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हाथरस: स्कूलों में जल संचयन को लेकर चलाया जा रहा अभियान

'जल है तो कल है' इन दिनों यह बात हाथरस में स्कूली बच्चों को समझाई जा रही है. ताकि आने वाले समय में पानी लोगों को मिल सके. इसके लिए बच्चों को जल संचयन के तरीके बताए जा रहे हैं. साथ ही जिले के कई स्कूलों में जल संचयन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है.

स्कूलों में जल संचयन पर अभियान चलाया जा रहा
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Published : Aug 10, 2019, 8:29 PM IST

हाथरस :जल संचयन को लेकर जहां सरकार गंभीर है वहीं इसके लिए लोगों को भी गंभीर होने का संदेश देने में लगी है. शिक्षा विभाग के लोग भी विद्यालयों में बच्चों को जल को बचाने के प्रति जागरूक करने में लगे हुए हैं. बच्चे भी इन बातों को अच्छे से समझ कर इस पर अमल करने और कराने में लगे हुए हैं. स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के लिए शपथ भी दिलाई जा रही है.

स्कूलों में जल संचयन पर अभियान चलाया जा रहा
जल संचयन को लेकर देश में तरह -तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं. हाथरस जिले में भी जल संचयन को लेकर अभियान चल रहा है. शिक्षा विभाग भी इसमें पीछे नहीं है सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को जल के महत्व को समझाया जा रहा है. खंड शिक्षा अधिकारी भी विद्यालयों में जा-जाकर स्कूली बच्चों को जल के बचाव को लेकर शपथ दिला रहे हैं.

जल को बर्बाद कर देंगे तो भविष्य में जल की बहुत कमी हो जाएगी और हम जल के लिए जगह-जगह भटकेंगे. 'जल है तो जीवन है', 'जल है तो कल है'.

शोएब, छात्र

जल का दुरुपयोग हो रहा है उसे रोकने के प्रयास कर रहे हैं. यदि हम जल को का दोहन करते रहे तो आने वाले समय में स्थिति बहुत खराब हो जाएगी जो हम सबके लिए तकलीफ पैदा कर देगी. हम सभी बच्चों को यह समझाने का प्रयास करते हैं कि जल का दुरुपयोग न करें.

पाती राम, प्रधानाध्यपक

जल संचयन को लेकर जो अभियान चलाया जा रहा है. निश्चित ही इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हम पानी को बचाने के लिए अभी से सचेत नहीं होंगे तो आगे स्थिति और गंभीर होगी.
नंदित कुमार गुप्ता, खंड शिक्षा अधिकारी

हाथरस :जल संचयन को लेकर जहां सरकार गंभीर है वहीं इसके लिए लोगों को भी गंभीर होने का संदेश देने में लगी है. शिक्षा विभाग के लोग भी विद्यालयों में बच्चों को जल को बचाने के प्रति जागरूक करने में लगे हुए हैं. बच्चे भी इन बातों को अच्छे से समझ कर इस पर अमल करने और कराने में लगे हुए हैं. स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के लिए शपथ भी दिलाई जा रही है.

स्कूलों में जल संचयन पर अभियान चलाया जा रहा
जल संचयन को लेकर देश में तरह -तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं. हाथरस जिले में भी जल संचयन को लेकर अभियान चल रहा है. शिक्षा विभाग भी इसमें पीछे नहीं है सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को जल के महत्व को समझाया जा रहा है. खंड शिक्षा अधिकारी भी विद्यालयों में जा-जाकर स्कूली बच्चों को जल के बचाव को लेकर शपथ दिला रहे हैं.

जल को बर्बाद कर देंगे तो भविष्य में जल की बहुत कमी हो जाएगी और हम जल के लिए जगह-जगह भटकेंगे. 'जल है तो जीवन है', 'जल है तो कल है'.

शोएब, छात्र

जल का दुरुपयोग हो रहा है उसे रोकने के प्रयास कर रहे हैं. यदि हम जल को का दोहन करते रहे तो आने वाले समय में स्थिति बहुत खराब हो जाएगी जो हम सबके लिए तकलीफ पैदा कर देगी. हम सभी बच्चों को यह समझाने का प्रयास करते हैं कि जल का दुरुपयोग न करें.

पाती राम, प्रधानाध्यपक

जल संचयन को लेकर जो अभियान चलाया जा रहा है. निश्चित ही इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हम पानी को बचाने के लिए अभी से सचेत नहीं होंगे तो आगे स्थिति और गंभीर होगी.
नंदित कुमार गुप्ता, खंड शिक्षा अधिकारी

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एंकर- जल संचयन को लेकर जहां सरकार गंभीर है। वहीं यह इसके लिए लोगों को भी गंभीर होने का संदेश देने में लगी है। शिक्षा विभाग के लोग भी विद्यालयों में बच्चों को जल को बचाने के प्रति जागरूक करने में लगे हुए हैं।बच्चे भी इन बातों को अच्छे से समझ कर इस पर अमल करने और कराने में लगे हुए हैं।स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के लिए शपथ भी दिलाई जा रही है।


Body:वीओ1- जल संचयन को लेकर देश में तरह -तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं। हाथरस जिले में भी जन संरक्षण को लेकर अभियान चल रहा है। शिक्षा विभाग भी इसमें पीछे नहीं है सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को जल के महत्व को समझाया जा रहा है ।खंड शिक्षा अधिकारी भी विद्यालयों में जा- जाकर स्कूली बच्चों को जल के बचाव को लेकर शपथ दिला रहे हैं। हाथरस विकासखंड के एक विद्यालय में एक बच्चे ने बताया कि जल को अनावश्यक बर्बाद नहीं होने देना चाहिए। बारिश के पानी को घर में टैंक बनाकर बचाना चाहिए। भैसों को समर्सिबल से नहीं नहलाना चाहिए और उससे ट्रैक्टर को भी नहीं धोना चाहिए। वहीं एक अन्य छात्र ने बताया कि हमारे सर समझाते है कि जल को बर्बाद न करें ।जल को बर्बाद कर देंगे तो भविष्य में जल की बहुत कमी हो जाएगी और हम जल के लिए जगह-जगह भटकेंगे। उसने बताया कि 'जल है तो जीवन है' ,'जल है तो कल है'। रतनगढ़ी पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पातीराम ने बताया कि जल का दुरुपयोग हो रहा है उसे रोकने के प्रयास कर रहे हैं।यदि हम जल को का दोहन करते रहे तो आने वाले समय में स्थिति बहुत खराब हो जाएगी जो हम सबके लिए तकलीफ पैदा कर देगी। हम सभी बच्चों को यह समझाने का प्रयास करते हैं कि जल का दुरुपयोग न करें। वही हाथरस ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी नंदित कुमार गुप्ता ने बताया कि जल संचयन विषय को हमने विकासखंड हाथरस के सभी पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बताया है। उन्होंने बच्चों को समझाया है कि जल हमारे लिए ईश्वर का अनमोल उपहार है इसे बचना जरूरी है।उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि चारों ओर जल संचयन को लेकर जो अभियान छेड़ा हुआ है। उससे देखने में लग रहा है कि आने वाले समय में निश्चित ही इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।उन्होंने बताया कि इस बात को बच्चे भी अच्छी तरह से समझ रहे हैं कि यदि हम पानी को बचाने के लिए अभी से सचेत नहीं होंगे तो आगे स्थिति और गंभीर होगी।
बाईट1-अनम मलिक-छात्र
बाईट2-शुएब-छात्र
बाईट3-पाती राम-प्रधानाध्यपक
बाईट4-नंदित कुमार गुप्ता-खंड शिक्षा अधिकारी,हाथरस ब्लॉक


Conclusion:फाइनल पीटूसी- 'जल है तो कल है', यह बात हाथरस में स्कूली बच्चों को समझाई जा रही है। ताकि आने वाले समय में पानी लोगों को मिल सके। इसके लिए बच्चों को जल संचयन के तरीके बताए जा रहे हैं ।उन्हें बताया जा रहा है कि कम पानी का प्रयोग करें, पानी को बिना बाद बर्बाद न होने दें।बच्चे इन बातों को अच्छे से समझ भी नहीं और लोगों को बता भी रहे हैं।
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