झांसी : पानी की कमी और सूखे से बेहाल रहने वाला बुंदेलखंड इन दिनों भारी बारिश से बेहाल है. बुंदेलखंड में कई नदियां इन दिनों ऊफान पर हैं, जिसकी वजह से यहां के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. झांसी में बेतवा नदी सब कुछ बर्बाद करने पर आमादा है. भारी बारिश के बाद बेतवा नदी ऊफान पर है. वहीं जिले में बनाए गए सभी डैम पानी से लबालब हैं. माता टीला बांध, सुकमां-ढुकमां बांध और परीछा बांध में क्षमता से अधिक भरने के बाद अब इन डैमों से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बीते दो दिनों में सिर्फ माताटीला बांध से ही 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. जिसकी वजह से कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
उधर बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट पर है. नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को निगरानी समितियों और कंट्रोल रूम माध्यम से सचेत किया जा रहा है कि, वे नदी के किनारें नहीं जाएं और नदी किनारे जो भी गांव हैं वे कंट्रोल रूम से संपर्क में रहें. इसके साथ ही एनडीआरएफ और एलडीआरएफ की टीम को तैनात कर दिया गया है. साथ ही जिला प्रशासन ने सेना के हेलीकॉप्टर्स को भी बुला लिया है. बताया जा रहा है कि, बांध का पानी छोड़े जाने के बाद जिले करीब 150 गांव खतरे की जद में आ गए हैं.
आपको बता दे कि अगस्त माह की शुरूआत होते ही मॉनसून एक्सप्रेस ने रफ्तार पकड़ ली है. बुंदेलखण्ड में काली घटाएं छाई हैं, तो मध्य प्रदेश में भी झमाझम बारिश हो रही है, जिसकी वजह से बेतवा नदी ऊफान पर है. शुक्रवार को बेतवा का वेग बढ़ने के कुछ घंटे में ही राजघाट बांध लबालब हो गया. इसके बाद राजघाट बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा गया.
शनिवार की सुबह राजघाट से भी साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जबकि, माता टीला बांध बांध से 3 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके अलावा ढुंकवा बांध से 2 लाख 39 हजार 400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.