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दिवाली 2019: चाइनीज झालरों के आगे कुम्हार के चाक का रंग पड़ रहा फीका

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Published : Oct 27, 2019, 5:02 PM IST

एक तरफ दीपावली में हर जगह रौनक है और लोगों के चेहरे पर खुशी है. वहीे कुम्होरों की खुशी मानों फिकी सी पड़ गई है. अब देखना यह है कि इस बार कुम्हारों को फायदा मिलेगा या मायूस होना पड़ेगा.

कुम्हारों को मिलेगी आस या होंगे मायूस.

कन्नौज: दीपावली का त्योहार लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं. वहीं इस त्योहार से कुम्हारों को भी बहुत उम्मीदें रहती है. लगातार दीपावली के दौरान यह देखा जा रहा है कि अब चायनीज झालरों की बजह से कुम्हारों के मिट्टी के दिये की बिक्री कम होने लगी है, जिसकी वजह से कुम्हार की आमदनी का श्रोत दिन पर दिन कम होता जा रहा है.

मिट्टी से दिये बनाने में मेहनत ज्यादा होती है और चाइनीज दिए की तुलना में मिट्टी के दिये की कीमत भी अधिक होती है, जिसका परिणाम यह है कि आज चायनीज चीजों के आगे कुम्हार के चाक का रंग फीका नजर आ रहा है.

कुम्हार है परेशान
इत्र नगरी कन्नौज में दीपावली की धूम मची हुई है, लेकिन कुम्हार आज भी अपनी पुरानी व्यथा का रोना रो रहा है. हर साल दीपावली में चायनीज झालरों की वजह से मिट्टी के दियों की बिक्री कम होती जा रही है, जिसकी वजह से कुम्हार की कला पर संकट छा रहा है और रोजी-रोटी को लेकर परेशानी बढ़ रही है.

कुम्हारों को मिलेगी आस या होंगे मायूस.

सरकार से कुम्हारों को कई उम्मीद
ऐसे में कुम्हारों को योगी सरकार से आशा की किरण नजर आ रही थी क्योंकि सरकार ने कुम्हार की कला को बढ़ावा देते हुए उनको इलेक्ट्रानिक चाक दिये जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उनको इसका लाभ नही मिल पाया है, जिसकी वजह से आज भी कुम्हार अपनी परेशानी का रोना रो रहा है.

इसे भी पढ़ें- महराजगंज: बदहाल कुम्हार, चाइनीज झालर से जगमग शहर

प्रशासन की नई पहल
चाइनीज को बढ़ावा दिये जाने को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन ने एक नई पहल की है. पुलिस महकमें ने इस बार हर थाने में मिट्टी के दिये जलाकर थाना जगमगाते हुए दीपोत्सव मनाये जाने का फरमान जारी किया है. इसको लेकर जिले के आलाधिकारी जिले में शान्ति व्यवस्था के साथ-साथ मिट्टी के दिये की खरीद्दारी भी कर रहे है और यह संदेश भी दे रहे है कि पर्यावरण के यह अनुकूल है.

कन्नौज: दीपावली का त्योहार लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं. वहीं इस त्योहार से कुम्हारों को भी बहुत उम्मीदें रहती है. लगातार दीपावली के दौरान यह देखा जा रहा है कि अब चायनीज झालरों की बजह से कुम्हारों के मिट्टी के दिये की बिक्री कम होने लगी है, जिसकी वजह से कुम्हार की आमदनी का श्रोत दिन पर दिन कम होता जा रहा है.

मिट्टी से दिये बनाने में मेहनत ज्यादा होती है और चाइनीज दिए की तुलना में मिट्टी के दिये की कीमत भी अधिक होती है, जिसका परिणाम यह है कि आज चायनीज चीजों के आगे कुम्हार के चाक का रंग फीका नजर आ रहा है.

कुम्हार है परेशान
इत्र नगरी कन्नौज में दीपावली की धूम मची हुई है, लेकिन कुम्हार आज भी अपनी पुरानी व्यथा का रोना रो रहा है. हर साल दीपावली में चायनीज झालरों की वजह से मिट्टी के दियों की बिक्री कम होती जा रही है, जिसकी वजह से कुम्हार की कला पर संकट छा रहा है और रोजी-रोटी को लेकर परेशानी बढ़ रही है.

कुम्हारों को मिलेगी आस या होंगे मायूस.

सरकार से कुम्हारों को कई उम्मीद
ऐसे में कुम्हारों को योगी सरकार से आशा की किरण नजर आ रही थी क्योंकि सरकार ने कुम्हार की कला को बढ़ावा देते हुए उनको इलेक्ट्रानिक चाक दिये जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उनको इसका लाभ नही मिल पाया है, जिसकी वजह से आज भी कुम्हार अपनी परेशानी का रोना रो रहा है.

इसे भी पढ़ें- महराजगंज: बदहाल कुम्हार, चाइनीज झालर से जगमग शहर

प्रशासन की नई पहल
चाइनीज को बढ़ावा दिये जाने को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन ने एक नई पहल की है. पुलिस महकमें ने इस बार हर थाने में मिट्टी के दिये जलाकर थाना जगमगाते हुए दीपोत्सव मनाये जाने का फरमान जारी किया है. इसको लेकर जिले के आलाधिकारी जिले में शान्ति व्यवस्था के साथ-साथ मिट्टी के दिये की खरीद्दारी भी कर रहे है और यह संदेश भी दे रहे है कि पर्यावरण के यह अनुकूल है.

Intro:कन्नौज : चयनीज झालरों के आगे, कुम्हार के चाक का रंग आज भी फीका, पुलिस महकमें ने उठाया यह सराहनीय कदम
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लगातार दीपावली के दौरान यह देखा जा रहा है कि अब चायनीज झालरों की बजह से कुम्हार के मिट्टी के दिये की बिक्री कम होने लगी है। जिसकी बजह से कुम्हार की आमदनी का श्रोत दिन पर दिन कम होता जा रहा है। मिट्टी से दिये बनाने में मेहनत ज्यादा होती है और चायनीज दिए की तुलना में मिट्टी के दिये की कीमत भी अधिक होती है। जिसका परिणाम यह है कि आज चायनीज चीजों के आगे कुम्हार के चाक का रंग फीका नजर आ रहा है। आइये देखते हैं कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।

Body:इत्र नगरी कन्नौज में दीपावली की धूम मची हुई है, लेकिन कुम्हार आज भी अपनी पुरानी व्यथा का रोना रो रहा है। हर साल दीपावली को चायनीज झालरों की बजह से मिट्टी के दियों की बिक्री कम होती जा रही है। जिसकी बजह से कुम्हार की कला पर संकट छा रहा है और रोजी रोटी को लेकर परेशानी बढ़ रही है। ऐसे में कुम्हारों को योगी सरकार से आशा की किरण नजर आ रही थी क्यों कि सरकार द्वारा कुम्हार की कला को बढ़ावा देते हुए उनको इलेक्ट्रानिक चाक दिये जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज दिन तक उनको इसका लाभ नही मिल पाया है। जिसकी बजह से आज भी कुम्हार अपनी परेशानी का रोना रो रहा है।

बाइट - बेंचे लाल - कुम्हार


Conclusion:
चायनीज को बढ़ावा दिये जाने को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस बार इसको रोकने के लिए एक नई पहल की है। पुलिस महकमें ने इसबार हर थाने में मिट्टी के दिये जलाकर थाना जगमगाते हुए दीपाकोत्सव मनाये जाने का फरमान जारी किया है जिसको लेकर जिले के आलाधिकारी जिले में शान्ति व्यवस्था के साथ-साथ मिट्टी के दिये की खरीद्दारी भी कर रहे है और यह संदेश भी दे रहे है कि पर्यावरण के यह अनुकूल है और जो मिट्टी का काम कर रहे लोग है उनका उत्साह बढ़ने के साथ-साथ हम अपनी परम्परा को भी जीवित रख सकेंगे और जो इस मिट्टी के काम से जुड़े हुए इसपर आश्रित है इससे उन गरीब लोगों का भला भी होगा।

बाइट - अमरेन्द्र प्रसाद पुलिस अधीक्षक कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
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