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कागज पर दौड़ रही 'खेलो इंडिया', जान जोखिम में डाल मेडल ला रहे नौनिहाल

जौनपुर की रिधिमा यादव(6) और अनुप्रिया यादव(6) स्केटिंग में काफी हुनरमंद हैं. स्केटिंग खिलाड़ी अनुप्रिया यादव गोल्ड मेडललिस्ट हैं और रिधिमा यादव स्टेट लेवल में पदक विजेता हैं. जिले में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम न होने से दोनों चिंतित हैं. यहां नन्हे मुन्ने बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर निर्माणाधीन सड़क पर स्केटिंग करते हैं. यहां कागज पर ही खेलो इंडिया योजना दौड़ रही है. नौनिहालों ने सरकार से एक स्टेडियम की मांग की है...

निर्माणाधीन सड़क पर स्केटिंग करते हैं खिलाड़ी
निर्माणाधीन सड़क पर स्केटिंग करते हैं खिलाड़ी
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Published : Mar 18, 2021, 2:36 PM IST

जौनपुर: सड़क का उपयोग यूं तो यातायात और आवागमन के लिए होता है, मगर जौनपुर के रहने वाले खिलाड़ी सड़क पर ही प्रैक्टिस कर मेडल ला रहे हैं. नन्हे मुन्ने बच्चे स्केटिंग के लिए निर्माणाधीन सड़क पर पसीना बहा कर खुद को तराश रहे हैं और अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा रहे हैं.

निर्माणाधीन सड़क पर स्केटिंग करते हैं नौनिहाल
सरकार खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का दावा कर रही है. मगर जौनपुर में खिलाड़ी सड़क पर स्केटिंग कर मेडल ला रहे हैं. नन्हे मुन्ने बच्चे स्टेडियम न होने की वजह से सड़कों पर ही पसीना बहा रहे हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर नन्हे मुन्ने बच्चे निर्माणाधीन सड़क पर स्केटिंग करते हैं. यह बच्चे न सिर्फ मंडल स्तर पर बल्कि, स्टेट लेवल पर प्रतिभाग कर मेडल प्राप्त कर रहे हैं. इनमें से कुछ बच्चों का चयन नेशनल के लिए भी हुआ है.

देखे स्पेशल रिपोर्ट.


इसे भी पढ़ें-VIDEO : कश्मीर के इस नए सितारे को मिला यूरोप के आइस स्केटिंग इवेंट में भारत का नाम रोशन करने का मौका


बच्चों के कोच और माता-पिता सड़क के दोनों तरफ वाहनों को खड़ा कर बच्चों के लिए किसी तरह प्रैक्टिस का स्थान उपलब्ध कराते हैं. कोच और बच्चों के परिजनों का कहना है कि जब इस सड़क पर यातायात शुरू हो जाएगा तो फिर उन्हें सीखने के लिए नई जगह तलाश करनी पड़ेगी. कभी सुबह-सुबह कचहरी तो कभी किसी स्कूल परिसर में बच्चों के कोच उन्हें स्केटिंग की ट्रेनिंग प्रदान करते हैं.

स्केटिंग खिलाड़ी .
स्केटिंग खिलाड़ी .

रिधिमा यादव को मिला माता-पिता का साथ
स्केटिंग खिलाड़ी रिद्धिमा यादव(6) अपने घर से फोरलेन पर सिर्फ स्केटिंग की कोचिंग लेने आती हैं. रिधिमा यादव ने स्केटिंग के लिए केरल, पुदुचेरी और दिल्ली समेत अन्य जगहों पर प्रतिभाग कर चुकी है. उनके पास स्टेट लेवल में पदक भी हैं. रिद्धिमा यादव स्केटिंग को लेकर काफी उत्साहित हैं. ईटीवी से बातचीत में रिद्धिमा कहती हैं कि उन्हें पढ़ाई से ज्यादा स्केटिंग करने में मजा आता है. उनके माता-पिता भी बखूबी इसमें उनका साथ देते हैं. रिद्धिमा का कहना है कि वह आगे चल कर इस खेल में और भी मेडल लाना चाहती हैं.

इसे भी पढ़ें-इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड : 6 साल के प्रणव चौहान ने आंखों पर पट्टी बांधकर की 16 किमी स्केटिंग

गोल्ड मेडललिस्ट हैं स्केटिंग खिलाड़ी अनुप्रिया यादव
प्राथमिक विद्यालय मर्गुपुर में पढ़ने वाली अनुप्रिया यादव(6) भी स्केटिंग में काफी हुनरमंद हैं. हाल में ही उन्होंने स्टेट लेवल पर नोएडा में आयोजित स्केटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. 400 और 600 मीटर स्केटिंग प्रतियोगिता में अनुप्रिया यादव को यह पदक मिला है. अनुप्रिया ने बताया कि अगर स्टेडियम रिंग होता तो निश्चित रूप से उनकी स्केटिंग की स्पीड में इजाफा हो सकता था.

स्केटिंग खिलाड़ी .
स्केटिंग खिलाड़ी रिधिमा यादव .

खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम की मांग
कोच विजय राज यादव कहते हैं कि वह विगत 20 वर्षों से स्केटिंग की कोचिंग दे रहे हैं. पांच वर्ष से जौनपुर में खिलाड़ियों को स्केटिंग की कोचिंग प्रदान कर रहे हैं. उनका कहना है कि छोटे शहरों में क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलों को ज्यादा महत्व दिया जाता है. छोटे शहर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. जौनपुर के बच्चे स्केटिंग में जनपद का नाम रोशन कर रहे हैं. कई खिलाड़ियों का चयन नेशनल लेवल पर भी हुआ है. उनकी मांग है कि अगर खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को और निखारना है तो स्टेडियम जैसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए. अगर स्टेडियम मिल जाएगा तो निश्चित तौर से इन बच्चों के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिलेगा.

जौनपुर: सड़क का उपयोग यूं तो यातायात और आवागमन के लिए होता है, मगर जौनपुर के रहने वाले खिलाड़ी सड़क पर ही प्रैक्टिस कर मेडल ला रहे हैं. नन्हे मुन्ने बच्चे स्केटिंग के लिए निर्माणाधीन सड़क पर पसीना बहा कर खुद को तराश रहे हैं और अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा रहे हैं.

निर्माणाधीन सड़क पर स्केटिंग करते हैं नौनिहाल
सरकार खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का दावा कर रही है. मगर जौनपुर में खिलाड़ी सड़क पर स्केटिंग कर मेडल ला रहे हैं. नन्हे मुन्ने बच्चे स्टेडियम न होने की वजह से सड़कों पर ही पसीना बहा रहे हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर नन्हे मुन्ने बच्चे निर्माणाधीन सड़क पर स्केटिंग करते हैं. यह बच्चे न सिर्फ मंडल स्तर पर बल्कि, स्टेट लेवल पर प्रतिभाग कर मेडल प्राप्त कर रहे हैं. इनमें से कुछ बच्चों का चयन नेशनल के लिए भी हुआ है.

देखे स्पेशल रिपोर्ट.


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बच्चों के कोच और माता-पिता सड़क के दोनों तरफ वाहनों को खड़ा कर बच्चों के लिए किसी तरह प्रैक्टिस का स्थान उपलब्ध कराते हैं. कोच और बच्चों के परिजनों का कहना है कि जब इस सड़क पर यातायात शुरू हो जाएगा तो फिर उन्हें सीखने के लिए नई जगह तलाश करनी पड़ेगी. कभी सुबह-सुबह कचहरी तो कभी किसी स्कूल परिसर में बच्चों के कोच उन्हें स्केटिंग की ट्रेनिंग प्रदान करते हैं.

स्केटिंग खिलाड़ी .
स्केटिंग खिलाड़ी .

रिधिमा यादव को मिला माता-पिता का साथ
स्केटिंग खिलाड़ी रिद्धिमा यादव(6) अपने घर से फोरलेन पर सिर्फ स्केटिंग की कोचिंग लेने आती हैं. रिधिमा यादव ने स्केटिंग के लिए केरल, पुदुचेरी और दिल्ली समेत अन्य जगहों पर प्रतिभाग कर चुकी है. उनके पास स्टेट लेवल में पदक भी हैं. रिद्धिमा यादव स्केटिंग को लेकर काफी उत्साहित हैं. ईटीवी से बातचीत में रिद्धिमा कहती हैं कि उन्हें पढ़ाई से ज्यादा स्केटिंग करने में मजा आता है. उनके माता-पिता भी बखूबी इसमें उनका साथ देते हैं. रिद्धिमा का कहना है कि वह आगे चल कर इस खेल में और भी मेडल लाना चाहती हैं.

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गोल्ड मेडललिस्ट हैं स्केटिंग खिलाड़ी अनुप्रिया यादव
प्राथमिक विद्यालय मर्गुपुर में पढ़ने वाली अनुप्रिया यादव(6) भी स्केटिंग में काफी हुनरमंद हैं. हाल में ही उन्होंने स्टेट लेवल पर नोएडा में आयोजित स्केटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. 400 और 600 मीटर स्केटिंग प्रतियोगिता में अनुप्रिया यादव को यह पदक मिला है. अनुप्रिया ने बताया कि अगर स्टेडियम रिंग होता तो निश्चित रूप से उनकी स्केटिंग की स्पीड में इजाफा हो सकता था.

स्केटिंग खिलाड़ी .
स्केटिंग खिलाड़ी रिधिमा यादव .

खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम की मांग
कोच विजय राज यादव कहते हैं कि वह विगत 20 वर्षों से स्केटिंग की कोचिंग दे रहे हैं. पांच वर्ष से जौनपुर में खिलाड़ियों को स्केटिंग की कोचिंग प्रदान कर रहे हैं. उनका कहना है कि छोटे शहरों में क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलों को ज्यादा महत्व दिया जाता है. छोटे शहर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. जौनपुर के बच्चे स्केटिंग में जनपद का नाम रोशन कर रहे हैं. कई खिलाड़ियों का चयन नेशनल लेवल पर भी हुआ है. उनकी मांग है कि अगर खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को और निखारना है तो स्टेडियम जैसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए. अगर स्टेडियम मिल जाएगा तो निश्चित तौर से इन बच्चों के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिलेगा.

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