हाथरसः जिले में मेलों की शुरुआत रंगभरनी एकादशी से गोविन्द भगवन के रथयात्रा से ही शुरू हो जाती है. यह रथयात्रा बहुत ही ऐतेहासिक है जो निरंतर 110 वर्ष से निकाली जा रही है. इस रथयात्रा की शुरुआत 1912 में हुई थी.
हाथरस जिले के खाती खाने के भांग वाले नोहरा पर इस रथ का निर्माण हुआ था. 1976 में रथ के पहिए खराब होने पर भक्तो द्वारा इस तीन मंजिले रथ में हवाई जहाज के पहिए लगवाए गए थे. रथयात्रा वार्ष्णेय समाज द्वारा निकाली जाती है. परम्परागत रूप से श्री गोविन्द भगवान के मंदिर से शुरू हुई रथयात्रा नगर के विभिन्न भागों में घूमती है और लोग रथ में विराजमान श्री गोविन्द भगवान की पूजा अर्चना करते हैं.
भगवान भ्रमण के दौरान भक्तों को देते हैं आशीर्वाद
गोविंद भगवान के भक्त प्रवीण वार्ष्णेय ने बताया कि यह वेद भगवान का 110 वां रथ महोत्सव है. तीन मंजिला रथ जिसमें हवाई जहाज के पहिए लगे हुए शहर में भ्रमण करता है. गोविंद भगवान भ्रमण के दौरान भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. कोरोना का असर भी इस बार इस रथ महोत्सव में देखने को मिला. जहां हर बार इसमें दो दर्जन से अधिक झांकियां होती थीं. इस बार वह सीमित संख्या में दिखीं.
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