कन्नौजः समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री असीम अरुण के नाम पर एक बार फिर ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित ने भाजपा नेता समेत दो लोगों पर जमीनी विवाद निपटाने के नाम पर 1.5 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है. रुपये वापस न मिलने पर मंगलवार को पीड़ित ने एसपी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है. इससे पहले कलेक्ट्रेट रोड निवासी शिवम व सत्यम दुबे ने राज्यमंत्री के नाम पर ठगी की थी.
गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के शास्त्रीनगर मोहल्ला निवासी नौशाद मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसपी को शिकायत पत्र दिया. नौशाद का आरोप है कि उसके पिता हाजी यामीन ने दो शादियां की थी. उनकी दूसरी पत्नी से चार भाई है. चारों भाइयों ने वसीयत अपने नाम करा ली और सारी संपत्ति पर कब्जा कर लिया. उन्होंने उसके दुकान का ताला तोड़कर सारा सामान भी लूट लिया. लेकिन पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की.
नौशाद ने बताया कि जमीनी विवाद को लेकर वह काफी परेशान चल रहा है. इस बीच सदर कोतवाली क्षेत्र के शेखाना मोहल्ला निवासी सैय्यद ने मामला सुझवाने की जिम्मेदारी ली और उसे भाजपा नेता वीर सिंह भदौरिया के पास लेकर गया. जहां वीरसिंह ने राज्यमंत्री असीम अरुण से फोन करवाने की बात कही. काम करवाने के एवज में उससे डेढ़ लाख रुपये की मांग की गई. जिस पर उसने अनवर, फरीद खां, अंसार खां व खलील खां के सामने एक लाख रुपये भाजपा नेता वीरसिंह भदौरिया को दे दिए.
एसपी से न्याय की गुहारः नौशाद ने बताया कि बाकी के पचास हजार रुपये कोतवाली में भाजपा नेता को दे दिए. रुपये लेने के बाद भाजपा नेता ने उसको जमीन पर कब्जा लेने की बात कहकर भेज दिया. जब वह कब्जा लेने गया तो दूसरे पक्ष के लोगों ने उसके साथ मारपीट की. खुद को ठगा महसूस होने पर एसपी कार्यलय पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित ने एसपी से भाजपा नेता से रुपये वापस दिलाए की भी मांग की है.
पहले भी राज्यमंत्री के नाम पर हो चुकी है ठगीः राज्यमंत्री असीम अरुण के नाम पर ठगी करने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले कलेक्ट्रेट रोड निवासी शिवम दुबे व उसके भाई सत्यम दुबे ने राज्यमंत्री के नाम पर ठगी की थी. इटावा के फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी विप्लव चौधरी के पिता से लखनऊ पुलिस हेडक्वार्टर में टेलीकॉलर एक्जीक्यूटिव पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर 30 हजार रुपये ठगे थे. हालांकि पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर ठगी करने वाले एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
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