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जालौन: स्वामित्व योजना को अमली-जामा पहनाने के लिए डीएम ने की बैठक - जालौन स्वामित्व योजना

यूपी के जालौन जिले में स्वामित्व योजना को अमली-जामा पहनाने के लिए जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने अधीनस्थों के साथ बैठक बुलाई. पहले फेज में 5 तहसील हैं. हर तहसील के 40 गांव को शामिल किया गया है.

स्वामित्व योजन को लेकर डीएम ने की बैठक.
स्वामित्व योजन को लेकर डीएम ने की बैठक.
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Published : Aug 6, 2020, 12:33 AM IST

जालौन : जिले में स्वामित्व योजना को अमली-जामा पहनाने के लिए जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने अधीनस्थों के साथ बैठक बुलाई. पहले फेज में 5 तहसील हैं. हर तहसील के 40 गांव को शामिल किया गया है. इस योजना के जरिए ग्रामीण इलाकों के लोगों को आवासीय जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल सकेगा.

उरई मुख्यालय के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने बताया कि ग्रामीण कस्बों के सर्वेक्षण के लिए गांव स्तर पर चार सदस्यीय टीम का गठन किया जाएगा. इसकी रिपोर्टिंग उपजिलाधिकारी को होगी. सर्वेक्षण के दौरान शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस बल की होगी. ड्रोन मैपिंग के दौरान व्यक्तिगत संपत्ति, सरकारी संपत्ति, ग्रामसभा जमीनें, सड़कें, खुले भूखंड की पहचान के लिए सीमा का चित्रांकन चूना डालकर पहले से किया जाएगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग के कर्मचारियों द्वारा जालौन के उरई तहसील के अंतर्गत 6 गांव और जालौन तहसील के पांच ग्रामों की हाईटेक ड्रोन कैमरे की मदद से आवासीय कस्बे का नक्शा तैयार किया जा रहा है. उसके बाद राजस्व के कर्मचारी फील्ड में उतरकर उस नक्शे को कस्बे के आधार पर नंबरिंग देंगे, जिससे परिसंपत्ति के स्वामित्व को अधिकार मिल जाएगा. ग्रामीण इलाकों में खेतों की जिस तरह खतौनी का इस्तेमाल होता है, उसी तरह ग्रामीण कस्बों में यह मैप तैयार होने के बाद इसे घरोनी का नाम दिया जाएगाा.

जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण आवासीय कस्बों में मैप न होने के कारण जमीनी विवाद सामने आते हैं. जिसका निपटारा करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता. इस समस्या को देखते हुए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की मदद से ग्रामीण कस्बे की मैपिंग कराई जा रही है. इसके तहत ग्रामीणवासियों को उनकी परिसंपत्ति का स्वामित्व योजना के तहत उन्हें अधिकार मिल जाएगा. इस योजना से वह ग्रामीण कस्बों में भी लोन की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे. ग्राम सभाओं को राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से टैक्स वसूलने में आसानी होगी. उनका कहना था कि यह योजना इस वर्ष तक पूर्ण कर ली जाएगी, जिससे जल्द से जल्द ग्रामवासियों को इसका लाभ मिल सके.

जालौन : जिले में स्वामित्व योजना को अमली-जामा पहनाने के लिए जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने अधीनस्थों के साथ बैठक बुलाई. पहले फेज में 5 तहसील हैं. हर तहसील के 40 गांव को शामिल किया गया है. इस योजना के जरिए ग्रामीण इलाकों के लोगों को आवासीय जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल सकेगा.

उरई मुख्यालय के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने बताया कि ग्रामीण कस्बों के सर्वेक्षण के लिए गांव स्तर पर चार सदस्यीय टीम का गठन किया जाएगा. इसकी रिपोर्टिंग उपजिलाधिकारी को होगी. सर्वेक्षण के दौरान शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस बल की होगी. ड्रोन मैपिंग के दौरान व्यक्तिगत संपत्ति, सरकारी संपत्ति, ग्रामसभा जमीनें, सड़कें, खुले भूखंड की पहचान के लिए सीमा का चित्रांकन चूना डालकर पहले से किया जाएगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग के कर्मचारियों द्वारा जालौन के उरई तहसील के अंतर्गत 6 गांव और जालौन तहसील के पांच ग्रामों की हाईटेक ड्रोन कैमरे की मदद से आवासीय कस्बे का नक्शा तैयार किया जा रहा है. उसके बाद राजस्व के कर्मचारी फील्ड में उतरकर उस नक्शे को कस्बे के आधार पर नंबरिंग देंगे, जिससे परिसंपत्ति के स्वामित्व को अधिकार मिल जाएगा. ग्रामीण इलाकों में खेतों की जिस तरह खतौनी का इस्तेमाल होता है, उसी तरह ग्रामीण कस्बों में यह मैप तैयार होने के बाद इसे घरोनी का नाम दिया जाएगाा.

जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण आवासीय कस्बों में मैप न होने के कारण जमीनी विवाद सामने आते हैं. जिसका निपटारा करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता. इस समस्या को देखते हुए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की मदद से ग्रामीण कस्बे की मैपिंग कराई जा रही है. इसके तहत ग्रामीणवासियों को उनकी परिसंपत्ति का स्वामित्व योजना के तहत उन्हें अधिकार मिल जाएगा. इस योजना से वह ग्रामीण कस्बों में भी लोन की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे. ग्राम सभाओं को राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से टैक्स वसूलने में आसानी होगी. उनका कहना था कि यह योजना इस वर्ष तक पूर्ण कर ली जाएगी, जिससे जल्द से जल्द ग्रामवासियों को इसका लाभ मिल सके.

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