कन्नौजः जिले के इंदरगढ़ और उसके आसपास के किसानों के सिंचाई का साधन कंसुआ माइनर सूखी हुई है. पिछले तीन महीनों से इस नहर में पानी न छोड़े जाने से यह समस्या किसानों की मुसीबत बनी हुई है. इससे किसानों की फसलें सूखने की कगार पर हैं. महंगाई के इस दौर से जूझ रहे किसानों पर डीजल के बढ़ते दामों से दोहरी मार पड़ी है.
कंसुआ माइनर में पानी न आने से बढ़ी मुश्किलें
इस क्षेत्र के गुंदारा गांव निवासी किसान चेतराम राजपूत का कहना है कि मक्का की फसल सूखने की कगार पर है और वहीं धान की पौध डाल दी गई है. वह भी बर्बादी की कगार पर है. किसान उमाशंकर वर्मा बताते हैं कि तीन महीने से कंसुआ माइनर में पानी न आने से हमारी फसलें बर्बाद हो रही हैं. वही ऐसी महंगाई में डीजल इंजन का प्रयोग करें कि परिवार का भरण पोषण करें.
किसानों का सरकार से अनुरोध है कि जल्द से जल्द में पानी छोड़ा जाए, ताकि फसलें सूखने से बचाई जा सकें. किसान फूल सिंह बताते हैं कि मूंगफली और धान की पौध जो पड़ चुकी है. पंपिंग सेट से कई बार सिंचाई कर चुका हूं, लेकिन ऐसी महंगाई में डीजल के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं, जिसकी वजह से लागत अधिक लग रही है. ऐसे में कंसुआ माइनर के पानी का सहारा था, लेकिन उससे पानी न मिलने के कारण किसान बर्बादी की कगार पर हैं.
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दर्जनों गांव में छाया सिंचाई के लिए पानी का संकट
इन दिनों इंदरगढ़ क्षेत्र में मक्का, मूंगफली और धान की पौध पड़ चुकी है. पानी की इस समस्या से पट्टी, इमलिया, घना पुरवा, जमनियांपुर, मढ़पुरा, नई बस्ती, अनंतपुर, गुंदारा, इंदरगढ़, विसैनेपुर्वा, प्रेमपुर, उधमपुर दर्जनों गांवों के किसान कंसुआ माइनर में पानी न आने से परेशान हैं. उनका कहना है अगर जल्द पानी न छोड़ा गया तो इस संबंध में किसान प्रदर्शन कर अपनी मांग करेंगे.