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जौनपुर: मुगलकालीन समय का मंदिर बना श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र - ancient shiva temple in zafarabad

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के जफराबाद में एक ऐतिहासिक शिव मंदिर है. लोगों का मानना है कि यह मंदिर मुगलकालीन का है. इस मंदिर की प्राचीनता और रहस्यमई शक्तियों के कारण यह मंदिर भक्तों को काफी आकर्षित करता है.

मुगलकालीन समय के शिव मंदिर पहुंचे श्रद्धालु.
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Published : Jul 30, 2019, 10:39 PM IST

जौनपुर: शिराज-ए-हिंद के नाम से भी जौनपुर जनपद जाना जाता है. यह जिला एक ऐतिहासिक जिला रह चुका है, जिसके कारण इस जिले में ऐतिहासिक महत्व की कई इमारतें हैं. जिले के जफराबाद में एक शिव मंदिर है, जो काफी प्राचीन माना जाता है. इसकी प्राचीनता को लोग मुगलकालीन का बताते हैं.

मुगलकालीन समय के शिव मंदिर पहुंचे श्रद्धालु.

जानें क्या है इस मंदिर का महत्व-
जिले में दो मंदिर काफी प्राचीन हैं, जिनमें से जफराबाद का शिव मंदिर शामिल है. लोगों का कहना है की मंदिर मुगलकालीन का है. इस मंदिर में एक कुआं है, जिसमें अरबी भाषा का लिखा हुआ है एक पत्थर लगा है, जिसको कोई आज तक नहीं पढ़ सका है. इस अरबी भाषा की लिखावट को देखकर ही लोग इसे मुगलकालीन का मंदिर बताते हैं.

मंदिर में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़-
यह मंदिर अपनी प्राचीन और रहस्यमई शक्तियों के कारण पूरे क्षेत्र में आस्था का विषय बना हुआ है. इस मंदिर की बनावट को भी इसकी प्राचीनता से जोड़कर देखा जाता है. मंदिर में दूर-दराज से भक्त दर्शन करने आते हैं. सावन के दिनों में यहां पर हर रोज भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.

जौनपुर: शिराज-ए-हिंद के नाम से भी जौनपुर जनपद जाना जाता है. यह जिला एक ऐतिहासिक जिला रह चुका है, जिसके कारण इस जिले में ऐतिहासिक महत्व की कई इमारतें हैं. जिले के जफराबाद में एक शिव मंदिर है, जो काफी प्राचीन माना जाता है. इसकी प्राचीनता को लोग मुगलकालीन का बताते हैं.

मुगलकालीन समय के शिव मंदिर पहुंचे श्रद्धालु.

जानें क्या है इस मंदिर का महत्व-
जिले में दो मंदिर काफी प्राचीन हैं, जिनमें से जफराबाद का शिव मंदिर शामिल है. लोगों का कहना है की मंदिर मुगलकालीन का है. इस मंदिर में एक कुआं है, जिसमें अरबी भाषा का लिखा हुआ है एक पत्थर लगा है, जिसको कोई आज तक नहीं पढ़ सका है. इस अरबी भाषा की लिखावट को देखकर ही लोग इसे मुगलकालीन का मंदिर बताते हैं.

मंदिर में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़-
यह मंदिर अपनी प्राचीन और रहस्यमई शक्तियों के कारण पूरे क्षेत्र में आस्था का विषय बना हुआ है. इस मंदिर की बनावट को भी इसकी प्राचीनता से जोड़कर देखा जाता है. मंदिर में दूर-दराज से भक्त दर्शन करने आते हैं. सावन के दिनों में यहां पर हर रोज भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.

Intro:जौनपुर।। शिराज ए हिंद के नाम से जौनपुर जनपद को जाना जाता है। यह जिला एक ऐतिहासिक जिला रह चुका है जिसके कारण इस जिले में ऐतिहासिक महत्व की कई इमारतें हैं। जौनपुर के जफराबाद में एक शिव मंदिर है जो काफी प्राचीन माना जाता है। इसकी प्राचीनता लोग मुगलकालीन बताते हैं क्योंकि मंदिर के कुएं में एक अरबी भाषा का लिखा हुआ है एक पत्थर लगा है। जिसको कोई आज तक नहीं पढ़ सका है। इस अरबी भाषा की लिखावट को देखकर ही लोग इसे मुगलकालीन मंदिर बताते हैं। यह मंदिर अपनी प्राचीनता और रहस्यमई शक्तियों के कारण पूरे क्षेत्र में आस्था का विषय बना हुआ है । इस मंदिर में दूरदराज से भक्त दर्शन करने आते हैं। सावन के दिनों में यहां पर हर रोज सैकड़ों की संख्या में भक्त आकर जल चढ़ाते हैं।


Body:वीओ। जौनपुर में दो शिव मंदिर काफी प्राचीन माने जाते हैं उनमें जफराबाद का शिव मंदिर भी शामिल है। यह मंदिर मुगलकालीन है क्योंकि इस मंदिर के पास हुए में एक अरबी भाषा में लिखा हुआ पत्थर लगा हुआ है । इस पत्थर की भाषा को आज तक कोई विद्वान नहीं पढ़ सका है। वही लोग बताते हैं कि इस मंदिर की बनावट को भी इसकी प्राचीनता से जोड़कर देखा जाता है। इस मंदिर की प्राचीनता 1000 साल से भी अधिक बताई जाती है.। वहीं इस मंदिर के प्रति पूरे क्षेत्र में लोगों में काफी आस्था है जिसके चलते सावन माह में यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। इस मंदिर की प्राचीनता के कारण प्रशासन और पुरातत्व विभाग का संरक्षण नहीं मिल सका है जिसके कारण यहां भक्त इसकी की देखरेख और मरम्मत कराते हैं।


Conclusion:बाइट- वीरेंद्र दास मंदिर पुजारी


पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
9044681067
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