झांसी: बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के नए सत्र में होने वाले प्रवेश में फीस वृद्धि पर विद्यार्थी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. बुन्देलखंड विश्वविद्यालय में हुई फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने विरोध की शुरुआत कर दी है. समाजवादी छात्र सभा ने भी फीसवृद्धि को वापस लेने की मांग उठाई है.
एबीवीपी और एनएसयूआई चला रहे अभियान के तहत सोशल मीडिया पर फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. इस सम्बंध में कई बार कुलपति और स्थानीय जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन भी दिए गए हैं. एनएसयूआई ने तो बाकायदा आंदोलन की शुरुआत कर दी है और पिछले दिनों विश्वविद्यालय के कुलपति का पुतला जलाने की कोशिश भी की थी. इस दौरान कई लोग हिरासत में लिए गए थे. समाजवादी छात्र सभा ने भी झांसी के अलावा बुन्देलखंड के कई जनपदों में आवाज बुलन्द करते हुए फीस बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की है.
सुविधाओं में कमी का आरोप लगाते हुए एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक प्रताप सिंह कहते हैं कि बुन्देलखंड हमेशा से प्रकृति का कहर झेलता आया है. बुन्देलखंड विश्वविद्यालय में आसपास के जिलों के छात्र उच्च शिक्षा का सपना संजोकर प्रवेश लेते हैं. मौजूदा पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप तक नहीं आती है. मौजूदा सत्र में 90 प्रतिशत तक की फीस बढ़ोतरी की गई है. पिछले साल की तुलना में सुविधाओं में कटौती की गई है, इसलिए हम फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं.
एबीवीपी के विश्वविद्यालय इकाई के सहमंत्री अमृत राज वर्मा बताते हैं कि महामारी के इस दौर में फीस वृद्धि कर विद्यार्थियों के साथ ही उनके अभिभावकों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है. हमारी मांग है कि फीस बढ़ोतरी इस साल न करके अगले साल की जाए. हमारा कहना है कि शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी एक साल बाद कर दी जाए. फीस बढ़ोतरी कर पिछड़े तबके को शिक्षा लेने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है.