जालौन: जिले में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जुलाई में पौधरोपण का महा अभियान चलाया गया, जिसके तहत जालौन जिले में 50 लाख से अधिक पौधे रोपित किए गए. आंकड़ों के अनुसार, वन विभाग को 19 लाख, पीडब्ल्यूडी विभाग को पांच लाख शेष 23 लाख पौधे अन्य विभागों को लगाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया.
पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिले की 80 किलोमीटर के डिवाइडर में अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए पौधों को रोपित किया, लेकिन अभी यह पौधे भगवान भरोसे ही बड़े हो पाएंगे, क्योंकि इनकी देखरेख के लिए न तो ट्री गार्ड लगा है और न ही जानवरों से बचाव के लिए इसका कोई प्रबंध किया गया है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभियान में सहयोगी विभागों ने वन विभाग की नर्सरियों से पौधों का उठान कर निजी संसाधनों से रोपण तो करा लिया, लेकिन रोपित पौधों को वृक्ष में तब्दील करने के लिए कोई योजना नहीं बनाई. पौधों को न तो समय-समय पर पानी दिया जा रहा है, न ही इस दिशा में किसी विभाग में कोई कार्य योजना तैयार कर रोस्टर तैयार किया है.
हाईवे के किनारे लगे पौधों को जानवर नष्ट करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वन विभाग के अधिकारी अंकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया वन विभाग के लिए प्लांटेशन में सुरक्षा की तीन वर्षीय कार्ययोजना बनी है. तीन साल में पौधा वृक्ष में तब्दील हो चुका होता है. ब्लॉकों में पौधों को पानी देने को कर्मचारी लगाए गए हैं. इसके अलावा वन विभाग के क्षेत्रों में लगाए गए पौधों की निगरानी की जा रही है.
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशासी अभियंता अवनीश कुमार ने बताया पौधों को हाईवे के डिवाइडर में लगे पौधों को संरक्षित करने के लिए अलग से फंड विभाग को नहीं दिया जाता है. इसके बावजूद विभाग समय-समय पर पानी और उनकी सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को राउंड पर लगा कर उनकी देखरेख करवाई जाती है.