झांसी: कानपुर में एनकाउंटर के दौरान जिन आठ पुलिस अफसरों और जवानों की मौत हुई है, उनमें से एक सिपाही सुल्तान सिंह झांसी जनपद के भोजला गांव के रहने वाले थे. एनकाउंटर में सुल्तान के शहीद होने की जानकारी मिलने के बाद गांव में और परिवार में मातम का माहौल है. सुल्तान सिंह के परिवार के लोगों को कानपुर बुला लिया गया है.
परिवार के लोगों को जानकारी दी गई है कि देर शाम तक दिवंगत सिपाही का शव अंतिम संस्कार के लिए झांसी लाया जाएगा. गांव के लोगों में सिपाही की मौत को लेकर गुस्सा है. साथ ही वे मांग कर रहे हैं कि जिन लोगों ने इस आपराधिक घटना को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनका एनकाउंटर कर दिया जाए.
शहीद जवान सुल्तान सिंह के चाचा मलखान सिंह ने बताया कि सुबह हमें दुर्घटना की जानकारी दी गई थी. कुछ देर बाद हमने इंटरनेट पर देखा तो पता चला कि सुल्तान सिंह की मुठभेड़ में मौत हो गई है. उनके पिताजी और परिवार के लोग कानपुर रवाना हो गए. शहीद सुल्तान के पड़ोस में रहने वाले अमित कुमार ने सरकार से मांग की है कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है, उनका एनकाउंटर किया जाए.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बदमाशों से हुई मुठभेड़ में डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इस हत्याकांड को लेकर मौके पर पहुंचे डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. बदमाशों ने सोची-समझी साजिश के तहत इस हत्याकांड को अंजाम दिया है.
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मीडिया से बातचीत में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जिसमें ड्यूटी पर कार्यरत पुलिस अधिकारी और पुलिस के कांस्टेबल और सब-इंस्पेक्टर पर यह कायराना हमला आपराधिक तत्वों के द्वारा किया गया है और हमला करने के बाद वे भागे हैं. यहां पर जो हमारी पार्टी आई थी, उसका साजिश के तहत पहले जेसीबी से रास्ता रोका गया. उसके बाद अंधेरे का फायदा उठाकर हमला किया गया. यह जो भी घटना हुई है, ये बिना सोची-समझी साजिश के नहीं हुई है.