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कन्नौज: दुष्कर्म मामलों में कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई 10-10 साल की सजा, लगाया जुर्माना

यूपी के कन्नौज में विशेष जज ने किशोरियों के साथ दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोनों मामलों में आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोनों ही मामलों में कोर्ट ने दो साल के अंदर फैसला सुनाया है.

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कोर्ट ने सुनाई सजा.
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Published : Jan 9, 2020, 4:42 PM IST

कन्नौज: विशेष जज ने किशोरियों से दुष्कर्म के अलग-अलग मामलों में सुनवाई की. कोर्ट ने दोनों मामलों के आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. दोनों ही आरोपियों को 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी अदा करना होगा. कोर्ट ने जुर्माने की रकम से 15-15 हजार रुपये दोनों पीड़िताओं को देने का आदेश दिया है. अर्थदंड न देने पर 20 दिन की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है.

मामलों की जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता.
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आरबी सरोज ने साक्ष्यों के आधार पर दो मामलों में सजा सुनाई है. एक मामला सदर कोतवाली व दूसरा इंदरगढ़ थाने से सम्बंधित है. वर्ष 2018 में हुए दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए आज निर्णय लिया गया, जिसमें शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने पीड़ितों की तरफ से पैरवी की थी. पहला मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी 28 मई 2018 को अपने घर के दरवाजे पर बैठी थी. गांव का ही रहने वाला गंगाधर राजपूत किशोरी को गुमराह कर खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी को 10 साल की कैद और 22 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है, इसमें से 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है. दूसरा मामलाथाना इंदरगढ़ के एक गांव में 25 सितंबर 2018 को स्कूल जा रही 13 वर्षीय किशोरी को गांव के ही रहने वाले मोनू द्वारा गुमराह कर खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया गया था. घटना के बाद पीड़िता के पिता ने थाने में मोनू के खिलाफ तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ने मोनू को दोषी मानते हुए दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में 10 साल और 22 हजार का अर्थदंड लगाया है. इसमें 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है.


इसे भी पढ़ें:- कन्नौजः TET के लिए उपलब्ध करा रहे थे सॉल्वर, दो गिरफ्तार

शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने बताया कि दो साल के अंदर कोर्ट ने दोनों ही मामलों में फैसला सुनाया है, जिसमें सबूतों व पीड़िता के बयानों के आधार पर जज ने आरोपियों को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. दोनों पर 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है.

कन्नौज: विशेष जज ने किशोरियों से दुष्कर्म के अलग-अलग मामलों में सुनवाई की. कोर्ट ने दोनों मामलों के आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. दोनों ही आरोपियों को 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी अदा करना होगा. कोर्ट ने जुर्माने की रकम से 15-15 हजार रुपये दोनों पीड़िताओं को देने का आदेश दिया है. अर्थदंड न देने पर 20 दिन की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है.

मामलों की जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता.
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आरबी सरोज ने साक्ष्यों के आधार पर दो मामलों में सजा सुनाई है. एक मामला सदर कोतवाली व दूसरा इंदरगढ़ थाने से सम्बंधित है. वर्ष 2018 में हुए दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए आज निर्णय लिया गया, जिसमें शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने पीड़ितों की तरफ से पैरवी की थी. पहला मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी 28 मई 2018 को अपने घर के दरवाजे पर बैठी थी. गांव का ही रहने वाला गंगाधर राजपूत किशोरी को गुमराह कर खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी को 10 साल की कैद और 22 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है, इसमें से 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है. दूसरा मामलाथाना इंदरगढ़ के एक गांव में 25 सितंबर 2018 को स्कूल जा रही 13 वर्षीय किशोरी को गांव के ही रहने वाले मोनू द्वारा गुमराह कर खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया गया था. घटना के बाद पीड़िता के पिता ने थाने में मोनू के खिलाफ तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ने मोनू को दोषी मानते हुए दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में 10 साल और 22 हजार का अर्थदंड लगाया है. इसमें 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है.


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शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने बताया कि दो साल के अंदर कोर्ट ने दोनों ही मामलों में फैसला सुनाया है, जिसमें सबूतों व पीड़िता के बयानों के आधार पर जज ने आरोपियों को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. दोनों पर 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है.

Intro:कन्नौज : दुष्कर्म के दो मामलों में 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड सहित मिली 10-10 साल की सजा ----------------------------------------------
यूपी के कन्नौज में विशेष जज पॉक्सो एक्ट ने किशोरियों से अलग-अलग दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई की। जिसमे दोनों ही मामलों के आरोपियों को 10- 10 साल की सजा का ऐलान किया गया है। जिसमे दोनों ही आरोपियों को 22-22 हजार रुपये के अर्थदण्ड का जुर्माना भी अदा करना पडेगा जिसमे जुर्माने की रकम से 15-15  हजार रूपये दोनों ही पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है । आइये देखते है कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।  

Body:विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट/ अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या एक आर ० बी ० सरोज ने साक्ष्यों के आधार पर।दो मामलों में सजा सुनाई। दोनों मामले एक सदर कोतवाली व दूसरा इंदरगढ़ थाने से सम्बंधित है। वर्ष 2018 में हुये दोनों मामलों में सुनवाई करते हुये आज निर्णय लिया गया। जिसमे शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने पीड़ितों की तरफ से पैरवी की थी।

बताते चले कि सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी 28 मई 2018 को अपने दरवाजे पर बैठी थी। तभी गांव का ही रहने वाला गंगाधर राजपूत पुत्र राम आसरे किशोरी को गुमराह कर खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। किशोरी की अस्मत लूटने के बाद वह फरार हो गया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी गंगाधर को ने गिरफ्तार कर लिया गया था और न्यायालय में पेश किया गया। इस मामले की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट/ अपर सत्र न्यायाधीशने दोषी गंगाधर को 10 साल की कैद और 22 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। जिसमें से 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है। इसी तरह एक दूसरे मामले में जो कि कन्नौज के थाना इंदरगढ़ के एक गांव का है। जहां 25 सितंबर 2018 को स्कूल जा रही 13 वर्षीय किशोरी को गांव के ही रहने वाले मोनू पुत्र ओमप्रकाशद्वारा गुमराह कर खेतों में ले जाकर दुष्कर्म किया गया । घटना के बाद पीड़िता के पिता ने थाने में मोनू के खिलाफ तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया, जिसकी सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ने मोनू को दोषी मानते हुए दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में 10 साल और 22 हजार का अर्थदंड लगाया, जिसमें 15 हजार पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है । अर्थदंड न देने पर 20 दिन की अतिरिक्त सजा सुनाई।

Conclusion:शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने बताया कि दो साल के अंदर कोर्ट ने दोनों ही मामलों में फैसला सुनाया है।जिसमे सबूतों व पीड़िताओं के बयानों के आधार पर विद्वान जज ने आरोपियों को दुष्कर्म का जिम्मेदार मानते हुये 10- 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 22-22 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया है।

बाइट - तरुण चंद्रा - (शासकीय अधिवक्ता) - जिला एवं सत्र न्यायालय कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
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