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लॉकडाउन: मुख्यमंत्री का आदेश ठेंगे पर, भूख के मारे रो रहा 10 गरीब परिवार, नहीं मिली कोई मदद - कानपुर देहात में लॉकडाउन का असर

उत्तर प्रदेश कानपुर देहात में रंगमंच के छोटे कलाकार भूख की वजह से आंसू बहाने पर मजबूर हैं. इनका कहना है कि 1 महीने से वह यहां फंसे हुए हैं और इनके पास खाने की कोई व्यवस्था नहीं है.

कानपुर देहात में फंसे आगरा के कलाकार
कानपुर देहात में फंसे आगरा के कलाकार
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Published : Apr 8, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Apr 8, 2020, 9:10 PM IST

कानपुर देहात: जिले में प्रदेश स्तर के रंगमंच के छोटे कलाकार इस लॉकडाउन में भुखमरी के चलते बेबसी के आंसू बहाने के लिए मजबूर हैं. जब ईटीवी भारत की टीम मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर जाकर जायजा लिया तो हकीकत सामने आई.

कानपुर देहात में फंसे आगरा के कलाकार

हालात ऐसे थे कि दस परिवारों के भूखे प्यासे लोग ईटीवी भारत टीम के सवालों पर रो पड़े, उनका कहना था कि 'साहब हम क्या खाएं, हमारी सुध लेने वाला जनपद का कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं आया है'. इन दस परिवारों के गरीब कलाकारों को कहीं अगर कुछ खाने को मिल जाता है, तो पहले वो अपने छोटे-छोटे बच्चों को एक टाइम खिलाकर, खुद भूखे रहकर आंसू बहाने पर मजबूर हैं.

भुखमरी की कगार पर छोटे कलाकार
ये तस्वीरें हैं कानपुर देहात के मुख्यालय जिलाधिकारी के कार्यालय से महेज दो किलोमीटर की दूरी की. जहां पर मार्च के महीने में अलग-अलग राज्यों के छोटे कलाकार अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए आए हुए थे. लेकिन आज अपनी कला से लोगों को हंसाने वाले कलाकार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि आज वह भूख के मारे रो रहे हैं, लेकिन जिले का कोई अधिकारी आज तक इनके पास नहीं गया.

भूख की वजह से रो पड़े गरीब परिवार

जब ईटीवी भारत की टीम ने मुख्यमंत्री के आदेशों के दावों की हकीकत जानी तो पता चला कि सरकार का फरमान है कि रोज 8 बजे से पहले ही गरीब मजदूरों तक टाइम से खाना पहुंच जाना चाहिए, लेकिन खाना तो दूर की बात है, दस परिवार के भूखे प्यासे लोग ईटीवी भारत के सवालों पर भूख के मारे रो पड़े. उनका कहना था, कि 'साहब हम क्या खाएं, हमारी जानकारी लेने वाला जनपद का कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं आया है.' ऐसे में जिले के कानपुर देहात में सरकारी दावे हवा-हवाई नजर आ रहे हैं.

कानपुर देहात: जिले में प्रदेश स्तर के रंगमंच के छोटे कलाकार इस लॉकडाउन में भुखमरी के चलते बेबसी के आंसू बहाने के लिए मजबूर हैं. जब ईटीवी भारत की टीम मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर जाकर जायजा लिया तो हकीकत सामने आई.

कानपुर देहात में फंसे आगरा के कलाकार

हालात ऐसे थे कि दस परिवारों के भूखे प्यासे लोग ईटीवी भारत टीम के सवालों पर रो पड़े, उनका कहना था कि 'साहब हम क्या खाएं, हमारी सुध लेने वाला जनपद का कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं आया है'. इन दस परिवारों के गरीब कलाकारों को कहीं अगर कुछ खाने को मिल जाता है, तो पहले वो अपने छोटे-छोटे बच्चों को एक टाइम खिलाकर, खुद भूखे रहकर आंसू बहाने पर मजबूर हैं.

भुखमरी की कगार पर छोटे कलाकार
ये तस्वीरें हैं कानपुर देहात के मुख्यालय जिलाधिकारी के कार्यालय से महेज दो किलोमीटर की दूरी की. जहां पर मार्च के महीने में अलग-अलग राज्यों के छोटे कलाकार अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए आए हुए थे. लेकिन आज अपनी कला से लोगों को हंसाने वाले कलाकार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि आज वह भूख के मारे रो रहे हैं, लेकिन जिले का कोई अधिकारी आज तक इनके पास नहीं गया.

भूख की वजह से रो पड़े गरीब परिवार

जब ईटीवी भारत की टीम ने मुख्यमंत्री के आदेशों के दावों की हकीकत जानी तो पता चला कि सरकार का फरमान है कि रोज 8 बजे से पहले ही गरीब मजदूरों तक टाइम से खाना पहुंच जाना चाहिए, लेकिन खाना तो दूर की बात है, दस परिवार के भूखे प्यासे लोग ईटीवी भारत के सवालों पर भूख के मारे रो पड़े. उनका कहना था, कि 'साहब हम क्या खाएं, हमारी जानकारी लेने वाला जनपद का कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं आया है.' ऐसे में जिले के कानपुर देहात में सरकारी दावे हवा-हवाई नजर आ रहे हैं.

Last Updated : Apr 8, 2020, 9:10 PM IST
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