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने बर्रा इंस्पेक्टर समेत एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया था.