जौनपुर: कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. ऐसे में सरकार ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कई सहूलियत भी दी है. लॉकडाउन में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम को अनुमति मिल गई है, लेकिन जौनपुर में अनुमति मिलने के बाद भी कोई काम शुरू नहीं हो सका है.
जिले में ग्राम प्रधान और जिला प्रशासन के बीच गतिरोध बना हुआ है, जिसके कारण मनरेगा में किसी भी तरह का रोजगार के सृजन का कार्य नहीं शुरू हो सका है. इस गतिरोध का खामियाजा गरीब मजदूरों को उठाना पड़ रहा है.
सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा कार्य की अनुमति दी थी, लेकिन जिले में 1745 प्रधानों ने मनरेगा काम करने से मना कर दिया है. प्रधानों का आरोप है कि जनपद में पिछले दिनों प्रधानों पर गलत तरीके से दुर्व्यवहार करके और उन्हें मनरेगा के पैसों को हड़पने का आरोप लगाकर जेल भेजा गया है. यह कार्य प्रधानों के सम्मान के खिलाफ है. इसलिए जनपद में कोई भी मनरेगा के कार्य शुरू नहीं होगा.
ग्राम प्रधानों की इस नाराजगी का खामियाजा जनपद के हजारों मनरेगा के मजदूरों को उठाना पड़ रहा है . इसी वजह से जनपद में अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है. जिला प्रशासन प्रधानों को मनाने में जुटा हुआ है, लेकिन प्रधान जेल गए साथियों को न्याय दिलाने पर अड़े हुए हैं.
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प्रधानों के साथ जिलाधिकारी ने दुर्व्यवहार किया है और उन पर गलत तरीके से मनरेगा के पैसे हड़पने का आरोप लगाकर कार्रवाई भी की है. इससे वो लोग नाराज हैं .जनपद में जब तक जिलाधिकारी रहेंगे कोई भी मनरेगा का काम नहीं शुरू होने देंगे.
डॉ. मनोज कुमार यादव, जिला अध्यक्ष, प्रधान संगठनप्रधानों के बीच गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इसी के तहत उनसे वार्ता भी की गई है. क्योंकि मनरेगा के तहत रोजगार सृजन से विकास होगा और लोगों का ही फायदा होगा. इसलिए कार्य शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
अनुपम शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी