कन्नौज: नीट परीक्षा में ओबीसी को आरक्षण न दिए जाने से नाराज राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने 12 सितंबर को होने वाली नीट परीक्षा में आरक्षण दिए जाने की मांग की है. विरोध प्रदर्शन के बाद मोर्चे ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा. उन्होंने कहा कि ओबीसी को अधिकारों से वंचित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि मांग पूरी न होने पर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष कैलाश कुशवाहा की अगुवाई में कई कार्यकर्ता मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ओबीसी अभ्यर्थियों को आरक्षण न दिए जाने से नाराज कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. बाद में उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम राकेश कुमार मिश्रा को सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि मेडिकल में प्रवेश के लिए 12 सितंबर 2021 को आयोजित होने वाली नीट परीक्षा में ओबीसी को भारत सरकार द्वारा आरक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा कि 1931 की जनगणना के अनुसार ओबीसी 52 प्रतिशत हैं. जिन्हें क्रीमी लेयर लगाकर 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण के रूप में सेफगार्ड दिया गया है, जबकि उन्हें 52 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए. उस पर भी क्रीमी लेयर लगाया गया दी गई जो कि संविधान के अनुच्छेद 340 की मूल भावना के विरोध में है.
12 सितंबर 2021 को मेडिकल प्रवेश के लिए होने वाली नीट परीक्षा में ओबीसी को सेंट्रल कोटे की ओर से दिए जाने वाले 15 प्रतिशत आरक्षण को राज्य मेडिकल की सीटों में आरक्षण को 0 कर दिया गया. कहा गया कि ओबीसी समाज को अधिकार से वंचित करने की साजिश की जा रही है. ओबीसी की जाति आधारित गिनती नहीं की जा रही है, उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर को हटाया जाए, पदोन्नति पर आरक्षण लागू किया जाए. चेतावनी दी है कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो संगठन के निर्देश पर आंदोलन किया जाएगा.