झांसी: बेतवा नदी पर गरौठा विधानसभा क्षेत्र स्थित जुझारपुरा गांव में 612 करोड़ की लागत से बन रहे एरच बहुद्देशीय बांध का काम पिछले साढ़े चार साल से ठप पड़ा है. साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसकी आधारशिला रखी थी और साल 2017 तक इसके निर्माण पर 401 करोड़ रुपये भी खर्च किए गए. उत्तर प्रदेश में साल 2017 में सरकार बदलने के बाद योगी सरकार ने स्थानीय भाजपा विधायक जवाहर लाल राजपूत की शिकायत पर बांध निर्माण में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए और काम रोक दिया गया. साढ़े चार साल में न तो घोटाले की जांच पूरी हुई न ही बांध का निर्माण कार्य शुरू हो सका. इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है यहां के निवासियों को. स्थानीय कहते हैं कि बामौर ब्लॉक में पानी का बड़ा संकट है. बांध बन जाता तो क्षेत्र को काफी लाभ होता.गरौठा विधानसभा क्षेत्र में एक बड़े क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों के बीच यह चुनावी मसला भी बन सकता है.
आईआईटी भी कर चुकी है जांच
परियोजना पर 401 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद पिछले साढ़े चार साल से यह काम ठप पड़ा है और अब 612 करोड़ की इस परियोजना की लागत बढ़कर 1000 करोड़ से ऊपर पहुंचने का अनुमान है. शुरुआती दौर में आईआईटी कानपुर और आईआईटी रुड़की से इसकी जांच कराई गई. सिंचाई विभाग को इसकी टीएसी जांच कराने को कहा गया. इन सबके बाद आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अभी तक हुई किसी भी जांच का नतीजा सार्वजनिक नहीं किया गया है और किन लोगों को दोषी पाया गया है, यह भी लोग नहीं जान सके हैं.
समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष महेश कश्यप कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने साढ़े चार साल पूरे हो गए. उन्होंने केवल इस कारण बांध के काम को रोक दिया कि यह समाजवादी पार्टी की योजना थी. वे जनपद में सिंचाई की कोई दूसरी योजना लागू नहीं कर सके तो उन्होंने समाजवादी पार्टी की योजना को भ्रष्टाचार का नाम देकर रोक दिया. यदि इसमें कोई भ्रष्टाचार था तो साढ़े चार साल में जांच पूरी हो जानी चाहिए थी. उसमें यदि भ्रष्टाचार हुआ तो जनता को पता होना चाहिए. इसमें कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. भाजपा ने काम रोकना और नाम बदलना की नीति के तहत यह काम रोक दिया है. जब चुनाव होगा तो जिन किसानों को पानी नहीं मिला, वे भाजपा को हराएंगे.
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भाजपा को ईओडब्ल्यू की कार्रवाई का इंतजार
सपा सरकार में बांध का निर्माण शुरू होने के बाद से ही भाजपा इसमें घोटाले का आरोप लगाती रही है, लेकिन साढ़े चार साल से सत्ता में होने के बावजूद भाजपा सरकार दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है. भारतीय जनता पार्टी के जालौन-गरौठा सीट से सांसद और भारत सरकार में राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा कहते हैं कि जब कोई जांच होती है और इसमें पैसे का घपला होता है तो कुछ एजेंसियां काम करती हैं. ईओडब्ल्यू इसकी जांच का काम कर रही है. जांच के बाद जो रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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