जौनपुर: मुंबई से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की समस्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. घर पहुंचने के बाद भी उन्हें गांव के बाहर खेत में पेड़ के नीचे क्वारंटाइन की अवधि को पूरा करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया की उन लोगों की कोई सुध लेने वाला नहीं है. वहीं वह घरों से खाना मांगाकर किसी तरह क्वारंटाइन अवधि को पूरा कर रहे हैं.
जनपद के सरपतहां थाना क्षेत्र के रुधौली (मिर्जापुर) ग्राम सभा में मुंबई से पलायन करने वाले श्रमिक अपने गांव पहुंचे. गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनको 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन होने को कहा, इसके कारण वे गांव के बाहर पेड़ के नीचे अपना बिस्तर डाल कर क्वारंटाइन की अवधि पूरी करने के लिए मजबूर हो गए.
मजदूरों की मानिए तो उनके गांव पहुंचने के बाद न ही कोई प्रशासनिक अफसर पहुंचा और न ही उनके लिए कोई व्यवस्था की गयी. वहीं उन्हें गांव के प्राथमिक विद्यालय में भी नहीं रखा गया, जिसके कारण वह खेत में पेड़ के नीचे रह रहे है. वहीं वे अपना खाना भी घर से मंगाकर खा रहे.
कोरोना के कारण मुंबई में काम धंधा नहीं चल रहा था, जिसके कारण वह लोग अपने घर वापस आ गए. इस बीमारी के कारण वह लोग घर नहीं जा पा रहे हैं. साथ ही इन लोगों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही थी. उनका कहना था कि उनके लड़के ने ग्राम प्रधान को फोन किया था फिर भी कोई मदद नहीं मिला. उनका कहना है कि उनकी कोई सुध नहीं ले रहा. उनका कहना है कि अभी तक न तो कोई अधिकारी आया है ,न ही ग्राम प्रधान पहुंचा है.
-रामधारी यादव, मजदूर