जौनपुर: जिला प्रशासन प्रमुख मार्गों और बाजारों की सफाई का दावा कर अपनी पीठ थपथपाता रहा है, लेकिन शहर के भीतर मोहल्लों और गलियों की तस्वीरें प्रशासन के दावों की आए दिन पोल खोलती हैं. उधर, शहर में साफ-सफाई के लिए लाए गए करोड़ों की लागत के वाहन पिछले चार महीनों से धूल फांक रहे हैं.
चार महीनों से धूल फांक रहे हैं वाहन
4 महीने पहले नगर पालिका की तरफ से लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की धनराशि से 23 सफाई वाहन खरीदे गए थे. कूड़ा उठाने के लिए खरीदे गए इन वाहनों की क्षमता 2 टन की है. इन वाहनों का प्रयोग मोहल्लों से गंदगी उठाकर कुल्हनामऊ स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक ले जाना था, लेकिन पिछले 4 महीनों से यह वाहन जलकल विभाग की शोभा बढ़ा रहे हैं. चालक की कमी के चलते यह वाहन संचालित नहीं हो पाए हैं.
धूल फांक रहे करोड़ों की लागत के सफाई वाहन बता दें शहर की आबादी लगभग सवा तीन लाख की है. प्रतिदिन यहां से लगभग 97 टन कूड़ा निकलता है. जिले में लगभग 544 सफाई कर्मियों की तैनाती भी है. लेकिन, फिर भी शहर में साफ-सफाई नहीं दिखती. नगर पालिका ने ढाई करोड़ की धनराशि से 32 वाहन खरीदने की व्यवस्था की गई थी. जिसमें से 4 महीने पहले 23 वाहन नगर पालिका ने उपलब्ध करा दिए गए, लेकिन फिर भी यह वाहन अभी तक संचालित नहीं कराए जा सके. इसके अलावा कैटल कैचर वाहन भी जलकल विभाग में धूल फांक रहा है.क्या बोले जिम्मेदारइस मामले में जब मुख्य राजस्व अधिकारी राजकुमार द्विवेदी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि गाड़ियों का क्रय मोहल्ले से कूड़ा डंप करने के लिए किया गया था. उन्होंने बताया कि अभी संज्ञान में लाया गया है कि वाहनों का उपयोग उस काम में नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में ईओ नगरपालिका का स्पष्टीकरण मांगा गया है. मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी.