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शहीद के परिवार का छलका दर्द सरकार ने नहीं पूरे किए वादे

उरी आतंकी हमले में शहीद राजेश सिंह के पिता राजेन्द्र प्रसाद सिंह और उनकी मां के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. मां बार-बार अपने शहीद बेटे की तस्वीर को साफ करती है और रोने लगती हैं. माता-पिता को बेटे की शहादत पर गर्व है, वहीं सरकार से नाराजगी भी है.

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Published : Feb 16, 2019, 12:49 PM IST

शहादत के समय के कागजी वादे जमीनी हकीकत से हैं कोसो दूर

जौनपुर : सरकार शहादत के समय बहुत कागजी वादे करके वाहवाही लूटती है लेकिन बाद में वादे भुला दिए जाते हैं. ऐसा ही प्रदेश के उरी हमले में चार शहीद परिवारों के साथ हुआ.

शहादत के समय के कागजी वादे जमीनी हकीकत से हैं कोसो दूर

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आतंकी हमले में मां ने अपना बेटा खोया तो पत्नी ने अपना पति. सरकार सैनिकों की शहादत के बाद बहुत से वादे करती है लेकिन ये सरकारी वादे समय के साथ भुला दिए जाते हैं.

उरी हमले के बाद भी देश में जनता आक्रोशित थी. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा था. इस हमले के दसवें दिन ही सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक करके शहादत का बदला लिया. उरी हमले के ऊपर फ़िल्म बनी जिसको देश ने सराहा तो वही प्रदेश की योगी सरकार ने इसे टैक्स फ्री भी किया.


योगीजी! शहीद के परिवार को आश्वासन नहीं मदद चाहिये


जौनपुर के भकुरा गांव के राजेश कुमार सिंह भी उरी हमले में शहीद हुए थे. उस समय उरी के शहीद परिवार के लिए सरकार ने वादों की झड़ी लगा दी थी. समय के साथ इन वादों को भुला दिया गया. प्रदेश की योगी सरकार ने शहीद परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने और 25 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की है. सरकार की इस घोषणा के बाद उरी हमले के शहीद परिवार का घाव एक बार फिर ताजा हो गया है.

उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी. जिसने शहीद परिवार के लिए बहुत से वादे किए थे जिनमें से कुछ को पूरा किया गया लेकिन बहुत से वादे कागजी साबित हुए. उस समय तत्कालीन सरकार ने परिवार के माता-पिता को 5 लाख की आर्थिक सहायता करने का वादा किया था. सरकार के ये वादे आज भी अधूरे हैं. माता-पिता को आजतक 5 लाख की आर्थिक सहायता नहीं मिली है. पीड़ित शहीद के पिता ने सैकड़ों शिकायतें पीएम से लेकर डीएम तक भेजीं, जिसका कोई जवाब नहीं मिला.

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जौनपुर : सरकार शहादत के समय बहुत कागजी वादे करके वाहवाही लूटती है लेकिन बाद में वादे भुला दिए जाते हैं. ऐसा ही प्रदेश के उरी हमले में चार शहीद परिवारों के साथ हुआ.

शहादत के समय के कागजी वादे जमीनी हकीकत से हैं कोसो दूर

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आतंकी हमले में मां ने अपना बेटा खोया तो पत्नी ने अपना पति. सरकार सैनिकों की शहादत के बाद बहुत से वादे करती है लेकिन ये सरकारी वादे समय के साथ भुला दिए जाते हैं.

उरी हमले के बाद भी देश में जनता आक्रोशित थी. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा था. इस हमले के दसवें दिन ही सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक करके शहादत का बदला लिया. उरी हमले के ऊपर फ़िल्म बनी जिसको देश ने सराहा तो वही प्रदेश की योगी सरकार ने इसे टैक्स फ्री भी किया.


योगीजी! शहीद के परिवार को आश्वासन नहीं मदद चाहिये


जौनपुर के भकुरा गांव के राजेश कुमार सिंह भी उरी हमले में शहीद हुए थे. उस समय उरी के शहीद परिवार के लिए सरकार ने वादों की झड़ी लगा दी थी. समय के साथ इन वादों को भुला दिया गया. प्रदेश की योगी सरकार ने शहीद परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने और 25 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की है. सरकार की इस घोषणा के बाद उरी हमले के शहीद परिवार का घाव एक बार फिर ताजा हो गया है.

उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी. जिसने शहीद परिवार के लिए बहुत से वादे किए थे जिनमें से कुछ को पूरा किया गया लेकिन बहुत से वादे कागजी साबित हुए. उस समय तत्कालीन सरकार ने परिवार के माता-पिता को 5 लाख की आर्थिक सहायता करने का वादा किया था. सरकार के ये वादे आज भी अधूरे हैं. माता-पिता को आजतक 5 लाख की आर्थिक सहायता नहीं मिली है. पीड़ित शहीद के पिता ने सैकड़ों शिकायतें पीएम से लेकर डीएम तक भेजीं, जिसका कोई जवाब नहीं मिला.

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Intro:जौनपुर।।16feb।।पुलवामा के आतंकी हमले में माँ ने अपना बेटा खोया तो पत्नी ने अपना पति।सरकार सैनिको की शहादत के बाद बहुत से वादे करती है लेकिन ये सरकारी वादे समय के साथ भूला दिए जाते है।उरी हमले के बाद भी देश मे जनता आक्रोशित थी ,वही परिवार पर दुखो का पहाड़ टूटा था।इस हमले के दसवें दिन ही सरकार सर्जिकल स्ट्राइक करके सहादत का बदला लिया।उरी हमले के ऊपर फ़िल्म बनी जिसको देश ने सराहा तो वही प्रदेश की योगी सरकार ने इसे टैक्स फ्री कर दिया।जौनपुर के भकुरा गांव के राजेश कुमार सिंह भी उरी हमले में शहीद हुए थे।उस समय उरी के शहीद परिवार के लिए सरकार ने वादों की झड़ी लगा दी थी।समय के साथ इन वादों को भुला दिया गया ।आजतक शहीद के माता- पिता को मिलने वाली सहायता राशि नही मिली तो गांव के विकास का वादा भी अधूरा रह गया। वही आजतक परिवार से न तो मंत्री मिला यहाँ तक जिला का कोई ,सांसद उनसे मिलने के लिए आया।


Body:वीओ- पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर देश मे सरकार से बदला लेने की मांग उठ रही है तो प्रदेश की योगी सरकार ने शहीद परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने और 25 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। सरकार की इस घोषणा के बाद उरी हमले के शहीद परिवार का घाव एक बार फिर ताजा हो गया है। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी ।जिसने भी शहीद परिवार के लिए बहुत से वादे किए थे जिनमें से कुछ को पूरा किया गया लेकिन बहुत से वादे कागजी साबित हुए है।उसे समय तत्कालीन सरकार ने परिवार के माता पिता को 5 लाख की आर्थिक सहायता और गांव का नाम से विकास करने के वादे हुए थे ।सरकार के ये वादे आज भी अधूरे है ।माता पिता को आजतक 5 लाख की आर्थिक सहायता नही मिली है। वही गांव में कोई विकास कार्य नही हुआ है।गांव की सड़कें आज भी बदहाल है ।पीड़ित शहीद के पिता ने सैकड़ो शिकायते पीएम से लेकर डीएम तक भेजी जिसका कोई जवाब नही मिला।

बाइट- परमवती सिंह-शहीद राजेश की माँ

वीओ- शहीद राजेश सिंह के पिता राजेन्द्र प्रसाद सिंह और उनकी माँ के आँशु रुकने का नाम नही ले रहे है।माँ बार सपने शहीद बेटे की तस्वीर को साफ करते ही उनके आँशु बहने लगे।माता पिता को बेटे की शहादत पर गर्व है तो सरकार से नाराजगी भी हैं।सरकार शहादत के समय बहुत कागजी वादे करके वाहवाही लूटती है लेकिन बाद ये वादे भूला दिए जाते है।ऐसा ही प्रदेश के उरी हमले में चार शहीद परिवारों के हुआ।

बाइट- राजेन्द्र प्रसाद सिंह-शहीद पिता


Conclusion:पुलवामा में जिस तरह का आतंकी हमला हुआ उसके बाद सरकार ने परिवार के लिए वादों की झड़ी लगा दी है ।अब तो उरी हमले के शहीद परिवार को दी गई आर्थिक सहायता से भी बहुत ज्यादा है ।उरी हमले के शहीद परिवार के लोग यही कहते है कि उनके साथ पूर्व की सरकारों ने जो किया अब उसकी पुनरावृति न हो । हमले में शहादत का दर्द परिवार को पूरी जिंदगी रहता है सरकार तो उसपर मलहम लगाती है।

पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
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