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जौनपुर: 4 करोड़ की रकम के साथ एलआईसी एजेंट फरार - जौनपुर समाचार

यूपी के जौनपुर जिले में एलआईसी एजेंट के तकरीबन चार करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. पीड़ितों का कहना है कि आरोपी पिछले 35 सालों से मोहल्ले में रहता था. साथ ही आरोप है कि आरोपी एजेंट 150 लोगों का करीब 4 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया.

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पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर उपस्थित पीड़ित.
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Published : Jan 25, 2020, 6:34 PM IST

जौनपुरः जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गर्दन अर्जानी मोहल्ले में एलआईसी एजेंट का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. लोगों का आरोप है कि मोहल्ले के करीब 150 से ज्यादा लोगों से एलआईसी बांड धारकों के साथ ही जमीन एवं बॉन्ड के नाम पर करीब चार करोड़ का फर्जीवाड़ा एलआईसी एजेंट ने किया है. इससे पीड़ित लोगों ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से मिलकर शिकायत कर जांच की मांग की है. वहीं पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही एलआईसी एजेंट की गिरफ्तारी की बात कही है.

करोड़ों की चपत लगाकर फरार हुआ एलआईसी एजेंट.

कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गर्दन अर्जानी मोहल्ले में पिछले 35 सालों से रह रहा धीरज कुमार द्विवेदी एलआईसी एजेंट का काम करता था, जिस पर स्थानीय लोगों ने एलआईसी बांड के नाम पर करोड़ों के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है.

इसे भी पढ़ें- जौनपुरः सरकार के निर्देश सिर्फ कागजों तक, ...कुछ और है गौशालाओं की जमीनी हकीकत

पीड़ित डॉ. मनोज सिंह ने बताया कि 2021 में मेरा बांड पूरा हो रहा था, जिसे 2017 में ही एलआईसी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर पूरा पैसा निकाल लिया गया. पैसा सत्यम मिश्रा के खाते में भेजा गया, जिसकी मैंने एफआईआर दर्ज कराई है. उनका आरोप है कि पुलिस मामले में लापरवाही दिखा रही है और धीरज द्विवेदी को ढूंढने में मदद नहीं कर रही है.

जौनपुरः जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गर्दन अर्जानी मोहल्ले में एलआईसी एजेंट का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. लोगों का आरोप है कि मोहल्ले के करीब 150 से ज्यादा लोगों से एलआईसी बांड धारकों के साथ ही जमीन एवं बॉन्ड के नाम पर करीब चार करोड़ का फर्जीवाड़ा एलआईसी एजेंट ने किया है. इससे पीड़ित लोगों ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से मिलकर शिकायत कर जांच की मांग की है. वहीं पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही एलआईसी एजेंट की गिरफ्तारी की बात कही है.

करोड़ों की चपत लगाकर फरार हुआ एलआईसी एजेंट.

कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गर्दन अर्जानी मोहल्ले में पिछले 35 सालों से रह रहा धीरज कुमार द्विवेदी एलआईसी एजेंट का काम करता था, जिस पर स्थानीय लोगों ने एलआईसी बांड के नाम पर करोड़ों के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है.

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पीड़ित डॉ. मनोज सिंह ने बताया कि 2021 में मेरा बांड पूरा हो रहा था, जिसे 2017 में ही एलआईसी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर पूरा पैसा निकाल लिया गया. पैसा सत्यम मिश्रा के खाते में भेजा गया, जिसकी मैंने एफआईआर दर्ज कराई है. उनका आरोप है कि पुलिस मामले में लापरवाही दिखा रही है और धीरज द्विवेदी को ढूंढने में मदद नहीं कर रही है.

Intro:जौनपुर | जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गर्दन अर्जानी मोहल्ला के एलआईसी अर्जेंट द्वारा मोहल्ले के करीब 150 से ज्यादा लोगों से एलआईसी बॉन्ड धारकों के साथ जमीन एवं बॉन्ड के नाम पर करीब चार करोड़ का फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया है. जिससे पीड़ित लोगों ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से मिल कर पत्रक सौंप जांच की मांग किया. जिस पर पुलिस द्वारा जल्द ही एलआईसी एजेंट को पकड़ कर मामला सुलझाने की बात कही है.

Body:वीओ | कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गर्दन अर्जानी मोहल्ला धीरज कुमार द्विवेदी पिछले 35 सालों से निवास करते थे. जो एलआईसी एजेंट का कार्य करते थे. जिस पर स्थानीय लोगों ने एलआईसी बांड के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है. जिसको लेकर शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से मिलकर एलआईसी एजेंट धीरज कुमार द्विवेदी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र दिया. जिस पर पुलिस अधीक्षक शहर एजेंट को जल्द ही पकड़ने की बात करके लोगों को समझा बुझा कर भेज दिया.

शिकायत करने आई पीड़िता ने बताया की
धीरज कुमार द्विवेदी एलआईसी एजेंट द्वारा लोगों को बहला-फुसलाकर जमीन दिलाने एवं बांड के नाम पर डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों से करोड़ों का घोटाला कर जमीन बेचकर भाग गया है.




Conclusion:शिकायकर्ता डॉ मनोज सिंह ने बताया की हम लोगों के मोहल्ले में पिछले 35 सालों से एलआईसी एजेंट धीरज द्विवेदी रहता था. जो 150-200 एलआईसी एजेंटों का पैसा लेकर भाग गया है. डॉ मनोज ने बताया कि 2021 में मेरा बांड पूरा हो रहा था. जिसे 2017 में ही एलआईसी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर पैसा पूरा निकाल लिया गया. जिसका पैसा सत्यम मिश्रा के खाते में भेजा गया. जिस पर मैंने एफ आई आर दर्ज कराया है. पुलिस लापरवाही दिखा रही है और धीरज दिवेदी को ढूंढने में मदद नहीं कर रही है. डॉक्टर ने बताया कि मेरा चार लाख के रुपया है सबका मिला दिया जाए तो ये रकम चार करोड़ के ऊपर का फ्रॉड किया गया है. पूरे मामले को लेकर मैंने मुख्यमंत्री से लेकर डीआईजी आईडी तक पत्र भेज दिया है फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

बाईट - डॉक्टर मनोज कुमार सिंह - शिकायकर्ता

बाईट - सीमा

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
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