जालौन: प्रदेश सरकार ने महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब हाईटेक बना दिया है. सरकार ने उनको स्मार्ट फोन देकर केंद्रों पर चलने वाली सभी गतिविधियां ऑनलाइन दर्ज करने की ट्रेनिंग दे दी है. स्मार्ट फोन के जरिए पोषण ट्रैकर एप से कुपोषित बच्चों सहित पूरा डेटा अब ऑनलाइन देखने को मिल सकेगा, जिससे कार्यकर्ताओं का कुपोषित बच्चो पर आंकलन निरंतर बना रहेगा, जिससे वह मौके पर जाकर सरकारी योजनाओं के प्रचार और हकीकत को स्मार्ट फोन के माध्यम से दिखा सकती हैं. इससे उनके काम करने में सहूलियत होगी.
उरई मुख्यालय के विकास भवन सभागार में जिले की सौ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक समारोह के दौरान स्मार्ट फोन वितरित किए गए. विकास भवन में आयोजित स्मार्ट फोन वितरण समारोह में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फ्रंटलाइन वर्कर होती हैं. ऐसे में उनका समुदाय से सीधे जुड़ाव होता है. वह सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी जिम्मेदारी से करती हैं. उन्होंने बताया कि विभागीय योजनाओं के प्रचार प्रसार के साथ कोरोना वैक्सीन में भी उन्हें जिम्मेदारी निभाकर शत प्रतिशत वैक्सीनेशन का काम कराया है. जिले में अभी करीब 65 प्रतिशत को पहली डोज लगी है. इसे शत प्रतिशत करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जुट जाए. उनकी विभागीय समस्याओं का समाधान कराया जाएगा. सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा और कालपी विधायक नरेंद्र पाल सिंह जादौन ने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट बना रही है. उन्हें दिवाली के पहले स्मार्ट फोन देकर एक तोहफा देने का काम किया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को दिलाने का काम करें. पोषण अभियान को सफल बनाए.
इसे भी पढ़ें-प्रियंका ने की बड़ी घोषणा, कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों के कर्ज को करेंगी माफ
जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने बताया कि जिले की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन से सुसज्जित किया जाएगा. इसके बाद उन्हें ब्लाकवार प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जाएगा. आंगनबाड़ी कार्यकत्री रानी कुशवाहा, आसमा परवीन ने कहा कि उन्हें आज स्मार्ट फोन मिल गया है. उन्होंने बताया कि जिले में 1815 आंगनबाड़ी केंद्रों के सापेक्ष 1795 स्मार्ट फोन आए हैं. जल्द बचे हुई महिलाओं को भी फोन दिए जाएंगे. अब वह अपना काम पूरी जिम्मेदारी से निभा सकेगी. यही नहीं स्मार्ट फोन से उन्हें काम में सहूलियत होगी.