कानपुर देहात: विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. कानपुर की एसटीएफ पुलिस तूफान की रफ्तार से कुख्यात अपराधी को ले जा रही थी. इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिकार पुलिस को किस बात की जल्दी थी. माना जा रहा है कि विकास दुबे के जिंदा होने पर कई राज खुल सकते थे.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखलेश यादव ने ट्वीट किया था कि अगर विकास दुबे कोर्ट में जिंदा पेश हुआ तो कई राज खुल सकते हैं. विकास के एनकाउंटर से कई बड़े राज दफन हो जायेंगे. कुख्यात अपराधी विकास दुबे यूपी के कई बड़े नेताओं का राज खोल सकता था. कानपुर कांड के बाद कई बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे थे.
इस एनकाउंटर में कई हैं पेंच, उठ रहे हैं कई सवाल
- 6 बजकर 30 मिनट पर कुख्यात अपराधी को लगी गोली.
- 6 बजकर 16 मिनट पर विकास दुबे कानपुर देहात के माती मुख्यालय पर लाया गया था.
- 6 बजकर 25 मिनट पर विकास दुबे कानपुर देहात के अकबरपुर बारा टोल प्लाजा पर था.
- आखिरकार 45 किलोमीटर का सफर कानपुर नगर की एसटीएफ पुलिस ने 5 मिनट में कैसे तय किया.
- कानपुर एसटीएफ की सिर्फ 3 गाड़ियां विकास दुबे को लेकर आ रही थीं, जिससे हादसा हुआ वह गाड़ी काफिले में शामिल नहीं थी.
- हादसे से इतने कम समय में कैसे बढ़ गया कानपुर एसटीएफ पुलिस का गाड़ियों का काफिला.
- क्या कानपुर नगर पुलिस विकास दुबे को पहले ही ले आई थी घटना स्थल पर.
- क्या हाईवे पर खाली गाड़ियां ही बिना विकास दुबे के फर्राटा भर रही थीं.
- पुलिस के मुताबिक, गाड़ी फिसली और पलटी फिर फायरिंग हुई, जिस रूट पर पुलिस बता रही है कि गाड़ी फिसली है और उस जगह पर नेशनल हाईवे की सिक्स लाइन है. उसके बाद लोहे की रेलिंग, तो कानपुर नगर STF की गाड़ी कैसे दो लाइन को तोड़कर उतरी.
- सवाल यह उठता है कि 5 मिनट में गाड़ी ने 45 किलोमीटर का सफर कैसे तय किया, इस बीच गाड़ी पलटी भी और एनकाउंटर भी हो गया.