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हत्या के मामले में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास

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Published : Mar 20, 2021, 8:27 PM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में वर्ष 2015 में हुई हत्या के मामले में एडीजी तृतीय की कोर्ट ने पिता-पुत्र को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

जौनपुर
जौनपुर

जौनपुरः दीवानी न्यायालय जौनपुर में एडीजी तृतीय की कोर्ट ने 2015 में हत्या के मामले में पिता-पुत्र को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आपसी रंजिश में थाना पंवारा के अंतर्गत बनकट गांव में आशीष कुमार पाल को पिता विनोद के ललकारने पर पुत्र सोनू ने तमंचे से गोली मार दी थी. इलाज के लिए ले जाते वक्त आशीष की मृत्यु हो गई थी.

ये था पूरा मामला
20 सितंबर 2015 में रास्ते में पानी के पाइप को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. आशीष कुमार पाल अपनी साइकिल से जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में बिछी पाइप के ऊपर से साइकिल ले जाने पर उक्त गांव के निवासी सोनू तिवारी हाथापाई करने लगा. इस दौरान उसने साइकिल के टायर से हवा निकाल दी. आशीष पाल के परिवार के लोग इस बात पर सोनू के घर गए तो सोनू ने अपने पिता को बुला लिया.

इसे भी पढ़ेंः जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में 2 आरोपी गिरफ्तार

लाया तमंचा
इस दौरान सोनू अपने घर से अवैध तमंचा भी ले आया. आशीष के परिवार के लोग जब इस बात की दुहाई देने लगे तो पिता ने उत्तेजित होकर अपने पुत्र को इन्हें मारने के लिए ललकारा. पिता के ललकारने पर पुत्र ने तमंचे से फायर कर दिया. आशीष कुमार पाल को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया.

15 गवाह किए पेश
इस बाबत डीजीसी क्राइम अनिल सिंह 'कप्तान' ने बताया कि मामले में कुल 15 गवाह पेश किए गए थे. यह मामला आपसी रंजिश का था, जिसमें पिता के ललकारने पर पुत्र ने कट्टे से गोली मार दी थी. अभियोजन पक्ष की तरफ से अधिवक्ता लाल बहादुर पाल ने साक्ष्य एकत्रित करके न्यायालय के समक्ष दिए थे. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा 18 कागज साबित कराए. इसके अलावा हत्या में प्रयुक्त किया गया कट्टा भी बरामद किया गया.

जौनपुरः दीवानी न्यायालय जौनपुर में एडीजी तृतीय की कोर्ट ने 2015 में हत्या के मामले में पिता-पुत्र को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आपसी रंजिश में थाना पंवारा के अंतर्गत बनकट गांव में आशीष कुमार पाल को पिता विनोद के ललकारने पर पुत्र सोनू ने तमंचे से गोली मार दी थी. इलाज के लिए ले जाते वक्त आशीष की मृत्यु हो गई थी.

ये था पूरा मामला
20 सितंबर 2015 में रास्ते में पानी के पाइप को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. आशीष कुमार पाल अपनी साइकिल से जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में बिछी पाइप के ऊपर से साइकिल ले जाने पर उक्त गांव के निवासी सोनू तिवारी हाथापाई करने लगा. इस दौरान उसने साइकिल के टायर से हवा निकाल दी. आशीष पाल के परिवार के लोग इस बात पर सोनू के घर गए तो सोनू ने अपने पिता को बुला लिया.

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लाया तमंचा
इस दौरान सोनू अपने घर से अवैध तमंचा भी ले आया. आशीष के परिवार के लोग जब इस बात की दुहाई देने लगे तो पिता ने उत्तेजित होकर अपने पुत्र को इन्हें मारने के लिए ललकारा. पिता के ललकारने पर पुत्र ने तमंचे से फायर कर दिया. आशीष कुमार पाल को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया.

15 गवाह किए पेश
इस बाबत डीजीसी क्राइम अनिल सिंह 'कप्तान' ने बताया कि मामले में कुल 15 गवाह पेश किए गए थे. यह मामला आपसी रंजिश का था, जिसमें पिता के ललकारने पर पुत्र ने कट्टे से गोली मार दी थी. अभियोजन पक्ष की तरफ से अधिवक्ता लाल बहादुर पाल ने साक्ष्य एकत्रित करके न्यायालय के समक्ष दिए थे. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा 18 कागज साबित कराए. इसके अलावा हत्या में प्रयुक्त किया गया कट्टा भी बरामद किया गया.

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