जौनपुर: जनपद में लगातार कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ रही है. उसके बावजूद भी जिला अस्पताल में संचालित हो रहा पोषण पुनर्वास केंद्र बिना केंद्र प्रभारी के ही चल रहा है. बीते एक साल में पोषण पुनर्वास केंद्र में 346 बच्चे भर्ती हो चुके हैं. जिनको यहां पर रखकर पोषित करने का प्रयास तो किया जाता है, लेकिन बिना डॉक्टर के ये कैसे संभव है. वहीं केंद्र पर इन दिनों कुपोषित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. जिसके कारण अन्य कुपोषित बच्चों को इंतजार करना पड़ रहा है.
बिना केन्द्र प्रभारी संचालित हो रहा पोषण पुनर्वास केंद्र
जौनपुर जनपद कि जनसंख्या 45 लाख पार कर चुकी है. जनपद के कई इलाके काफी पिछड़े हैं. जहां पर बच्चों को गरीबी के चलते मां-बाप सही पोषण नहीं दे पा रहे हैं. जिला अस्पताल में इन कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किया गया है. वहीं इस पुनर्वास केंद्र में 10 बेड भी लगाए गए हैं, लेकिन कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण यहां कि ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं.
बच्चों के इलाज में हो रही है असुविधा
जनपद में कोई भी कुपोषित बच्चा पाए जाने पर यहां उसे 14 दिन तक रख कर उसका पोषण किया जाता है. बड़ी बात यह है कि यह पोषण केंद्र पिछले एक साल से बिना केंद्र प्रभारी के ही चल रहा है जिसके कारण बच्चों को पोषण के साथ-साथ उनके इलाज में असुविधा हो रही है. वहीं इस केंद्र में कुपोषण से जूझती तीसरी बार भर्ती हुई 3 साल की बच्ची को अच्छे इलाज की जरूरत है, लेकिन बिना केंद्र प्रभारी के बच्चों का अच्छा इलाज कैसे संभव है.
मजबूरी में काम चल रहा है. हम अकेले ही काम कर रहे हैं. बार बार इसकी जानकारी सीएमओ साहब से एक पीडियाट्रिशन की नियुक्ति के लिये कहा गया है, लेकिन अबी तक नियुक्ति नहीं हो पायी है. यहां nrc में भी मेडिकल ऑफिसर का पद खाली है. जब से nrc खुला है तब से मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति नहीं हो पाई है.
- डॉ. राम नगीना राम, प्रभारी, पोषण पुनर्वास केंद्र