कन्नौज: विशेष जज ने किशोरियों से दुष्कर्म के अलग-अलग मामलों में सुनवाई की. कोर्ट ने दोनों मामलों के आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. दोनों ही आरोपियों को 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी अदा करना होगा. कोर्ट ने जुर्माने की रकम से 15-15 हजार रुपये दोनों पीड़िताओं को देने का आदेश दिया है. अर्थदंड न देने पर 20 दिन की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है.
मामलों की जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आरबी सरोज ने साक्ष्यों के आधार पर दो मामलों में सजा सुनाई है. एक मामला सदर कोतवाली व दूसरा इंदरगढ़ थाने से सम्बंधित है. वर्ष 2018 में हुए दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए आज निर्णय लिया गया, जिसमें शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने पीड़ितों की तरफ से पैरवी की थी. पहला मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी 28 मई 2018 को अपने घर के दरवाजे पर बैठी थी. गांव का ही रहने वाला गंगाधर राजपूत किशोरी को गुमराह कर खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी को 10 साल की कैद और 22 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है, इसमें से 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है. दूसरा मामलाथाना इंदरगढ़ के एक गांव में 25 सितंबर 2018 को स्कूल जा रही 13 वर्षीय किशोरी को गांव के ही रहने वाले मोनू द्वारा गुमराह कर खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया गया था. घटना के बाद पीड़िता के पिता ने थाने में मोनू के खिलाफ तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ने मोनू को दोषी मानते हुए दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में 10 साल और 22 हजार का अर्थदंड लगाया है. इसमें 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है.
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शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने बताया कि दो साल के अंदर कोर्ट ने दोनों ही मामलों में फैसला सुनाया है, जिसमें सबूतों व पीड़िता के बयानों के आधार पर जज ने आरोपियों को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. दोनों पर 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है.