कानपुर देहात: जनपद के ब्रजेश पाल हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि हत्यारोपी ब्रजेश से युवती बनकर वाट्सएप चैट करता था. उसने ब्रजेश को फंसाकर आधी रात को मिलने के लिए बुलाया था और कार में उसका अपहरण कर हत्या कर दी. इसके बाद घर वालों को फिरौती के लिए फोन किया. ब्रजेश अपहरण हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया था. आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए.
युवती बनकर करता था चैट
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ब्रजेश कुछ दिनों से साक्षी नाम की युवती से चैट कर रहा था. युवती से फोन पर कभी बातचीत नहीं हुई थी. साक्षी बनकर यह चैटिंग खुद आरोपी सुबोध ही किया करता था. पुलिस की जांच में पता चला कि उस रात भी दोनों चैटिंग कर रहे थे. इसी दौरान सुबोध ने ब्रजेश से अपने घर के बाहर आने को कहा, जहां कुछ दूर पर ही सुबोध अपनी कार लेकर खड़ा था.
यहीं से उसने ब्रजेश का अपहरण कर लिया. रास्ते में ब्रजेश को शराब में नशीली दवा मिलाकर जबरन शराब पिलाई गई, इसके बाद ब्रजेश बेसुध हो गया. करीब दो घंटे बाद ब्रजेश की तार से गला घोंटकर हत्या कर दी गई. पुलिस के मुताबिक आरोपी सुबोध ने खुद इस घटनाक्रम को कबूल किया है.
घर पर भूल गया था फोन
मृतक ब्रजेश अपना मोबाइल घर पर ही भूल गया था, इसी की मदद से पुलिस सुबोध तक पहुंच पाई. पुलिस के मुताबिक ब्रजेश दो मोबाइल रखता था. एक फोन पर वह वाट्सएप चलाता था, जबकि दूसरे फोन का इस्तेमाल कॉलिंग के लिए करता था. जिस रात ब्रजेश का अपहरण हुआ, वह घर से निकलते समय वह वाट्सएप वाला मोबाइल घर में ही भूल गया. पुलिस ने उसके घर से मोबाइल बरामद कर चैट रिकवर करवाया था.
अपहरण और हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस ने कई नंबर सर्विलांस पर लगाए थे. इसमें से साक्षी नाम से सेव नंबर वारदात की रात से बंद था. यहीं से पुलिस को शक होने लगा. पुलिस ने इस नंबर की डिटेल निकलवाई तो पता चला कि फेंक आईडी से सिम लिया गया था. इसके बाद पुलिस सुबोध तक पहुंची. मीडिया से बातचीत में आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस हत्याकांड के आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए.