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रिसर्च में हुआ खुलासा, मोबाइल और टीवी के अधिक उपयोग से बच्चों में बढ़ रहा मोटापा

झांसी पहुंचे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के इन्टरवेंशल कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष डॉ. रजनीश कपूर ने दावा किया है कि मोटापे से ग्रस्त 84 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं, जो ज्यादा से ज्यादा समय टीवी देखने में बिताते हैं.

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जानकारी देते डॉ. रजनीश कपूर.
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Published : Dec 14, 2019, 9:48 PM IST

झांसी: टीवी देखना, कम्प्यूटर पर काम करना और वीडियो गेम खेलने जैसी आदतों से बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के इन्टरवेंशल कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष डॉ. रजनीश कपूर ने झांसी में पत्रकारों से बातचीत में यह दावा किया है कि मोटापे से ग्रस्त 84 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं, जो हर रोज पांच घण्टे से अधिक समय स्क्रीन पर ही बिताते हैं.

जानकारी देते डॉ. रजनीश कपूर.

ये भी पढ़ें: झांसी: पूर्व मंत्री रवीन्द्र शुक्ल की पुस्तक संजीवनी का हुआ विमोचन, 1100 दोहों का है संग्रह

  • शोध में मोटापे की चपेट में आये बच्चे हर रोज पांच से छह घण्टे स्क्रीन के सामने बिताते हैं.
  • स्क्रीन पर अधिक समय बिताने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा अधिक रहता है.
  • स्क्रीन पर सक्रिय रहने से कई कारक बनते हैं, जो वजन बढ़ाते हैं.
  • बच्चों को टीवी और मोबाइल पर कम समय बिताया चाहिए.

झांसी: टीवी देखना, कम्प्यूटर पर काम करना और वीडियो गेम खेलने जैसी आदतों से बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के इन्टरवेंशल कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष डॉ. रजनीश कपूर ने झांसी में पत्रकारों से बातचीत में यह दावा किया है कि मोटापे से ग्रस्त 84 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं, जो हर रोज पांच घण्टे से अधिक समय स्क्रीन पर ही बिताते हैं.

जानकारी देते डॉ. रजनीश कपूर.

ये भी पढ़ें: झांसी: पूर्व मंत्री रवीन्द्र शुक्ल की पुस्तक संजीवनी का हुआ विमोचन, 1100 दोहों का है संग्रह

  • शोध में मोटापे की चपेट में आये बच्चे हर रोज पांच से छह घण्टे स्क्रीन के सामने बिताते हैं.
  • स्क्रीन पर अधिक समय बिताने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा अधिक रहता है.
  • स्क्रीन पर सक्रिय रहने से कई कारक बनते हैं, जो वजन बढ़ाते हैं.
  • बच्चों को टीवी और मोबाइल पर कम समय बिताया चाहिए.
Intro:झांसी. टीवी देखना, कम्प्यूटर पर काम करना और वीडियो गेम खेलने जैसी आदतों से बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। मोटापे से ग्रस्त 84 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं, जो हर रोज 5 घण्टे से अधिक समय स्क्रीन पर बिताते हैं। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के इन्टरवेंशल कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष डॉ रजनीश कपूर ने झांसी में पत्रकारों से बातचीत में यह दावा किया।


Body:डॉ रजनीश के मुताबिक 490 बच्चों पर मोटापे को लेकर किये गए शोध में सामने आया कि मोटापे की चपेट में आये अधिकांश बच्चे हर रोज 5 से 6 घण्टे स्क्रीन के सामने बिताते हैं। शोध में यह सामने आया कि टीवी और मोबाइल पर अधिक समय बिताने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा अधिक रहता है। स्क्रीन पर सक्रिय रहने से कई कारक बनते हैं जो वजन बढ़ाते हैं।


Conclusion:डॉ रजनीश बताते हैं कि जब बच्चा टीवी देख रहा होता है तब वह शारीरिक रूप से निष्क्रिय होता है। इसके अलावा टीवी देखते समय कई विज्ञापन ऐसे आते हैं जो उसे खाने के लिए प्रेरित करते हैं। विज्ञापन में चॉकलेट या इस तरह के विज्ञापन देखकर बच्चा अपने अभिभावक से उसे दिलाने की जिद करता है। इस तरह से स्क्रीन पर बने रहने की आदत मोटापे का कारण साबित होती है।

बाइट - डॉ रजनीश कपूर - कार्डियोलॉजिस्ट

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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