ETV Bharat / state

ऑटोमेटिक फंक्शन हटाए बिना ही विकास दुबे को बेची गई थी अमेरिकी राइफल

कानपुर में हुए बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को गन हाउस मालिक ने ऑटोमेटिक फंक्शन को बिना निष्क्रिय किए ही अमेरिकी राइफल बेच दी थी. एसटीएफ के एडीजी ने इस मामले में जिला पुलिस और प्रशासन को गनहाउस के संचालक पर कार्रवाई की संस्तुति की है.

बिकरू कांड
बिकरू कांड
author img

By

Published : Mar 4, 2021, 8:52 PM IST

कानपुरः अमेरिका की सेना ने प्रथम विश्वयुद्ध में जिस ऑटोमेटिक राइफल की दम पर दुश्मनों को शिकस्त दी थी. उसी ऑटोमेटिक राइफल से कुख्यात विकास दुबे ने बिकरू में पुलिस कर्मियों का सीना छलनी कर 8 पुलिस वालों को मौत के घाट उतारा था. बिकरू कांड में विकास दुबे के पास मौजूद ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल को लेकर अब सवाल खड़े हो गए हैं. एसटीएफ ने खुलासा किया है कि रायफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को बिना निष्क्रिय किए ही विकास दुबे को गन हॉउस के मालिक ने बेच दिया था. एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने अब जिला पुलिस और प्रशासन को गनहाउस के संचालक पर कार्रवाई की संस्तुति की है.

ऑटोमैटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल पर है रोक
भारत में ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल को प्रतिबंधित हथियार की श्रेणी में रखा गया है. कोई भी आम नागरिक इसको लाइसेंसी हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता. 1947 के बाद भारतीय सेना भी 30.06 बोर की ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल का इस्तेमाल करती थी. बाद में सेना ने सेमिऑटोमैटिक राइफल को रिटायर होने वाले सेना के अफसर और जवानों को बेच देती है.

ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय करके ही बेची जा सकती है ऑटोमेटिक राइफल
ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल को बेचने से पहले इसका ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय करना जरूरी होता है. बिना इसके इसको बेचा नहीं जा सकता. क्योंकि ऑटोमेटिक फंक्शन के निष्क्रिय होने पर यह राइफल सिर्फ 30.06 बोर की साधारण सी रायफल यानी सिंगल शॉट राइफल बनकर रह जाती है. भारत में आर्म्स पॉलिसी के तहत तब ही इसे लाइसेंसी हथियार के रूप में रखा और बेचा जा सकता है.

इसलिए बिकरुकांड में पुलिस रही बैकफुट पर
एसटीएफ को विकास दुबे के भांजे शिव तिवारी से बरामद हुई मेड इन अमेरिका की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल से पता चला कि बिना ऑटोमेटिक फंक्शन को निष्क्रिय किए ही विकास दुबे को बेचा गया था. पुलिस को बरामद राइफल में ऑटोमेटिक फंक्शन सक्रिय मिला है. माना जा रहा कि विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम दो-दो स्प्रिंगफील्ड रायफल ने एम्बुश किया, जिसकी वजह से पुलिस बिकरु गांव में बैकफुट पर रही.

कानपुरः अमेरिका की सेना ने प्रथम विश्वयुद्ध में जिस ऑटोमेटिक राइफल की दम पर दुश्मनों को शिकस्त दी थी. उसी ऑटोमेटिक राइफल से कुख्यात विकास दुबे ने बिकरू में पुलिस कर्मियों का सीना छलनी कर 8 पुलिस वालों को मौत के घाट उतारा था. बिकरू कांड में विकास दुबे के पास मौजूद ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल को लेकर अब सवाल खड़े हो गए हैं. एसटीएफ ने खुलासा किया है कि रायफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को बिना निष्क्रिय किए ही विकास दुबे को गन हॉउस के मालिक ने बेच दिया था. एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने अब जिला पुलिस और प्रशासन को गनहाउस के संचालक पर कार्रवाई की संस्तुति की है.

ऑटोमैटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल पर है रोक
भारत में ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल को प्रतिबंधित हथियार की श्रेणी में रखा गया है. कोई भी आम नागरिक इसको लाइसेंसी हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता. 1947 के बाद भारतीय सेना भी 30.06 बोर की ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल का इस्तेमाल करती थी. बाद में सेना ने सेमिऑटोमैटिक राइफल को रिटायर होने वाले सेना के अफसर और जवानों को बेच देती है.

ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय करके ही बेची जा सकती है ऑटोमेटिक राइफल
ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल को बेचने से पहले इसका ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय करना जरूरी होता है. बिना इसके इसको बेचा नहीं जा सकता. क्योंकि ऑटोमेटिक फंक्शन के निष्क्रिय होने पर यह राइफल सिर्फ 30.06 बोर की साधारण सी रायफल यानी सिंगल शॉट राइफल बनकर रह जाती है. भारत में आर्म्स पॉलिसी के तहत तब ही इसे लाइसेंसी हथियार के रूप में रखा और बेचा जा सकता है.

इसलिए बिकरुकांड में पुलिस रही बैकफुट पर
एसटीएफ को विकास दुबे के भांजे शिव तिवारी से बरामद हुई मेड इन अमेरिका की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल से पता चला कि बिना ऑटोमेटिक फंक्शन को निष्क्रिय किए ही विकास दुबे को बेचा गया था. पुलिस को बरामद राइफल में ऑटोमेटिक फंक्शन सक्रिय मिला है. माना जा रहा कि विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम दो-दो स्प्रिंगफील्ड रायफल ने एम्बुश किया, जिसकी वजह से पुलिस बिकरु गांव में बैकफुट पर रही.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.